भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना (Indian Navy) भारतीय सशस्त्र बलों की सामुद्रिक शाखा है. भारत के राष्ट्रपति भारतीय नौसेना के सर्वोच्च कमांडर होते हैं (President of India Supreme Commander of Indian Navy). नौसेना अध्यक्ष एक चार सितारा एडमिरल होते हैं, जो नौसेना की कमान संभालते हैं (Indian Navy Chief Admiral). ब्लू-वाटर नेवी के रूप में, यह फारस की खाड़ी क्षेत्र और अफ्रीका के हॉर्न में मलक्का जलडमरूमध्य तक ऑपरेट करती है. यह दक्षिण और पूर्वी चीन के समुद्रों के साथ-साथ पश्चिमी भूमध्य सागर में एक साथ नियमित तैनाती पर रहती है.
आजादी के तुरंत बाद भारत की नौसेना बेहद छोटी थी. भारत सरकार ने योजना बनाकर नौसेना का विस्तार किया और पहले साल में ही ब्रिटेन से 7, 030 टन का क्रूजर दिल्ली खरीदा. इसके बाद, राजपूत, राणा, रणजीत, गोदावरी, गंगा और गोमती ध्वंसकों को नौसेना में शामिल किया. इसके बाद, सरकार ने आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा, जिसका नाम मैसूर रखा गया. 1964 तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, विक्रांत, क्रूजर दिल्ली और मैसूर दो ध्वंसक स्क्वाड्रन और कई फ्रिगेट स्कवाड्रन थे (Indian Navy History). ब्रह्मपुत्र, व्यास, बेतवा, खुखरी, कृपाण, तलवार और त्रिशूल नए फ्रिगेट हैं. आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है. कोचीन, लोणावला, और जामनगर में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण संस्थान हैं (Indian Navy Equipments).
भारतीय नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करना है. यह अन्य सशस्त्र बलों के साथ मिलकर, युद्ध और शांति दोनों में, भारत के क्षेत्र, लोगों या समुद्री क्षेत्र से होने वाले खतरे या आक्रमण को रोकने और हराने के लिए कार्य करती है. नौसेना संयुक्त अभ्यास, सद्भावना यात्राओं और मानवीय मिशनों के माध्यम से, आपदा राहत और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देती है (Indian Navy Aim).
जून 2019 तक, भारतीय नौसेना में 67,252 सक्रिय और 75,000 रिजर्व कर्मी सेवा में थे और उनके पास 150 जहाजों और पनडुब्बियों और 300 विमानों का बेड़ा है. अप्रैल 2022 तक, परिचालन बेड़े में 1 सक्रिय विमान वाहक और 1 उभयचर परिवहन डॉक, 8 लैंडिंग जहाज टैंक, 10 विध्वंसक, 13 फ्रिगेट, 1 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, 16 पारंपरिक रूप से संचालित हमला पनडुब्बियां, 24 कोरवेट, एक खदान काउंटरमेजर पोत शामिल हैं (Indian Navy Operational Fleet).
भारतीय नौसेना अपनी समुद्री और हवाई ताकत बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. हाल ही में, गोवा के आईएनएस हंसा नौसैनिक अड्डे पर नौसेना की दूसरी MH-60R 'रोमियो' मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन INAS 335 (जिसे ओस्प्रे भी कहा जाता है) को औपचारिक रूप से कमीशन्ड किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने की, जिनकी मौजूदगी ने इस समारोह की गरिमा को और बढ़ाया. यह कदम नौसेना की क्षमताओं को और भी मजबूत करेगा और देश की समुद्री सुरक्षा को बेहतर बनाएगा.
भारतीय नौसेना अपने बेड़े में एमएस 60 रोमियो हेलीकॉप्टर शामिल कर अपनी समुद्री क्षमता को मजबूत कर रही है. ये आधुनिक मल्टीमिशन हेलीकॉप्टर गोवा के हंसा नवल बेस से ऑपरेशन शुरू करेगा. एमएस 60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को आईएएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत जैसे बड़े युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. इनमें हेल फायर मिसाइल, टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी सिस्टम और मल्टीमॉड रडार जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं, जो हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक ताकत को बढ़ाएंगे.
भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपनी सामरिक ताकत को और सुदृढ़ किया है. गोवा में स्थित INS हंसा पर अमेरिकी MH 60 रोमियो हेलिकॉप्टर की तैनाती से समुद्री सुरक्षा और हमलावर क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इससे देश की समुद्र में निगरानी और सुरक्षा को मजबूती मिली है. यह पहल समुद्री क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत और सामरिक प्रभाव को दर्शाती है.
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ रही है. गोवा के आईएनएस हंसा में MH-60R 'रोमियो' हेलीकॉप्टर की दूसरी स्क्वाड्रन INAS 335 कमीशन हो चुकी है. नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने इसे नौसेना में शामिल किया. ये आधुनिक हेलीकॉप्टर पनडुब्बी रोधी युद्ध, मिसाइल हमले और निगरानी में सक्षम है. हिंद महासागर में चीन के खतरे के खिलाफ बड़ी मजबूती बनेगी.
भारतीय नौसेना के लिए अमेरिका से 24 MH-60R रोमियो हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 7995 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. यह डील अगले पांच वर्षों तक स्पेयर पार्ट्स, ट्रेनिंग और मरम्मत की सुविधाओं को सुनिश्चित करेगी. भारत में नई रिपेयर फैसिलिटी स्थापित की जाएगी जिससे निर्भरता कम होगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इस समझौते से भारतीय पनडुब्बी रोधी ताकत को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और देश की समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी.
भारत ने 17-20 दिसंबर 2025 को बंगाल की खाड़ी में मिसाइल परीक्षण के लिए 3550 किमी का डेंजर जोन घोषित किया है. NOTAM जारी कर हवाई-सागरीय यातायात रोका जाएगा. संभावित K-4 SLBM या लंबी रेंज वाली मिसाइल का टेस्ट होने वाला है. चीन की जासूसी जहाजों पर नजर है. यह भारत की न्यूक्लियर डिटरेंस को मजबूत करेगा.
भारत ने एक बड़े रणनीतिक कदम के तहत बांग्लादेश के साथ लगने वाली अपनी पूर्वी सीमा पर तीन नए सैन्य अड्डे स्थापित किए हैं. इन फारवर्ड बेस पर राफेल, ब्रह्मोस के साथ अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं.
भारतीय नौसेना 16 दिसंबर को कोच्चि में पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट DSC A20 कमीशन करेगी. टीटागढ़ रेल सिस्टम्स द्वारा बनाया गया है. कैटामारन डिजाइन है. 390 टन का जहाज है. डाइविंग, अंडरवॉटर इंस्पेक्शन और साल्वेज में मदद करेगा. साउदर्न नेवल कमांड के तहत तैनात होगा.
Battle Ready Bharat: भारतीय सेना ने ब्रह्मोस की नई 800+ किमी रेंज वाली मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया. अब पाकिस्तान का आखिरी कोना भी निशाने पर है. हल्की, तेज और घातक यह मिसाइल जमीन, समुद्र व हवा से मार कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के 11 एयरबेस तबाह करने वाली ब्रह्मोस अब भारत की सबसे बड़ी ताकत बन गई है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि 26 राफेल मरीन विमानों की डील अगले कुछ महीनों में फाइनल हो जाएगी. पहले चार जेट 2029 तक भारत आएंगे, बाकी 2030-31 में. ये स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत व विक्रमादित्य पर तैनात होंगे. इससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और हिंद महासागर में भारत की बादशाहत मजबूत होगी.
इंडियन नेवी चीफ़ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान किया है. नेवी चीफ़ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि 26 राफेल मरीन विमानों की डील अगले कुछ महीनों में फाइनल हो जाएगी. पहले चार जेट 2029 तक भारत आएंगे और 2031 तक बाकी सभी विमान नौसेना में शामिल हो जाएंगे.
नेवी चीफ एडमिरल त्रिपाठी ने कहा – ऑपरेशन सिंदूर आज भी जारी है. उत्तरी अरब सागर में INS विक्रांत सहित कैरियर बैटल ग्रुप की आक्रामक तैनाती से पाकिस्तानी नौसेना बंदरगाहों में ही दुबकी रही. उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ. पिछले 7 महीने से हाई टेम्पो ऑपरेशन चल रहे हैं. पाकिस्तान की नींद हराम हो गई और हम अब भी डटे हैं.
श्रीलंका में चक्रवात दित्वा से भारी तबाही के बाद भारत ने 28 नवंबर को ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया. 53 टन राहत सामग्री. NDRF की 80 सदस्य टीम. भीष्म क्यूब, हेलीकॉप्टर बचाव और मेडिकल टीम भेजी गई. अब तक 150+ लोग बचाए गए. 2000+ भारतीय सुरक्षित वापस लाए गए. भारत ने फिर साबित किया कि पड़ोसी पहले, हम साथ हैं.
मुंबई में हाल ही में आईएनएस माहे को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है. इसके स्वदेशी डिजाइन को लेकर चर्चा हुई. पुडुचेरी और मालाबार कोस्ट के लोगों ने इसके नाम पर खुशी जताई जो माहे नामक स्थान से प्रेरित है, जिसकी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है.
भारतीय नौसेना के 24 MH-60R रोमियो हेलीकॉप्टरों के लिए अमेरिका से 7995 करोड़ का समझौता हुआ है. अगले 5 साल तक स्पेयर पार्ट्स, ट्रेनिंग और मरम्मत की पूरी सुविधा मिलेगी. भारत में ही नई रिपेयर फैसिलिटी बनेगी. निर्भरता कम, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. पनडुब्बी रोधी ताकत और मजबूत होगी.
भारतीय थल सेना अगले साल से हर साल करीब 1 लाख अग्निवीर लेगी. अभी 1.8 लाख सैनिकों की कमी है. कोरोना में 2 साल भर्ती रुकी थी, इसलिए कमी बढ़ गई. अब कमी पूरी करने और 2026 से रिटायरमेंट शुरू होने की वजह से बंपर भर्ती होगी. ट्रेनिंग सेंटर भी बढ़ाए जा रहे हैं.
भारतीय नौसेना में मुंबई में पहला स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर जहाज INS माहे शामिल हो गया. कोचीन शिपयार्ड में बना यह छोटा लेकिन खतरनाक जहाज दुश्मन पनडुब्बियों को सोनार से पकड़ेगा और टॉरपीडो से मार गिराएगा. माहे क्लास के 8 जहाजों में पहला माहे तटीय सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा.
Indian Navy में शामिल हुआ जंगी जहाज INS Mahe, दुश्मन की पनडुब्बियां खोज-खोजकर मारेगा
चीन पाकिस्तान को 8 हंगोर क्लास AIP पनडुब्बियां दे रहा है, जो 2028 तक शामिल होंगी. ये स्टील्थ और लंबे समय पानी के नीचे रहने वाली हैं. पाक की नौसेना छोटी है, जबकि भारत के पास 2 एयरक्राफ्ट कैरियर, 19 पनडुब्बियां (2 न्यूक्लियर), 13 डेस्ट्रॉयर हैं. भारत की नौसेना 4-5 गुना मजबूत और पूरी तरह तैयार है.
भारतीय सेना ने 2026-27 को ‘नेटवर्किंग और डेटा सेंट्रिसिटी का वर्ष’ घोषित किया. डेटा को नया हथियार बनाकर AI, सुरक्षित नेटवर्क और तीनों सेनाओं का इंटीग्रेशन होगा. तेज निर्णय, साइबर सुरक्षा और संयुक्त ऑपरेशन मजबूत होंगे. आत्मनिर्भर भारत व भविष्य के युद्ध के लिए बड़ा डिजिटल कदम है.
Indian Army अब सिर्फ हथियारों से नहीं... Network , AI और Technology से भी दुश्मन को हराएगी