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ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद बड़ा एक्शन, साउथ ईस्टर्न रेलवे की GM अर्चना जोशी का ट्रांसफर

ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी का ट्रांसफर कर दिया गया है. उनकी जगह भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स सेवा के अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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ओडिशा ट्रेन हादसा (फाइल फोटो)
ओडिशा ट्रेन हादसा (फाइल फोटो)

ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद रेलवे के साउथ ईस्टर्न जोन के कई अधिकारियों का ट्रांसफर किया जा चुका है. इस बीच शुक्रवार को जोन की महाप्रबंधक अर्चना जोशी का ट्रांसफर कर दिया गया है. अब उनकी जगह अनिल कुमार मुश्रा को साउथ ईस्टर्न जोन का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है. 

SER जोन की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को कर्नाटक के येलहंका में रेल व्हीकल फैक्ट्री में महाप्रबधक के रूप में ट्रांसफर कर दिया गया. भारतीय रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) की 1985 बैच की अधिकारी अर्चना जोशी ने 30 जुलाई, 2021 को महाप्रबंधक का पद संभाला था. वह अब कर्नाटक के यलहंका में रेल व्हील फैक्ट्री के महाप्रबंधक का पद संभालेंगी.  

महाप्रबंधक बनने वाली पहली महिला IRTS अधिकारी  

साउथ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में शामिल होने से पहले जोशी ने पर्यटन और खानपान, रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड में अतिरिक्त सदस्य के रूप में काम किया. वह महाप्रबंधक बनने वाली पहली महिला आईआरटीएस अधिकारी थीं. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने रेलवे बोर्ड की सिफारिश पर भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स सेवा के अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा को साउथ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में नियुक्त किया है. 

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इससे पहले भी कई अधिकारियों के ट्रांसफर 

इससे पहले रेलवे बोर्ड ने सहायक महाप्रबंधक और मंडल रेल प्रबंधक समेत जोन के पांच सीनियर अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया था. बता दें कि दो जून को हुए बालासोर ट्रेन हादसे में 290 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.  

दो जून को हुआ था बालासोर ट्रेन हादसा 

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर जिले में बीते 2 जून को तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई थी. बहनागा बाजार स्टेशन के पास SMVB-हावड़ा एक्सप्रेस (12864), कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर हुई थी. हादसे में 293 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 

कैसे हुआ इतना बड़ा रेल हादसा? 

बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल में कोलकाता के हावड़ा स्टेशन और तमिलनाडु के चेन्नई के बीच चलती है. हादसे में 15 बोगियां पटरी से उतरी थीं. 7 बोगियां पूरी तरह पलट गई थीं. तीनों गाड़ियों के आपस में टकराने को लेकर रेलवे बोर्ड ने एक और बड़ी जानकारी दी थी. 

बोर्ड ने ड्राइवरों के हवाले से बताया था कि सिग्नल में गड़बड़ी के कारण यह हादसा हुआ. कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर ने बताया था कि उसने ग्रीन सिग्नल देखकर ही आगे का रास्ता तय किया था. वहीं, यशवंतपुर एक्सप्रेस के ड्राइवर ने हादसे से पहले अजीब-सी आवाज सुनने का दावा किया था. बता दें कि इस भयानक हादसे में कोरोमंडल ट्रेन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.

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