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भारतीय नौसेना को मिलेगा अमेरिकी टॉरपीडो MK54, जानिए इससे कैसे और कितनी बढ़ेगी ताकत?

अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने भारत को MK 54 टॉरपीडो देने का अप्रूवल दे दिया है. MK 54 MOD एक लाइटवेट टॉरपीडो है, जिसका इस्तेमाल जंगी जहाज, हेलिकॉप्टर से दुश्मन की सबमरीन को बर्बाद करने के लिए किया जाता है. अगर डील फाइनल होती है तो 1469 करोड़ रुपए से 53 टॉरपीडो भारत आएंगे.

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अमेरिकी जंगी जहाज यूएसएस रूज़वेल्ट से लॉन्च किया जा रहा है एमके-54 टॉरपीडो को. (फोटोः यूएस नेवी)
अमेरिकी जंगी जहाज यूएसएस रूज़वेल्ट से लॉन्च किया जा रहा है एमके-54 टॉरपीडो को. (फोटोः यूएस नेवी)

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने भारत के लिए 53 MK 54 टॉरपीडो देने की सहमति दे दी है. कांग्रेस को इसका नोटिफिकेशन भी जा चुका है. अगर डील फाइनल होती है तो भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ जाएगी. यह टॉरपीडो दुश्मन की पनडुब्बी को समंदर की गहराइयों में डुबा सकता है. उसकी वहीं कब्र बना सकता है. 

भारत ने इसके लिए अमेरिका से कहा था कि हमें इतने टॉरपीडो चाहिए. जिसके बाद अमेरिका ने ये कदम उठाया है. करीब 1470 करोड़ रुपए की इस डील में रिकवरेबल एक्सरसाइज टॉरपीडोज (REXTORP), एयर लॉन्च एसेसरीज, स्पेयर पार्ट्स, टॉरपीडो कंटेनर्स, सपोर्ट टूल्स और ट्रेनिंग भी शामिल है. 

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यहां नीचे देखिए उस टॉरपीडो के लॉन्च होने का वीडियो

भारत ने कुछ महीनों पहले नौसेना के लिए MH-60R Romeo Seahawk हेलिकॉप्टर आए थे. ये हेलिकॉप्टर खासतौर से पनडुब्बी-रोधी अभियानों के लिए जाने जाते हैं. यानी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर. ऐसे में ये टॉरपीडो इस हेलिकॉप्टर की ताकत को और बढ़ा देंगे. इसके शामिल होने से चीन और पाकिस्तान के सबमरीन आसपास भी नहीं फटकेंगे. 

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जानिए इस टॉरपीडो की खासियत के बारे में... 

MK 54 Torpedo, Indian Navy, Anti-Submarine Warfare

इस एक टॉरपीडो का वजन 276 किलोग्राम होता है. यह 8.90 फीट लंबी होती है. इसका व्यासस करीब एक फीट का होता है. इसमें करीब 44 किलोग्राम प्लास्टिक बॉन्डेड एक्सप्लोसिव PBXN-103 लगाया जाता है. ये विस्फोटक इतना तगड़ा होता है कि टकराने पर 108 किलोग्राम टीएनटी के विस्फोट जितना असर करता है. 

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इस टॉरपीडो के अंदर लिक्विड फ्यूल का वाला इंजन होता है, जो इसे पानी के अंदर करीब 9 किलोमीटर तक 74.1 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गति देता है. इसका गाइडेंस सिस्टम एक्टिव और पैसिव एकॉस्टिक सिस्टम पर काम करता है, यानी दुश्मन पनडुब्बी बच नहीं सकती.

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