ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में 2 जून 2023 की शाम बड़ा ट्रेन हादसा हुआ. बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) और मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हुई (Coromandel Express Collision). घटना की जानकारी मिलते ही बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ समेत कई टीमें मौके पर पहुंच गई (Odisha Train Accident 2023).
रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने हालात की पूरी जानकारी और बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए दिल्ली से घटना स्थल पर जाने का फैसला लिया (Odisha Train Accident Rail Minister).
यह बड़ी दुर्घटना शाम करीब 6 बजकर 51 मिनट पर हुई, जिसमें ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गए. टक्कर होने से सात डिब्बे पलट गए, चार डिब्बे रेल बाउंड्री के बाहर चली गईं. घटना में 288 लोगों की मृत्यु हो गई और 1100 से ज्यादा जख्मी हो गए (Odisha Train Accident Dead and Injured). रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिजन को 10 लाख, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख और कम जख्मी लोगों को 50 हजार का मुआवजा देने का ऐलान किया है (Odisha Train Accident Compensation).
हादसे में जख्मी यात्रियों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में भर्ती करा दिया गया है. फिलहाल इस रूट की सभी ट्रेनों को भी रोक दिया गया है. इसके अलावा 32 लोगों की एनडीआरएफ की एक और टीम रेस्क्यू के लिए भेज दी गई है (Odisha Train Accident Rescue Team).
वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की देखरेख में प्रभावित हिस्से पर बचाव और बहाली का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. सीपीआरओ मिश्रा के मुताबिक फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एक राहत ट्रेन की व्यवस्था की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि पटरी से उतरने के कारण तीन ट्रेनों का रूट बदला गया है. ये ट्रेनें धौली एक्सप्रेस, नीलाचल एक्सप्रेस और पुरुलिया एक्सप्रेस हैं.
यूपी के गोंडा में गुरुवार दोपहर बड़ा रेल हादसा हो गया. देश में पिछले एक साल में हुए रेल हादसे में 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. एक साल के भीतर हुए रेल हादसों पर एक नजर डालते हैं.
West Bengal Train Accident: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी, जिससे कई बोगियां रेलवे ट्रैक से नीचे उतर गए.
ओडिशा के संबलपुर में बुधवार (8 नवंबर) को एक बड़ा हादसा होने होते-होते टल गया. दरअसल एक भैंस रेलवे ट्रैक पर आ गई और इसी दौरान वहां से ट्रेन गुजर रही थी. इस वजह से ट्रेन ट्रैक से उतर गई, गनीमत ये रही कि हादसे में किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ.
बालासोर ट्रेन हादसे में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं. तीनों आरोपियों को सीबीआई ने 7 जुलाई को अरेस्ट कर लिया था.
ओडिशा के बालासोर में रेल हादसा होने के करीब 51 घंटे बाद पहली ट्रेन रवाना हो चुकी है.
ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण सड़क हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इन कर्मचारियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत गिरफ्तार किया है. इस हादसे में तीन ट्रेन एक दूसरे की चपेट में आए थे.
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है. रिपोर्ट में 'मानवीय चूक' और कोरोमंडल एक्सप्रेस को 'गलत सिग्नल' दिए जाने की बात कही गई है. हालांकि, रिपोर्ट में बाकी जानकारी गुप्त रखी गई है. बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड अब सीबीआई जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.
ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी का ट्रांसफर कर दिया गया है. उनकी जगह भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स सेवा के अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.
ओडिशा रेल हादसे के बाद सीबीआई इस मामले की जांच में जुटी हुई है. इस कड़ी में सोमवार को सामने आया है कि सीबीआई ने सोरो सेक्शन के सिग्नल जेई का घर सील कर दिया है. सिग्नल जेई परिवार सहित लापता है. हालांकि रेलवे ने इन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है.
ओडिशा में अब एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हो गई है. रायगढ़ा में अंबाडाला के पास एक मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतर गए. हालांकि इससे दूसरे ट्रेनों की आवाजाही पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. मालगाड़ी पटरी से क्यों उतरी रेलवे की तरफ से इसकी जांच की जा रही है.
महाठग सुकेश ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है. इसमें उसने ओडिशा ट्रेन हादसे के पीड़ितों को 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की इच्छा जताई है. मंत्री को लिखे पत्र में सुकेश ने कहा है कि यह योगदान उनके निजी कोष से है, जो उनकी कमाई के 'वैध स्रोत' से है.
रेलवे बोर्ड ने अप्रैल में ही अपने सिग्नलिंग कर्मचारियों को मेंटेनेंस के बाद उचित परीक्षण के बिना सिग्नलिंग गियर को फिर से जोड़ने के तरीके में शॉर्टकट का इस्तेमाल करने से रोका था. इतना ही नहीं 3 अप्रैल को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड ने उन 5 घटनाओं का जिक्र किया था, जहां शॉर्टकट तरीकों का इस्तेमाल करने से घटनाएं हुईं थीं.
बालासोर हादसे में मारे गए 207 लोगों की पहचान हो चुकी है. इनके शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है. जबकि जिन 81 शवों की पहचान नहीं हुई, उन्हें एम्स भुवनेश्वर में खास तरीके के 4 कंटेनरों में रखा गया है. इन शवों की पहचान के लिए 75 के डीएनए सैंपल दिल्ली की फोरेंसिक साइंस लैब भेजे गए हैं.
रेलवे ने कहा है कि संरक्षा कोष (आरआरएसके) का उपयोग सिर्फ संरक्षा संबंधी व्यय में किया गया है. सुरक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर रेलवे ने लोको पायलटों के लिए उचित आराम और तनाव से राहत के लिए रनिंग रूम में बॉडी मसाजर, फुट मसाजर, एयर कंडीशनिंग आदि जैसी सुविधाएं और सुविधाएं प्रदान की हैं. यह सामान ट्रेनों में सुरक्षित यात्रा के लिए आवश्यक है.
ओडिशा ट्रेन हादसे में जीवित बचे लोगों में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर देखने को मिल रहा है. इन मरीजों का डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और विशेषज्ञों की टीम काउंसिलिंग करने में जुटी है. डॉक्टर्स का कहना है कि हादसे में घायल हुए लोगों में कोई घबरा रहा है. कोई साधे चुप्पी रहता है. किसी के सपने में भयावह मंजर आ रहा है.
बालासोर में भीषण रेल हादसा होने के बाद अब उस रेलवे स्टेशन से कोई भी ट्रेन नहीं गुजरेगी जहां यह दुर्घटना हुई थी. सीबीआई ने लॉग बुक, रिले पैनल और उपकरण जब्त करने के बाद स्टेशन को सील कर दिया है.
ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के शवों को बालासोर के एक स्कूल में रखा गया था. छात्रों द्वारा स्कूल आने से इनकार करने पर ओडिशा सरकार ने तोड़कर दोबारा बनाने का ऐलान किया. रिपोर्ट के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल लोगों को नींद के अलावा कई तरह की परेशनानियां आ रही हैं. देखें रिपोर्ट.
बालासोर में भीषण रेल हादसा होने के बाद अब उस रेलवे स्टेशन से कोई भी ट्रेन नहीं गुजरेगी जहां यह दुर्घटना हुई थी. सीबीआई ने लॉग बुक, रिले पैनल और उपकरण जब्त करने के बाद स्टेशन को सील कर दिया है, इसलिए कोई ट्रेन अभी बहनगा बाजार स्टेशन पर नहीं रुकेगी.
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे वाली जगह से गुजरने पर लोगों को अजीब सी महक आ रही है. इस बात की शिकायत करते हुए लोगों ने वहां और लोगों की लाश होने की आशंका जताई है. कम्प्लेंट मिलने के बाद रेलवे ने एक बार फिर मौके की जांच कराकर बदबू आने की वजह बताई है.
डेटा लॉगर ट्रेन के ब्लैक बॉक्स की तरह होता है. जैसे ही सिग्नल सिस्टम का बटन दबता है, वैसे ही ये सारी चीजें रिकॉर्ड करने लगता है. अब डेटा लॉगर की मदद से ही हादसे की जांच करने में मदद मिलेगी.