भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की ताकत बढ़ाने के लिए 76 नौसैनिक उपयोगी हेलिकॉप्टरों (Naval Utility Helicopters - NUH), सिमुलेटर और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए एक RFI जारी किया है.
भारतीय नौसेना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इनमें से 51 हेलिकॉप्टर नौसेना के लिए और 25 तटरक्षक बल के लिए होंगे. यह खरीद ‘बाय एंड मेक (इंडियन)’ श्रेणी के तहत होगी, जिसका उद्देश्य समुद्री खोज और बचाव, तटीय रक्षा और आपदा राहत जैसे मिशनों को मजबूत करना है.
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नौसैनिक उपयोगी हेलिकॉप्टर (NUH) बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टर हैं, जो भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की कई जरूरतों को पूरा करेंगे. ये हेलिकॉप्टर पुराने चेतक की जगह लेंगे, जो अब पुराने हो चुके हैं. इनका उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए होगा...

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रक्षा मंत्रालय ने इन हेलिकॉप्टरों के लिए कुछ खास तकनीकी और परिचालन मानक तय किए हैं...
इन हेलिकॉप्टरों के साथ सिमुलेटर और प्रशिक्षण उपकरण भी होंगे, ताकि चालक दल और रखरखाव कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा सके.

रक्षा मंत्रालय ने इन हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई है...
इसके अलावा, कंपनियों को लंबे समय तक स्पेयर पार्ट्स, रखरखाव उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान करनी होगी. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) के जरिए इन हेलीकॉप्टरों का भारत में लाइसेंस के तहत उत्पादन होगा, जिससे स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
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यह खरीद ‘बाय एंड मेक (इंडियन)’ श्रेणी के तहत हो रही है, जिसका मतलब है कि कुछ हेलिकॉप्टर सीधे खरीदे जाएंगे, लेकिन बाकी का निर्माण भारत में होगा. इससे न केवल नौसेना और तटरक्षक बल की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारतीय कंपनियों को भी फायदा होगा.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, भारत फोर्ज, रिलायंस डिफेंस, महिंद्रा एयरोस्पेस और L&T जैसी कंपनियां विदेशी कंपनियों (जैसे एयरबस, बेल हेलिकॉप्टर्स और अगस्ता वेस्टलैंड) के साथ मिलकर इन हेलिकॉप्टरों का निर्माण कर सकती हैं. यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को मजबूत करेगा.
पुराने हेलीकॉप्टरों की जगह
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल वर्तमान में चेतक (फ्रांसीसी डिजाइन के अलौएट III और SA 315B लामा पर आधारित) और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) का उपयोग करते हैं. ये हेलिकॉप्टर पुराने हो चुके हैं और कई बार दुर्घटनाओं का कारण बने हैं.

चेतक सिंगल-इंजन हेलिकॉप्टर हैं, जो समुद्र के ऊपर लंबी उड़ान के लिए सुरक्षित नहीं हैं. इस वजह से नए, आधुनिक हेलिकॉप्टरों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी.
यह खरीद भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. भारत का 7,500 किलोमीटर लंबा तट और 2.02 मिलियन वर्ग किलोमीटर का विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) सुरक्षा के लिए मजबूत समुद्री निगरानी की मांग करता है. ये हेलिकॉप्टर निम्नलिखित तरीकों से भारत की रक्षा को मजबूत करेंगे...
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय रक्षा बलों ने हवा, जमीन और समुद्र में अपनी खरीद प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है. यह खरीद भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण की योजना का हिस्सा है. नौसेना 2050 तक 200 जहाजों और 500 विमानों के बेड़े का लक्ष्य रखती है, जिसमें स्वदेशी प्लेटफार्मों और हथियारों पर विशेष ध्यान है.
भारत का यह कदम महत्वपूर्ण है, जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की नौसेना की गतिविधियां बढ़ रही हैं. नए हेलिकॉप्टर नौसेना और तटरक्षक बल को इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेंगे. साथ ही, यह खरीद भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करती है, जो आधुनिक समुद्री रक्षा तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं.