दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि 90 फीसदी आईएएस अधिकारी ‘काम नहीं करते’ और कई बार उन्हें ऐसा महसूस होता है कि 'विकास' सचिवालय में अटक गया है. अनुबंध कर्मचारियों को नियमित किए जाने पर नौकरशाहों द्वारा कथित तौर पर 'आपत्ति' किये जाने पर केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली के पास पूर्ण राज्य का दर्जा होता, तो उनकी सरकार ने 24 घंटे के अंदर अनुबंध पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को नियमित कर दिया होता.
फाइलें रोक लेते हैं अधिकारी
ऊर्जा विभाग के पेंशनधारियों को सम्मानित करने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी विकास कार्यों से जुड़ी फाइलों को बाधित करते हैं. नई दिल्ली नगर निगम के अध्यक्ष के तौर पर अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित किये जाने के अपने प्रस्ताव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'आईएएस अफसरों में से 90 फीसदी काम नहीं करते और फाइलें रोक लेते हैं.'
काम नहीं करते IAS अधिकारी
उन्होंने कहा, 'जब मैंने अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव दिया, सभी अधिकारियों ने मेरा विरोध किया. मैंने कहा, अगर यही तर्क है तो सभी आईएएस अधिकारियों को तदर्थ किया जाना चाहिये क्योंकि वे काम नहीं करते.' ऊर्जा विभाग के पेंशनधारियों के लिये कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पता चला कि अधिकारी इस योजना में अड़ंगा लगा रहे थे.
LG को केजरीवाल की चेतावनी
केजरीवाल ने कहा, 'मुझे कई बार लगता है कि विकास सचिवालय में अटक गया है. मैंने श्रम विभाग को मसौदा अधिसूचना एलजी की मंजूरी के लिये भेजने को कहा है. अगर वह उसे रोकते हैं तो वे (अनुबंध कर्मचारी) खाट खड़ी कर देंगे.'