scorecardresearch
 

'पाकिस्तान का सफाया देखना है मुझे...' ऑपरेशन सिंदूर पर बोलीं पहलगाम में पति और बेटे को खो चुकी काजलबेन

पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति यतीश परमार और बेटे स्मित को खोने वाली गुजरात के भावनगर की काजलबेन परमार ने बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना की और सरकार से तब तक कार्रवाई जारी रखने का आग्रह किया जब तक कि पाकिस्तान का सफाया नहीं हो जाता.

Advertisement
X
पहलगाम में काजलबेन ने पति और बेटे को खो दिया
पहलगाम में काजलबेन ने पति और बेटे को खो दिया

भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों के नरसंहार के दो सप्ताह बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य हमले किए गए. आतंकी ठिकानों पर इस हमले से देश ने कई दिन बाद चैन की सांस ली है. पहलगाम के मृतकों के परिजनों के लिए भी ये सुकून का पल है.

'जब तक कि पाकिस्तान का सफाया न हो...'

पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति यतीश परमार और बेटे स्मित को खोने वाली गुजरात के भावनगर की काजलबेन परमार ने बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना की और सरकार से तब तक कार्रवाई जारी रखने का आग्रह किया जब तक कि पाकिस्तान का सफाया नहीं हो जाता.

'पाकिस्तान को मिटा दें, यही मेरी मोदी साहब से प्रार्थना है'

भावनगर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए काजलबेन परमार ने कहा, 'पाकिस्तान पर किए गए हवाई हमले पर मुझे बहुत गर्व है. मैं सशस्त्र बलों को सलाम करती हूं और भारत माता की जय-जयकार करती हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभारी हूं और इस हमले से बहुत खुश हूं. ऐसे हमले करते रहें और पाकिस्तान को मिटा दें, यही मेरी मोदी साहब से प्रार्थना है.'

Advertisement

यतीश और उनके बेटे स्मित को मारा था आतंकियों ने

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में उनके पति यतीश परमार और उनका बेटा स्मित भी शामिल थे. पिता-पुत्र की जोड़ी गुजरात के उन तीन लोगों में शामिल थी, जिन्होंने 22 अप्रैल को हुए हमले में अपनी जान गंवाई थी. उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा 12वीं कक्षा में था. वह अक्सर मुझसे कहा करता था कि वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है और देश के लिए लड़ना चाहता है. लेकिन उससे पहले हम मोरारी बापू की 'राम कथा' में भाग लेने के लिए कश्मीर गए और पहलगाम गए, जहां उन्होंने (आतंकवादियों ने) मेरे बेटे और पति को मार डाला. मैं पाकिस्तान का सफाया होते देखना चाहती हूं.'

'अब पीएम मोदी ने जवाब दिया है, तो खुश हूं'
 
काजलबेन के बड़े बेटे अभिषेक परमार ने कहा कि वह पहलगाम आतंकवादी हमले के 15वें दिन पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से खुश हैं. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने 15वें दिन पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की. मैंने अपने पिता और भाई को खो दिया, जो सेना में शामिल होना चाहते थे. अब जब मोदी ने उन्हें जवाब दिया है, तो मैं इस बात से खुश हूं.'

'सरकार ने जो कुछ भी किया है, उससे मैं बहुत खुश हूं'
 

वहीं सूरत के दिवंगत शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने मीडिया से कहा कि वह पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई से 'बहुत संतुष्ट' हैं. सूरत में उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने हिंदू और मुस्लिमों के नाम पर मेरे पति और अन्य लोगों को गोली मारने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जो कुछ भी किया है, उससे मैं बहुत खुश हूं. हमें सरकार पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने हमारे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को छीन लिया. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अभी भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पाई है कि उसकी आंखों के सामने उसके पिता के साथ क्या हुआ.

Advertisement

 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement