श्रीलंका में चक्रवात दित्वा (Cyclone Ditwah) ने भारी तबाही मचा दी है. इस तूफान ने पूरे देश में बाढ़, भूस्खलन और बिजली-पानी की समस्या पैदा कर दी है. अब तक 334 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 370 लोग लापता हैं. इस मुश्किल वक्त में भारत ने अपने सबसे करीबी पड़ोसी देश की मदद के लिए तुरंत कदम उठाया.
28 नवंबर 2025 को भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया, जो खोज एवं बचाव (Search & Rescue) और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) का एक बड़ा अभियान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्विटर पर श्रीलंका के लोगों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि भारत हमेशा पहले सहायक बनेगा.
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सागर बंधु का मतलब है समुद्र का दोस्त. यह भारत की पड़ोसी पहले (Neighbourhood First) नीति और विजन महासागर का हिस्सा है. इसका मकसद है कि हिंद महासागर के आसपास के देशों को आपदा के समय तेजी से मदद पहुंचाना. चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका के तटीय इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया, जहां सैकड़ों घर बह गए और सड़कें-रेलें बंद हो गईं. भारत ने श्रीलंका की सरकार से बात करके यह ऑपरेशन शुरू किया.
भारत ने बहुत तेजी से काम किया. अब तक कुल 53 टन से ज्यादा राहत सामग्री श्रीलंका पहुंचा चुकी है. इसमें शामिल हैं...

ये सामान भारतीय नौसेना के जहाजों आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि से कोलंबो पहुंचाया गया. भारतीय वायुसेना के तीन विमानों (C-130J और IL-76) ने 31.5 टन सामान एयरलिफ्ट किया. नौसेना का जहाज आईएनएस सुकन्या ने 12 टन और सामान भेजा.
इसके अलावा, NDRF की दो विशेष टीमें (80 लोग) भेजी गईं. ये टीमें कुत्तों के साथ आती हैं. Inflatable बोट, कटिंग टूल्स लेकर बचाव करती हैं. साथ ही, 5 सदस्यीय मेडिकल टीम भी ट्रेनिंग दे रही है.
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भारतीय वायुसेना और नौसेना ने हेलीकॉप्टरों से जबरदस्त बचाव किया. चेतक हेलीकॉप्टर आईएनएस विक्रांत से और MI-17 हेलीकॉप्टर वायुसेना से चलाए गए. इनसे फंसे लोगों को रस्सी, हार्नेस और राफ्ट फेंककर बचाया गया. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और घायलों को प्राथमिकता दी गई. अब तक 150 से ज्यादा लोग बचाए जा चुके हैं. बचाए गए लोगों में सिर्फ श्रीलंकाई नहीं, बल्कि दूसरे देशों के नागरिक भी हैं...
एनडीआरएफ टीमें अभी भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं.श्रीलंका एयर फोर्स के साथ मिलकर काम हो रहा है.

चक्रवात से श्रीलंका में 2000 से ज्यादा भारतीय फंस गए थे. ऑपरेशन सागर बंधु के तहत वायुसेना के विशेष विमानों (C-17, C-130J) और कॉमर्शियल फ्लाइट्स से इन्हें वापस लाया गया. कुल 400 से ज्यादा भारतीयों को दो विमानों से एयरलिफ्ट किया गया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और श्रीलंका का सहयोग शानदार रहा. यह ऑपरेशन जारी रहेगा, ताकि राहत, बचाव और रिकवरी तेज हो. चक्रवात दित्वा अब कमजोर हो गया है. दक्षिण भारत की ओर बढ़ रहा है, लेकिन तमिलनाडु, पुडुचेरी में 14 एनडीआरएफ टीमें तैनात हैं. इस आपदा ने फिर साबित कर दिया कि मुश्किल में हम एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं.