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'ताकत लफ्जों में डालो...' राज्यसभा में शायराना हुए सभापति, खड़गे बोले- '...तब हंसता कौन है?'

राज्यसभा में शुक्रवार को भी हंगामा जारी रहा. हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित होने से पहले राज्यसभा में शायरी का भी दौर चला. सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की ओर मुखातिब होते हुए शायरी की तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उसका उसी अंदाज में जवाब दिया.

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जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे
जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे

राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा में हंगामे और नारेबाजी के कारण कार्यवाही स्थगित होने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ का शयराना अंदाज भी देखने को मिला. सभापति धनखड़ की शायरी पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता सदन पीयूष गोयल का हल्के अंदाज में वार-पलटवार भी नजर आया.

दरअसल हुआ ये कि सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही शुरू होते ही सभापति ने मंत्रियों और अन्य सदस्यों से अपने नाम के आगे अंकित पत्र सदन पटल पर रखने के लिए कहा. सदस्यों ने अपने-अपने नाम के आगे अंकित पेपर प्रस्तुत किए. सभापति जगदीप धनखड़ ने इसी बीच केंद्रीय मंत्री दर्शना विक्रम जरदोश का नाम लिया. केंद्रीय मंत्री दर्शना उस समय सदन में मौजूद नहीं थीं.

इसके कुछ देर बाद दर्शना विक्रम जरदोश सदन में पहुंची और तब अपने नाम के आगे अंकित पत्र प्रस्तुत किया. जगदीप धनखड़ ने इसे लेकर नाराजगी जताई और नेता सदन पीयूष गोयल से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि केंद्रीय मंत्री अपने नाम के आगे अंकित पत्र प्रस्तुत करने के लिए सदन में मौजूद रहें. इसके बाद विपक्ष की ओर से कुछ आवाजें आने लगीं.

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जब सूखा पड़ता है, तब हंसता कौन है

सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर विपक्ष की ओर मुखातिब होते हुए शायराना अंदाज में अपनी बात कही. जगदीप धनखड़ ने कहा- 'ताकत लफ्जों में डालो, आवाज में नहीं... फसल बारिश में उगती है, बाढ़ में नहीं'. सभापति की इस शायरी पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जवाब दिया. उन्होंने जवाब में कहा कि जब सूखा पड़ता है, तब हंसता कौन है?

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यहां सदन में सूखा पड़ा है. इस पर नेता सदन पीयूष गोयल भी खुद को नहीं रोक पाए. उन्होंने कहा कि बारिश, बाढ़ जो प्राकृतिक है, उसमें तो हम कुछ नहीं कर सकते. लेकिन हम जो कर सकते हैं, वो तो करें. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं कोई शायर तो नहीं लेकिन एक और शायरी.

इतना मत बोलो कि लोग चुप होने का इंतजार करें

सभापति धनखड़ ने कहा कि इतना मत बोलो कि लोग चुप होने का इंतजार करें. इतना बोलो कि लोग फिर बोलने का इंतजार करें. इसके बाद एक दिन पहले ही लोकसभा से पारित विनियोग विधेयक 2023 और अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांगों से संबंधित प्रस्ताव राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत किए गए.

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सभापति धनखड़ ने इसके बाद नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव के 14 नोटिस मिलने की जानकारी दी और कहा कि इनमें से किसी भी नोटिस को मंजूरी नहीं दी गई है. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष की ओर से नारेबाजी होने लगी जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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