अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress,AITC), जिसे बोलचाल की भाषा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) कहा जाता है, एक भारतीय राजनीतिक दल है जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सक्रिय है. पार्टी का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही हैं, जिन्होंने 2011 से लगातार राज्य का नेतृत्व किया है (Mamata Banerjee CM of West Bengal).
यह वर्तमान में लोकसभा में 22 सीटों के साथ पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी है और विधायक की संख्या के हिसाब से चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. 2016 में चुनाव आयोग ने टीएमसी को राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी. टीएमसी जागो बांगला के नाम से अखबार प्रकाशित करती है (TMC Newspaper Jago Bangla).
26 से अधिक वर्षों तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की सदस्य रहने के बाद, ममता बनर्जी ने INC छोड़ दी और 1998 में TMC की स्थापना की. TMC का आधिकारिक चुनाव चिन्ह जोरा घास फूल है. 1998 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा (BJP) के साथ 8 सीटें जीतीं और 2000 में, टीएमसी ने कोलकाता नगर निगम चुनाव जीता. पार्टी शुरू में वाजपेयी सरकार के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हुई (TMC with BJP 1998).
2001 के विधानसभा चुनावों में, टीएमसी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में 60 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बन गया. 2004 के लोकसभा चुनाव और 2006 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा और बाद में एनडीए छोड़ दिया. 2009 के लोकसभा चुनाव में, टीएमसी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में पश्चिम बंगाल में 19 सीटें जीतकर मनमोहन सिंह की सरकार का हिस्सा बन गए. बनर्जी को रेल मंत्रालय सौंपा गया (Mamata Banerjee, Rail Minister 2009).
2010 के कोलकाता नगरपालिका चुनाव (Kolkata Municipal Election) में, पार्टी ने 141 में से 97 सीटें जीतीं. 2011 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, टीएमसी के नेतृत्व वाले गठबंधन जिसमें आईएनसी और एसयूसीआई (सी) शामिल थे, ने 294 सीटों वाली विधायिका में 227 सीटें जीतीं और 34 साल से सत्ता में रहने वाली वाम मोर्चा सरकार को हराया. 2014 के लोकसभा चुनावों में 42 में से 34 सीटों पर जीत हासिल की. यह राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति के लिए भी योग्य था, क्योंकि टीएमसी को पांच अलग-अलग राज्यों (पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, झारखंड और असम) से 6% वोट मिले थे. 2 सितंबर 2016 को चुनाव आयोग ने टीएमसी को एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी (TMC became National Party).
कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में शनिवार को हुई अव्यवस्था के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लियोनेल मेसी और उनके फैन्स से माफी मांगी है. दरअसल, प्रीमियम टिकट खरीदकर आए हजारों फैन्स तब नाराज हो गए, जब मेसी महज 10 मिनट से भी कम समय में मैदान छोड़कर चले गए. इससे गुस्साए दर्शकों ने विरोध प्रदर्शन किया, बोतलें फेंकीं और कई होर्डिंग्स को नुकसान पहुंचाया.
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम (विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (VYBK) ) में लियोनेल मेसी के पहुंचने पर भारी अव्यवस्था नजर आई. मेसी जब सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे तो उनकी झलक ना दिखने पर फैन्स ने बोतलें फेंकी, पोस्टर फाड़ दिए और वो बेकाबू हो गए. इसके बाद मेसी स्टेडियम में 10 मिनट ही रुके.
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा के अंदर टीएमसी सांसद के ई-सिगरेट पीने का मुद्दा उठाने के कुछ घंटों बाद सौगत रॉय को संसद परिसर के मकर गेट पर ई-सिगरेट पीते देखा गया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गिरिराज सिंह ने टीएमसी सांसद को टोका, जिस पर उन्होंने दिल्ली प्रदूषण का हवाला देकर अपने किए का बचाव करने की कोशिश की.
संदेशखाली केस में मुख्य आरोपी रहे शाहजहां शेख के खिलाफ गवाह रहे शख्स और उसके बेटे की कार को एक खाली ट्रक ने टक्कर मारी, जिसमें बेटे की मौत हो गई. इस खबर के सार्वजनिक होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. सियासत तेज हो गई है. जाहिर है कि इसे लोग सामान्य मौत नही मान रहे हैं.
निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी के खिलाफ एक बड़ी चाल चली है. उन्होंने ऐलान किया कि वह 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. कबीर ने दावा किया कि वह ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेंगे.
वंदे मातरम् पर संसद में बहस हुई, और ममता बनर्जी को मजबूरी में समर्थन करना पड़ा. क्योंकि, पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं. बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बात को ममता बनर्जी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि वो तत्काल प्रभाव से भूल सुधाकर कर चुके होते हैं.
BJP नेता शहजाद पूनावाला ने TMC पर संविधान के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि कैसे डी से डिस्टॉर्शन, डिसइन्फॉर्मेशन और धमकियां दी जा रही हैं. टीएमसी के लोग भी इस धमकी का हिस्सा रहे हैं. उन्होनें ममता बनर्जी और फिराद हकीम जैसे नेताओं पर आरोप लगाया और कहा कि वे संविधान के रक्षक नहीं बल्कि संविधान के भक्षक हैं.
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक विवाद और सियासत ने तूल पकड़ लिया है. मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास और कोलकाता में सामूहिक गीता पाठ के आयोजन के बीच चुनावी राजनीति तेज हो गई है. गीता पाठ के जरिए हिंदू एकता की कोशिश की जा रही है जबकि बाबरी मस्जिद के मुद्दे ने माहौल और गरमाया है.
वंदे मातरम् का मुद्दा ममता बनर्जी के लिए आगे कुआं और पीछे खाई जैसा मामला है. चाहे वो सपोर्ट करने का फैसला करें, या फिर विरोध करने का - और यही वजह है कि ये मुद्दा जहां ममता बनर्जी के लिए आपदा जैसा है, बीजेपी के लिए बेहतरीन चुनावी अवसर बना है.
बंगाल में धर्मयुद्ध छिड़ गया है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले धर्म वाली सियासत गरमाने लगी है. कल मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में TMC से निष्काषित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया. वहीं आज कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सामूहिक गीता पाठ किया गया. सैकड़ों साधु संत समेत लाखों लोग शामिल हुए. यूं तो सनातन संस्कृति संसद की ओर से हर साल सामूहिक गीता पाठ का आयोजन कराया जाता है. लेकिन अगले साल होने वाले चुनाव से पहले इसे भी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन... श्रीमद भगवत गीता के इस श्लोक का मतलब है कि कर्म करो, परिणाम की चिंता मत करो. लेकिन आज पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जो कुछ हुआ, उसमें कर्म भी है और फल की चिंता भी. बेशक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता का सामूहिक पाठ किया गया. दावा किया गया कि पांच लाख लोगों ने एक साथ गीता के श्लोकों का पाठ किया. इस कार्यक्रम में साधु-संत से लेकर बीजेपी के नेता शामिल हुए. लेकिन इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने अगले साल होने वाले बंगाल चुनाव में सियासी दंगल का प्लॉट तैयार कर दिया है. एक दिन पहले ही यानी शनिवार को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की ईंट रखी गई तो आज मंत्रों की लय में डूब गया पूरा ब्रिगेड मैदान.
ममता बनर्जी की पार्टी से निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर ने आज मुर्शिदाबाद के बेलडांगा की मिट्टी में बाबरी के नाम की मस्जिद की आधारशिला रख दी. बेलडांगा में रखी गई यह नींव ईंट से ज्यादा राजनीति की परतें जोड़ रही है. सबसे बड़ा सवाल कि क्या बंगाल में बाबरी के नाम की मस्जिद 2026 के विधानसभा चुनाव का रुख मोड़ देगा? क्या बंगाल में इसके जरिए वोट बैंक की राजनीति का कार्ड चला गया है? देखें दंगल.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के शिलान्यास का ऐलान करने वाले हुमायूं कबीर को टीएमसी ने सस्पेंड कर दिया है - सवाल ये है कि हुमायूं कबीर से ममता बनर्जी नाराज उनके बागी रुख से हैं, या बाबरी मस्जिद बनवाने के ऐलान से?
बाबरी मस्जिद से जुड़े बयान मुद्दे पर अब बंगाल सरकार और सूबे के गवर्नर सीवी आनंद बोस के बीच तनाव बढ़ गया है. राज्यपाल ने हुमायूं कबीर के बयानों पर राज्य सरकार से कड़ा सवाल किया है कि उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया गया.
तृणमूल कांग्रेस ने बागी नेता हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है. टीएमसी का आरोप है कि हुमायूं कबीर बीजेपी की मदद से सांप्रदायिक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
वंदे मातरम के मुद्दे पर ममता बनर्जी के सपोर्ट की असली वजह पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहा विधानसभा चुनाव है. संसद में विशेष चर्चा को भी टीएमसी ने गौरवपूर्ण बताया है - वरना, ममता बनर्जी की राय तो 'जय श्रीराम' के नारे पर रिएक्शन जैसा भी हो सकता था.
बंगाल में बीजेपी मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए अपनी टोन बदलती नजर आ रही है. जाहिर है चुनावी गणित में इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह से बीजेपी पिछड़ना नहीं चाहती है. पर क्या पार्टी के लिए यह नीति बैकफायर नहीं कर सकती है?
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने SIR की खराब योजना और उसमें हुई 40 मौतों के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. अभिषेक ने बीजेपी पर बंगाल के लोगों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि TMC से लड़ना हो तो सीधे उनसे लड़ें, उन्होंने चुनाव आयोग की जवाबदेही और सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए.
मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के बागी विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के नाम पर नई मस्जिद के शिलान्यास का ऐलान किया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया. कबीर अपनी बात पर अड़े हुए हैं और उन्होंने मस्जिद के विरोध करने वालों को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि यदि कोई उनका सिर काटना चाहता है तो वह शिलान्यास समारोह के दौरान आ सकता है.
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सरकार के सामने अपना पक्ष रखा और SIR के मुद्दे पर चर्चा की बात कही. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया कि हम विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार हैं. बता दें कि सोमवार से शुरू होने वाला ये सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा.
पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर टीएमसी और चुनाव आयोग के बीच चर्चा जारी है. आज टीएमसी के डेलिगेशन ने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की. इस दौरान टीएमसी सांसदों ने चुनाव आयोग के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट की. टीएमसी का कहना है कि उन्होंने चुनाव आयोग से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है.