भारत के लिए एक चिंता का विषय बना एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव फ्लीट अभी भी पूरी तरह से उड़ान के लिए तैयार नहीं है. पहलगाम हमले के बाद, जब हवाई ऑपरेशंस तेज हुए, इस फ्लीट को उड़ान की मंजूरी दी गई थी, लेकिन अभी भी तकरीबन 330 हेलिकॉप्टरों की इस फ्लीट की जांच चल रही है.
पिछले तीन महीने से यह फ्लीट जमीन पर थी, जब भारतीय तटरक्षक बल का एक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर पोरबंदर में क्रैश हो गया था. एक सूत्र ने इंडिया टुडे को बताया कि सभी हेलिकॉप्टरों को उड़ान की मंजूरी नहीं मिली है, क्योंकि फ्लीट की समीक्षा अभी भी जारी है. HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दे रहा है.
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ALH ध्रुव क्या है और क्यों जरूरी है?
ALH ध्रुव भारत का स्वदेशी हेलिकॉप्टर है, जिसे HAL ने बनाया है. यह 2002 से भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना, और तटरक्षक बल के लिए काम कर रहा है. यह हेलिकॉप्टर 5.5 टन का है. कई कामों में इस्तेमाल होता है- सैनिकों को ले जाना, जासूसी, चोटिल सैनिकों को बचाना और मुश्किल इलाकों (जैसे सियाचिन ग्लेशियर) में लड़ाई.

यह हेलिकॉप्टर भारत की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा है, खासकर बॉर्डर एरिया और आपदा राहत में. लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके क्रैश की खबरें चिंता बढ़ा रही हैं.
क्या हुआ था पोरबंदर क्रैश में?
5 जनवरी 2025 को तटरक्षक बल का एक ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर पोरबंदर में क्रैश हो गया, जिसमें तीन क्रू मेंबर (दो पायलट और एक गोताखोर) की मौत हो गई. इस हादसे ने सवाल खड़े किए कि आखिर क्या गलत हो रहा है. इसके बाद पूरी फ्लीट को ग्राउंड कर दिया गया. एक सेफ्टी ऑडिट शुरू हुई.
हाल ही में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा जरूरत बढ़ने से सेना ने अपने चेक किए गए हेलिकॉप्टरों को फिर से उड़ाना शुरू किया, लेकिन पूरी फ्लीट अभी भी जांच के दायरे में है.

क्रैश की जांच क्या कहती है?
फरवरी 2025 में एयरो इंडिया इवेंट में HAL चेयरमैन डॉ. डी.के. सुनील ने क्रैश की शुरुआती जांच के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर के स्वैश प्लेट (जो रोटर ब्लेड को कंट्रोल करता है) में एक दरार पाई गई, जो हादसे की वजह हो सकती है. जांच टीम को पता लगाना है कि यह दरार क्यों हुई. रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि पूरी फ्लीट को और जांच की जरूरत है या नहीं.
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उन्होंने यह भी साफ किया कि ध्रुव में कोई बुनियादी डिजाइन फ्लॉ नहीं है. पिछले 25 सालों में 28 हेलिकॉप्टर क्रैश हुए हैं, जिनमें...
फिर भी, डॉ. सुनील ने कहा कि फ्लीट ने मिलाकर लाखों उड़ान घंटे पूरे किए हैं, जो इसकी मजबूती दिखाता है. लेकिन ट्रेनिंग और मेंटेनेंस में सुधार की जरूरत है.

पिछले हादसे जो चिंता बढ़ा रहे हैं
ALH ध्रुव फ्लीट के साथ पिछले कुछ सालों में कई हादसे हुए हैं, जो इसकी सेफ्टी पर सवाल उठा रहे हैं...
इन हादसों ने 2023 में भी फ्लीट को ग्राउंड करने का कारण बना दिया था. अब फिर से चरणबद्ध तरीके से इसे चालू किया जा रहा है.

अभी की स्थिति और भविष्य
फिलहाल, सेना ने पहलगाम हमले के बाद अपने चेक किए गए हेलिकॉप्टरों को उड़ाना शुरू कर दिया है, लेकिन नौसेना और तटरक्षक के हेलिकॉप्टर अभी भी ग्राउंडेड हैं. HAL चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दे रहा है, लेकिन पूरी फ्लीट को साफ करने में वक्त लग सकता है. जांच की रिपोर्ट से यह तय होगा कि मेंटेनेंस या पायलट ट्रेनिंग में क्या बदलाव चाहिए.
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भारत के लिए क्या मायने?