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धरातल पर ALH ध्रुव... आखिर क्यों उड़ान नहीं भर रहे 330 चॉपर, पोरबंदर क्रैश से क्या है लिंक

ALH ध्रुव फ्लीट अभी भी जांच में है, चरणबद्ध तरीके से उड़ान मंजूरी मिल रही है. जनवरी में पोरबंदर क्रैश के बाद तीन महीने ग्राउंड रही. सेना ने 180+ हेलिकॉप्टरों में से कुछ को पहलगाम हमले के बाद उड़ाया. HAL स्वैश प्लेट की खराबी जांच रहा है. सेफ्टी पर सवाल बरकरार है.

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ये है भारतीय वायुसेना का ALH Dhruv हेलिकॉप्टर. (Photo: IAF)
ये है भारतीय वायुसेना का ALH Dhruv हेलिकॉप्टर. (Photo: IAF)

भारत के लिए एक चिंता का विषय बना एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव फ्लीट अभी भी पूरी तरह से उड़ान के लिए तैयार नहीं है. पहलगाम हमले के बाद, जब हवाई ऑपरेशंस तेज हुए, इस फ्लीट को उड़ान की मंजूरी दी गई थी, लेकिन अभी भी तकरीबन 330 हेलिकॉप्टरों की इस फ्लीट की जांच चल रही है.

पिछले तीन महीने से यह फ्लीट जमीन पर थी, जब भारतीय तटरक्षक बल का एक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर पोरबंदर में क्रैश हो गया था. एक सूत्र ने इंडिया टुडे को बताया कि सभी हेलिकॉप्टरों को उड़ान की मंजूरी नहीं मिली है, क्योंकि फ्लीट की समीक्षा अभी भी जारी है. HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दे रहा है.  

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ALH ध्रुव क्या है और क्यों जरूरी है?

ALH ध्रुव भारत का स्वदेशी हेलिकॉप्टर है, जिसे HAL ने बनाया है. यह 2002 से भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना, और तटरक्षक बल के लिए काम कर रहा है. यह हेलिकॉप्टर 5.5 टन का है. कई कामों में इस्तेमाल होता है- सैनिकों को ले जाना, जासूसी, चोटिल सैनिकों को बचाना और मुश्किल इलाकों (जैसे सियाचिन ग्लेशियर) में लड़ाई.

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ALH Dhruva Fleet under check

  • संख्या: कुल 330 हेलिकॉप्टर, जिसमें सेना के पास 180 से ज्यादा (60 हथियारबंद रुद्र वर्जन शामिल) हैं.  
  • वायु सेना: 75, नौसेना: 24, तटरक्षक: 19.  
  • उड़ान घंटे: पिछले साल सेना के हेलिकॉप्टरों ने करीब 40,000 घंटे उड़े.

यह हेलिकॉप्टर भारत की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा है, खासकर बॉर्डर एरिया और आपदा राहत में. लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके क्रैश की खबरें चिंता बढ़ा रही हैं.

क्या हुआ था पोरबंदर क्रैश में?

5 जनवरी 2025 को तटरक्षक बल का एक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर पोरबंदर में क्रैश हो गया, जिसमें तीन क्रू मेंबर (दो पायलट और एक गोताखोर) की मौत हो गई. इस हादसे ने सवाल खड़े किए कि आखिर क्या गलत हो रहा है. इसके बाद पूरी फ्लीट को ग्राउंड कर दिया गया. एक सेफ्टी ऑडिट शुरू हुई.

हाल ही में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा जरूरत बढ़ने से सेना ने अपने चेक किए गए हेलिकॉप्टरों को फिर से उड़ाना शुरू किया, लेकिन पूरी फ्लीट अभी भी जांच के दायरे में है.  

ALH Dhruva Fleet under check

क्रैश की जांच क्या कहती है?

फरवरी 2025 में एयरो इंडिया इवेंट में HAL चेयरमैन डॉ. डी.के. सुनील ने क्रैश की शुरुआती जांच के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर के स्वैश प्लेट (जो रोटर ब्लेड को कंट्रोल करता है) में एक दरार पाई गई, जो हादसे की वजह हो सकती है. जांच टीम को पता लगाना है कि यह दरार क्यों हुई. रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि पूरी फ्लीट को और जांच की जरूरत है या नहीं.

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उन्होंने यह भी साफ किया कि ध्रुव में कोई बुनियादी डिजाइन फ्लॉ नहीं है. पिछले 25 सालों में 28 हेलिकॉप्टर क्रैश हुए हैं, जिनमें...

  • 13 बार तकनीकी खराबी.  
  • 13 बार इंसानी गलती.
  • 2 बार अज्ञात कारण.

फिर भी, डॉ. सुनील ने कहा कि फ्लीट ने मिलाकर लाखों उड़ान घंटे पूरे किए हैं, जो इसकी मजबूती दिखाता है. लेकिन ट्रेनिंग और मेंटेनेंस में सुधार की जरूरत है.

ALH Dhruva Fleet under check

पिछले हादसे जो चिंता बढ़ा रहे हैं

ALH ध्रुव फ्लीट के साथ पिछले कुछ सालों में कई हादसे हुए हैं, जो इसकी सेफ्टी पर सवाल उठा रहे हैं...

  • अक्टूबर 2024: बिहार में बाढ़ राहत के दौरान वायु सेना का हेलिकॉप्टर इंजन फेल होने से पानी में गिरा.  
  • 2 सितंबर 2024: अरब सागर में तटरक्षक हेलिकॉप्टर क्रैश, दो की मौत.  
  • मई 2023: जम्मू में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश, दो पायलट और एक तकनीशियन घायल.  
  • मार्च 2023: मुंबई के पास नौसेना हेलिकॉप्टर इमरजेंसी लैंडिंग.  
  • 21 अक्टूबर 2022: अरुणाचल प्रदेश में रुद्र वर्जन क्रैश, दो ऑफिसर और तीन सैनिक मरे.  
  • अगस्त 2021: पठानकोट के पास हादसा, जिसमें मौतें हुईं.  
  • 2019: नॉर्दन आर्मी कमांडर का हेलिकॉप्टर क्रैश, लेकिन कोई हताहत नहीं.

इन हादसों ने 2023 में भी फ्लीट को ग्राउंड करने का कारण बना दिया था. अब फिर से चरणबद्ध तरीके से इसे चालू किया जा रहा है.

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ALH Dhruva Fleet under check

अभी की स्थिति और भविष्य

फिलहाल, सेना ने पहलगाम हमले के बाद अपने चेक किए गए हेलिकॉप्टरों को उड़ाना शुरू कर दिया है, लेकिन नौसेना और तटरक्षक के हेलिकॉप्टर अभी भी ग्राउंडेड हैं. HAL चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दे रहा है, लेकिन पूरी फ्लीट को साफ करने में वक्त लग सकता है. जांच की रिपोर्ट से यह तय होगा कि मेंटेनेंस या पायलट ट्रेनिंग में क्या बदलाव चाहिए.

  • पॉजिटिव: जिन हेलिकॉप्टरों को मंजूरी मिली, वे ऑपरेशन में हैं, जो सेना की तैयारियों को बनाए रख रहा है.  
  • चिंता: अगर स्वैश प्लेट की समस्या बाकी हेलिकॉप्टरों में भी है, तो बड़ा रिस्क हो सकता है.  
  • भविष्य: HAL को ट्रेनिंग, मेंटेनेंस और डिजाइन में सुधार करना होगा ताकि आगे हादसे न हों.

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भारत के लिए क्या मायने?

  • सुरक्षा: बॉर्डर और आपदा राहत में ALH जरूरी है. अगर यह फ्लीट पूरी तरह काम नहीं करेगी, तो सेना पर असर पड़ेगा.  
  • स्वदेशी गर्व: ध्रुव भारत का बनाया हेलिकॉप्टर है, लेकिन बार-बार क्रैश से इसकी साख पर सवाल उठ रहे हैं.  
  • आर्थिक नुकसान: अगर फ्लीट लंबे समय तक ग्राउंड रही, तो HAL और सेना को आर्थिक नुकसान हो सकता है.
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