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पश्चिम बंगाल: बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को कोर्ट से राहत नहीं, 19 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश

कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया. आदेश में कहा गया है कि ऐसा न करने पर अधिकारी के खिलाफ आवश्यक आदेश पारित किया जाएगा. इससे पहले कोर्ट ने मामले में उनको समन जारी कर पेश होने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज गुरुवार को कोर्ट नहीं पहुंचे थे.

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बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को अली कोर्ट ने 19 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं. उनके खिलाफ अमित बनर्जी (अभिषेक बनर्जी के पिता) ने मानहानि का मामला दायर किया हुआ है, जिसको लेकर कोर्ट ने उन्हें 19 दिसंबर को पेश होने को कहा है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के पिता द्वारा दायर मानहानि के मामले में शुभेंदु अधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उन्होंने कोर्ट में व्यक्तिगत पेश होने से छूट मांगी थी. 

1 दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे रिकॉर्ड में रखा और शुभेंदु अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट पेश होने का निर्देश दिया. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा न करने पर उनके खिलाफ आवश्यक आदेश पारित किया जाएगा. इससे पहले कोर्ट ने मामले में अधिकारी को समन जारी कर पेश होने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज गुरुवार को कोर्ट नहीं पहुंचे थे.

बता दें कि टीएमसी ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ अभिषेक बनर्जी के बेटे की बर्थडे पार्टी को लेकर टिप्पणी करने पर 16 नवंबर को केस दर्ज करवाया था. टीएमसी ने उन पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया था. दशुभेंदु ने कुछ दिन पहले ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अभिषेक बनर्जी के बेटे के तीसरे जन्मदिन के आयोजन में 500 से अधिक पुलिसकर्मियों और बम निरोधक दस्ता आदि तैनात करने का आरोप लगाया था.

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इसके बाद अभिषेक बनर्जी के पिता अमित बनर्जी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें आरोप लगाया गया है कि 20 जून को अधिकारी ने कई मीडियाकर्मियों के सामने कहा था कि अमित ने 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है. उन्होंने बताया कि इस बयान पर बीजेपी नेता को माफी मांगने के लिए एक वकील का नोटिस भेजा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं भेजा इसलिए उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर किया.

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