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'ये सदन की संपत्ति है, इसको मत तोड़ो', ओम बिरला की अपील पर राहुल गांधी बोले- सॉरी, गलती हो गई

मानसून सत्र के छठे दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तीखी बहस हुई. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कई गंभीर सवाल उठाए. अपने भाषण के दौरान राहुल ने कुछ ऐसे किया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोक दिया.

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ओम बिरल की अपील पर राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा सॉरी (Photo: Sansad TV via PTI)
ओम बिरल की अपील पर राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा सॉरी (Photo: Sansad TV via PTI)

Rahul Gandhi in Parliament Monsoon Session: संसद में मानसून सत्र का आज (मंगलवार) को छठवां दिन है. दोनों सदनों में पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से चर्चा की जा रही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शाम करीब पांच बजे लोकसभा को संबोधित किया और सरकार पर जमकर बोला और कई गंभीर सवाल पूछे. इस दौरान ऐसा वाक्या भी हुआ, जिसकी वजह से कांग्रेस सांसद को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से माफी मांगनी पड़ी.

लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर का हाथ है. उन्होंने कहा कि मुनीर को अमेरिका बुलाया गया और वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच पर बैठे नजर आया.

राहुल गांधी ने कहा, 'आसिम मुनीर उस समय ट्रंप के साथ लंच पर बैठा था, जहां हमारे प्रधानमंत्री तक नहीं जा सकते. यह बेहद चौंकाने वाला है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए भारत में आतंकवाद फैलाने वाले को आमंत्रित किया. लेकिन इस पर हमारे प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा. उन्होंने ट्रंप से यह तक नहीं पूछा कि उस आतंकी समर्थक को लंच पर क्यों बुलाया गया'.

राहुल गांधी जब यह बोल रहे थे तो उन्होंने मेज पर ज़ोर से हाथ मारा. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने टोका और कहा, 'यह सदन की संपत्ति है, कृपया इसे मत तोड़िए'. जिसके जवाब में राहुल ने कहा कि सॉरी सर गलती हो गई. 

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मन की बात नहीं, जनता की बात सुनिए

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "आप हर महीने 'मन की बात' करते हैं, लेकिन कभी जनता की बात नहीं सुनते. प्रधानमंत्री को किसानों, युवाओं और महिलाओं की आवाज सुननी चाहिए — जो महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं".

हम भारत के सबसे कमजोर तबकों के साथ खड़े हैं

राहुल गांधी ने अपने भाषण के अंत में दो टूक कहा, 'हमारी लड़ाई सत्ता से नहीं, अन्याय से है. हम उस भारत के साथ खड़े हैं जिसे आपने भुला दिया है — वो भारत जो खेत में काम करता है, फैक्ट्री में मज़दूरी करता है, और जिसकी थाली आज खाली है'.

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