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छत्तीसगढ़: मानव तस्करी और धर्मांतरण केस में गिरफ्तार केरल की दो ननों को कानूनी झटका, नहीं मिली जमानत

Nun Arrest Case in Chhattisgarh: अब इस मामले की सुनवाई बिलासपुर स्थित एनआईए अदालत में होगी. इस बीच शिकायतकर्ता के वकील राजकुमार तिवारी वहां याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं. तब तक नन न्यायिक हिरासत में रहेंगी.

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केरल की रहने वाली दोनों नन दुर्ग जेल में बंद हैं. (File Photo)
केरल की रहने वाली दोनों नन दुर्ग जेल में बंद हैं. (File Photo)

मानव तस्करी और धर्मांतरण के एक मामले में गिरफ्तार केरल की दो ननों को कानूनी झटका लगा है, क्योंकि निचली अदालत और अब सेशन कोर्ट  ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने फैसला सुनाया कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि इसमें मानव तस्करी शामिल है, इसलिए इसे एनआईए अदालत के दायरे में रखा गया है. 

अब इस मामले की सुनवाई बिलासपुर स्थित एनआईए अदालत में होगी. इस बीच शिकायतकर्ता के वकील राजकुमार तिवारी वहां याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं. तब तक नन न्यायिक हिरासत में रहेंगी. केरल की रहने वाली दोनों कैथोलिक नन फिलहाल दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद हैं. 

नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी को 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने एक स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार किया था. इस पदाधिकारी ने उन पर राज्य के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले की तीन महिलाओं का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।

वकील राजकुमार तिवारी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि सेशन कोर्ट ने ननों की जमानत याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 143 (मानव तस्करी) के तहत मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है और उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए स्पेशल कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है. 

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