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इस फिल्म ने दिखाया था अगला पोप चुनने का प्रोसेस, पोप फ्रांसिस के निधन के बाद 283% बढ़ी व्यूअरशिप

दुनिया भर में ईसाइयों की नजरें अब इस बात पर भी लगी हैं कि कैथोलिक चर्च के सबसे शीर्ष पद पर बैठने वाला अगला व्यक्ति कौन होगा. इस सवाल के जवाब में लोगों की दिलचस्पी का फायदा दो फिल्मों को जबरदस्त तरीके से हुआ है- 'कॉन्क्लेव' और 'द टू पोप्स'. आइए बताते हैं क्यों और कैसे...

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पोप फ्रांसिस के निधन के बाद 283% बढ़ी इस फिल्म व्यूअरशिप
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद 283% बढ़ी इस फिल्म व्यूअरशिप

बीते सोमवार, ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन की खबर दुनिया भर के ईसाई समुदाय के लिए शोक की लहर बनकर आई. वैटिकन सिटी में एक तरफ जहां शनिवार को उनका अंतिम संस्कार होना है, वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर में ईसाइयों की नजरें अब इस बात पर भी लगी हैं कि कैथोलिक चर्च के सबसे शीर्ष पद पर बैठने वाला अगला व्यक्ति कौन होगा.

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इस सवाल में लोगों की दिलचस्पी का फायदा दो फिल्मों को जबरदस्त तरीके से हुआ है- 'कॉन्क्लेव' और 'द टू पोप्स'  आइए बताते हैं क्यों और कैसे... 

पोप के निधन के बाद क्यों इन फिल्मों की तरफ जा रहे लोग?
रविवार को पोप फ्रांसिस के निधन के बाद से ही लोगों की अगली दिलचस्पी इस बात में होने लगी कि कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. जब सवाल उठते हैं तो जवाब की तलाश भी शुरू हो जाती है. और ये सवाल ऐसा है जिसका एकदम सटीक जवाब किसी के पास नहीं है.

नया पोप चुनने के लिए एक कॉन्क्लेव होता है जिसे Papel Conclave कहा जाता है और इसमें वोटिंग से नए पोप का चुनाव होता है, सबको केवल इतना ही पता है. लेकिन इस चुनाव का प्रोसेस क्या है, कैंडिडेट कैसे चुने जा रहे हैं, एलिजिबिलिटी क्या है? ऐसे सवालों का जवाब कभी सामने नहीं आया. इस कॉन्क्लेव की पूरी प्रक्रिया को गुप्त रखा गया है. मगर पिछले साल थिएटर्स में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म 'कॉन्क्लेव' में इस प्रक्रिया का एक फिक्शनल वर्जन दिखाया गया है. 

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'कॉन्क्लेव' फिल्म से एक सीन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

इस फिल्म की कहानी शुरू ही पोप के क्रिटिकली बीमार होने से होती है और फिर नए पोप के चुने जाने तक चलती है. डायरेक्टर एडवर्ड बर्जर की इस फिल्म में नए पोप के चुनाव का नैरेटिव एक एंगेजिंग प्लॉट बुनता है. मार्च में ही 'कॉन्क्लेव' को 'बेस्ट एडाप्टेड स्क्रीनप्ले' का ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला. हॉलीवुड के पिछले अवॉर्ड्स सीजन में 'कॉन्क्लेव' ने जमकर अवॉर्ड जीते. 

फरवरी में जब 'कॉन्क्लेव' की टीम स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड (SAG) अवॉर्ड्स में जीत सेलिब्रेट कर रही थी उसी दौरान वैटिकन सिटी ने पोप फ्रांसिस की 'क्रिटिकल कंडीशन' के बारे में अपडेट शेयर किया था. फिल्म की एक्ट्रेस इसाबेला रोजेलिनी ने अवॉर्ड जीतने के बाद, द रैप से बात करते हुए पोप के स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं पर रियेक्ट करते हुए कहा था, 'हां, अगर ऐसा हुआ तो कॉन्क्लेव होगा.' 

रोजेलिनी ने कहा था कि वो और उनके कोस्टार सर्जियो कैस्टेलिटो, जो दोनों इटालियन हैं, बाकी कास्ट मेंबर्स की तुलना में एक 'संभावित कॉन्क्लेव' से ज्यादा परिचित हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन हमें भी सटीक नहीं पता कि कॉन्क्लेव में होता क्या है.' अपनी बात में रोजेलिनी ने आगे जोड़ा कि उनकी फिल्म 'उन संभावित डिबेट्स का खुलासा करती है' जो रियल लाइफ कॉन्क्लेव में हो सकती हैं. 

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'कॉन्क्लेव' फिल्म को कैसे हुआ फायदा?
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद रियल लाइफ कॉन्क्लेव का चांस देखते हुए लोग इस सिस्टम को समझना चाहते हैं और इसके लिए वो 'कॉन्क्लेव' देख रहे हैं. स्ट्रीमिंग का ट्रैक रखने वाले प्लेटफॉर्म लुमिनेट के अनुसार, 20 अप्रैल को 'कॉन्क्लेव' को दुनिया भर में करीब 18 लाख मिनट देखा गया. जबकि इसके अगले ही दिन, पोप फ्रांसिस के निधन की खबर आने के बाद 'कॉन्क्लेव' 69 लाख मिनट देखी गई. यानी एक ही दिन में इस फिल्म की व्यूअरशिप लगभग 283% बढ़ गई. मगर ये अकेली फिल्म नहीं है जिसकी व्यूअरशिप पोप के निधन के बाद इतनी ज्यादा बढ़ गई. 

'द टू पोप्स' फिल्म से एक सीन (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

2012 के वैटिकन लीक्स स्कैंडल पर बेस्ड फिल्म 'द टू पोप्स' की व्यूअरशिप में पोप के निधन के बाद, एक ही दिन में करीब 417% का उछाल आया. रविवार को ये फिल्म दुनिया भर में कुल 2 लाख 90 हजार मिनट के लिए देखी गई थी. जबकि सोमवार को इसे 15 लाख मिनट देखा गया. रिपोर्ट्स बताती हैं कि 'कॉन्क्लेव' 22 अप्रैल को अमेजन प्राइम वीडियो पर आने वाली थी. हालांकि, भारत में अभी ये फिल्म प्राइम या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं है. जबकि 'द टू पोप्स' भारत में नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है.  

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