चक्रवाती तूफान कम वायुमंडलीय दवाब के चारों ओर तेज रफ्तार से चलने वाली गर्म हवा है, जो कई बार स्थलीय भू-भागों पर विभीषिका यानी बर्बादी का कारण बन जाते हैं. दक्षिणी गोलार्ध में चलने वाली इन गर्म हवा को चक्रवात के नाम से जाना जाता है। यह घड़ी की सुई की दिशा में चलते हैं. उत्तरी गोलार्ध में इन गर्म हवा को हरीकेन या टाइफून कहते हैं जहां यह घड़ी की सुई की उल्टी दिशा में चलते हैं (Cyclonic Storm).
चक्रवाती तूफान का बनना और आगे बढ़ना हवा के तापमान और वायू दाब के अंतर पर निर्भर करता है. गर्म इलाके के समुद्र में तापमान के बढ़ने से हवा गर्म होकर बेहद कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है. इससे हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर उठती है. ऊपर की नमी से मिलकर यह संघनित होती है और बादल का निर्माण करती है. इस घटनाक्रम में तैयार खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है और इस क्रम को लगातार दोहराती है. नतीजतन हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है और कम वायू दाब की ओर तेज रफ्तार से बढ़ते हुए घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है. तेजी से घूमती इस हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलोमीटर का हो सकता है (Creation of Cyclonic Storm).
चक्रवाती तूफान का नाम विश्व मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र की प्रशांत एशियाई क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग खास चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत रखता है. भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े आठ समुद्री देश (भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड) एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवाती तूपान के 64 नाम तय करते हैं. यानी हर देश आठ नामों को तय करते हैं. जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, तब उसे सूची में शामिल अगला नाम दे दिया जाता है. किसी भी चक्रवाती तूफान के नाम का क्रम नामों के पहले अक्षर के मुताबिक तय किया जाता है. चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रकिया साल 2004 में शुरू की गई है (Names of Cyclonic Storm).
फिलीपींस में तूफान कलमाएगी से भयानक तबाही हुई है. मौतों का आंकड़ा 90 से ऊपर पहुंच गया है. सेबू प्रांत में 76 लोग बाढ़-भूस्खलन से मारे गए, 26 लापता हैं. 3 लाख बेघर, उड़ानें रद्द. राष्ट्रपति मार्कोस ने राहत तेज करने के आदेश दिए. तूफान अब वियतनाम की ओर जा रहा है. जलवायु परिवर्तन ने बढ़ाई चुनौती.
तूफान मेलिसा ने कैरिबियन को तबाह कर दिया. जब भारत में साइक्लोन मोंथा आया था तभी जमैका में मेलिसा से 90% छतें उड़ गई. 25000 आश्रयों में हैं. हैती में 25 मारे गए, 11600 बेघर. क्यूबा में कोई मौत नहीं, लेकिन सड़कें कटीं, बिजली गुल. कैटेगरी 5 तूफान 295 km/hr की रफ्तार से आया था.
कैरेबियाई देश हैती और जमैका पर इस वक्त भयंकर तबाही छाई हुई है. शक्तिशाली Hurricane Melissa ने इन दोनों देशों को गहरे संकट में डाल दिया है. लगातार भारी बारिश और तेज हवाओं से हैती के दक्षिणी हिस्से में कई लोगों की मौत हो चुकी है.
चक्रवात 'मोंथा' ने बुधवार तड़के आंध्र प्रदेश और यानम के तटीय इलाकों को पार किया. तेज हवाओं और भारी बारिश से कई जिलों में पेड़ उखड़ गए और बिजली आपूर्ति बाधित हुई. आंध्र में नाइट कर्फ्यू लागू है, जबकि ओडिशा में रेड अलर्ट जारी किया गया है. फ्लाइट और ट्रेनें रद्द, एनडीआरएफ की 45 टीमें राहत कार्य में जुटी हैं.
चक्रवात 'मोंथा' के दौरान तटीय इलाकों में तेज बारिश और 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए और कई जिलों में बिजली की सप्लाई बाधित हो गई.
साइक्लोन मोंथा ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही मचाई. तेज हवाओं से पेड़ गिरे, बिजली सप्लाई ठप और कई ट्रेनें रद्द हुईं. IMD ने आंध्र, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
चक्रवाती तूफान मोंथा ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही मचाई है. तेज हवाओं और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मोंथा तूफान के चलते कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं. पेड़ उखड़ गए हैं.
चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों काकीनाडा और मछलीपट्टनम में भारी असर डाला है. एक तरफ जहां काकीनाडा में एक मछुआरे के लापता होने के बाद NDRF और SDRF की टीमें बड़े पैमाने पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं, वहीं दूसरी ओर मछलीपट्टनम में तूफान ने जमकर तबाही मचाई है.
चक्रवाती तूफान मोथा ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी तबाही मचाई है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थिति की समीक्षा करते हुए तैयारियों का जायजा लिया. तूफान के कारण 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और मूसलाधार बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए और बिजली की आपूर्ति ठप हो गई.
जमैका में कैटेगरी-5 हरीकेन 'मेलिसा' ने मंगलवार को भारी तबाही मचाई, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़, तेज हवाओं और समुद्री लहरों ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने इसे "ऐतिहासिक आपदा" बताया और देशभर में आपातकाल घोषित कर दिया गया है.
दुनिया के दो कोनों में दो शक्तिशाली समुद्री तूफानों ने तबाही मचाई है. एक ओर जहां चक्रवात 'मोंथा' आंध्र प्रदेश के तटों से टकरा गया है. वहीं अटलांटिक महासागर में साल का सबसे भयंकर तूफान 'मेलिसा' कैरेबियाई देशों की ओर बढ़ रहा है.
ओडिशा के गोपालपुर तट पर चक्रवाती तूफान 'मोथा' ने दस्तक दे दी है, जिसके चलते तेज हवाओं के साथ भीषण बारिश हो रही है. ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जीरो कैजुअल्टी उनका इस बार का लक्ष्य है'. इसी को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके की बिजली काट दी गई है, जिससे चारों तरफ अंधेरा छा गया है.
चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में हाई अलर्ट जारी किया गया है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. तूफान मोंथा के आज रात मछलीपट्टनम तट पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराने की आशंका है.
चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ रहा है, जिससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित कई राज्यों में हाई अलर्ट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. सरकार का कहना है कि 'तूफान गुजर जाने के बाद भी लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है'.
मौसम विभाग ने साइक्लोन मोंथा के लैंडफॉल से पहले चेतावनी जारी की है. तटीय राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाओं का रेड अलर्ट जारी किया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देश के कई तटीय राज्यों में भारी से अति भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है. बताया जा रहा है कि लैंडफॉल के बाद तूफान की रफ्तार जो कि लैंडफॉल के वक्त 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी वो और बढ़ जाएगी.
चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते काकीनाडा बंदरगाह पर 'ग्रेट डेंजर सिग्नल नंबर 10' जारी कर दिया गया है. ओडिशा सरकार का लक्ष्य है कि जीरो कैजुअल्टी हो, ऐसी तैयारी की गई है'. तूफान के आज रात तक काकीनाडा के पास तट से टकराने की आशंका है.
साइक्लोन मोंथा, आज एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. यह 28 अक्टूबर को काकीनाडा के पास ज़मीन से टकराएगा. मोंथा तूफान फिलहाल अपनी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.
साइक्लोन मोंथा, आज एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. यह 28 अक्टूबर को काकीनाडा के पास ज़मीन से टकराएगा. मोंथा तूफान फिलहाल अपनी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है
चक्रवात मोंथा आज रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराने वाला है. 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. ओडिशा के आठ जिलों में रेड अलर्ट और आंध्र में एनडीआरएफ की 128 टीमें तैनात हैं. सरकार ने तटीय लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया है.
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात ‘मोंथा’ आज रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराएगा. 110 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी जारी. ओडिशा के 8 जिलों में रेड अलर्ट, आंध्र में NDRF की 128 टीमें तैनात.
चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश के तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. तूफान का असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में दिखने की आशंका है, जिसके चलते तटीय इलाकों में NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं.