केंद्र सरकार मनरेगा की जगह अब जी राम जी बिल लेकर आई है. यह बिल गुरुवार को पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा, दोनों सदनों से पारित हो गया. इसके साथ ही यह अब कानून की शक्ल लेने की ओर है और विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने जी राम जी विधेयक पारित होने के बाद इसके विरोध में पूरी रात संसद भवन परिसर में प्रोटेस्ट किया.
टीएमसी सांसदों का आरोप है कि यह विधेयक दोनों सदनों से बुल्डोज कर पास कराया गया. टीएमसी के राज्यसभा सांसदों ने संविधान सदन गेट पर महात्मा गांधी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की तस्वीरों और बैनर के साथ पूरी रात धरना दिया. टीएमसी सांसदों के धरने में अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल हुए.
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले शुक्रवार को डीएमके के तिरुचि शिवा, कांग्रेस की जेबी माथेर, नसीर हुसैन, इमरान प्रतापगढ़ी, शक्ति सिंह गोहिल के साथ ही आम आदमी पार्टी के संदीप पाठक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. रातभर चले धरने में राज्यसभा में टीएमसी की उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि यह विरोध मनरेगा के विनाश के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह से मनरेगा को खत्म किया और जी राम जी बिल लेकर आई, वह पूरी तरह से गलत है. ये बिल सदन में पेश किए जाने से महज पांच घंटे पहले हमें दिया गया. सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बिल पारित कराने के लिए बुल्डोजर नीति अपना रही है और कहा कि ये बिल सलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए था. हमने धरना इसीलिए दिया.
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टीएमसी सांसद ठंड से बचने के लिए कंबलों में लिपटे संविधान सदन की सीढ़ियों पर बैठे रहे. धरना दे रहे सांसदों के लिए जलपान उनके घरों से आया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने प्रोटेस्ट कर रहे टीएमसी सांसदों के लिए अपने घर से इडली भिजवाई. सपा सांसद जया बच्चन और कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी भी प्रदर्शन कर रहे सांसदों के लिए भोजन लेकर पहुंची थीं.
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शुक्रवार की सुबह टीएमसी के लोकसभा सांसदों ने भी प्रोटेस्ट जॉइन कर लिया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन टीएमसी सांसदों ने दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया और कोई भी सांसद सदन में नहीं गया. गौरतलब है कि लोकसभा में शिवराज सिंह चौहान जब जी राम जी बिल पर चर्चा का जवाब दे रहे थे, तब विपक्षी सांसदों ने कागज फाड़कर स्पीकर के आसन के सामने भी उछाले थे.