यूएपीए के तहत 8 साल से न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. यूएपीए के तहत दर्ज मुकदमे में अंडर-ट्रायल आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का ऑर्डर जारी किया है. ये आरोपी लगभग 8 साल से न्यायिक हिरासत में था.
आरोपी जाहिर हक को आतंकी साजिश के भागीदार के तौर पर UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत 18 मई 2014 को गिरफ्तार किया था. अब उसके ट्रायल में हो रही लगातार देरी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने आरोपी जाहिर हक की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद जाहिर हक ने राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पेटिशन दाखिल कर चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के लिए अभियोजन पक्ष 109 गवाहों से पूछताछ करना चाहता है. इनमें से अब तक केवल 6 गवाहों का ही पूरी तरह से परीक्षण किया गया है. अभियोजन पक्ष का कहना था कि आरोपी जाहिर हक आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के एक आरोपी के संपर्क में था, जो स्लीपर सेल का प्रमुख है. लिहाजा इसके संपर्क सीधे सीधे आतंकी संगठनों से हैं, इसलिए अभी उसे जमानत पर कैद से बाहर करने का सीधा मतलब होगा मुकदमे की सुनवाई पर असर पड़ना. लेकिन कोर्ट ने ये दलील दरकिनार करते हुए जाहिर को जमानत पर रिहा कर दिया.