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मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED का बड़ा एक्शन, पंचकूला के दो अस्पतालों की 127 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच

जांच की शुरुआत कोलकाता पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज करके की, जिसे बाद में लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने अपने हाथ में ले लिया. मामला एल्केमिस्ट टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, एल्केमिस्ट इंफ्रा रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित इकाइयों के खिलाफ दर्ज है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) लगाई गई है.

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ED के अनुसार, एल्केमिस्ट ग्रुप ने करीब 1,848 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से जुटाए. (Photo: Representational)
ED के अनुसार, एल्केमिस्ट ग्रुप ने करीब 1,848 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से जुटाए. (Photo: Representational)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में हरियाणा के पंचकूला स्थित दो अस्पतालों- एल्केमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल- की 127.33 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. इन दोनों अस्पतालों में पूर्व राज्यसभा सांसद कनवर दीप सिंह के बेटे करण दीप सिंह की हिस्सेदारी है. 

यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है. यह कार्रवाई एल्केमिस्ट ग्रुप, इसके प्रमोटर्स, निदेशकों और संबद्ध कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है. इस मामले में आरोप है कि कंपनी ने फर्जी कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम (CIS) और जनता के पैसे का दुरुपयोग करके भारी वित्तीय घोटाला किया.

कोलकाता पुलिस ने शुरू की थी जांच

जांच की शुरुआत कोलकाता पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज करके की, जिसे बाद में लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने अपने हाथ में ले लिया. मामला एल्केमिस्ट टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, एल्केमिस्ट इंफ्रा रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित इकाइयों के खिलाफ दर्ज है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) लगाई गई है.

गैरकानूनी तरीके से जुटाए 1848 करोड़ रुपये

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ED के अनुसार, एल्केमिस्ट ग्रुप ने करीब 1,848 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से जुटाए. निवेशकों को प्लॉट, फ्लैट या विला देने के नाम पर झूठे वादे किए गए और ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया. एक बार पैसे इकट्ठा करने के बाद उन्हें कई कंपनियों के माध्यम से घुमाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई ताकि पैसों की असली उत्पत्ति को छिपाया जा सके.

अस्पतालों के निर्माण में इस्तेमाल हुआ काला धन

जांच में पता चला कि इस काले धन का उपयोग अस्पतालों के निर्माण और उनमें शेयर खरीदने के लिए किया गया. करण दीप सिंह की कंपनी ‘सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड’ के पास एल्केमिस्ट अस्पताल में 40.94% और ओजस अस्पताल में 37.24% हिस्सेदारी है, जिन्हें अब ED ने अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है.

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