
Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. कश्मीर के पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर किया, जिसे अब पाकिस्तान में 'गेमचेंजर एक्शन' के रूप में देखा जा रहा है. इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. अब पाकिस्तान के लाहौर, कराची और रावलपिंडी जैसे शहर भी भारत के निशाने पर आ गए हैं.
अब चर्चा है कि पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय, यानी रावलपिंडी स्थित जनरल हेडक्वार्टर (GHQ), यानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का प्रशासनिक केंद्र भी भारत के निशाने पर आ गया है. क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है.
भारत पर हमले की कोशिश नाकाम
दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की. जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, लुधियाना, भुज और फलोदी जैसे शहर निशाने पर लिए गए, लेकिन भारत ने पहली बार अपने अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया.
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भारत के ड्रोन अटैक से दहला पाकिस्तान
इस हमले में पाकिस्तान की साजिश न केवल नाकाम रही, बल्कि भारत की तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता को दुनिया के सामने उजागर भी कर गया. भारत के आधुनिक ड्रोन पाकिस्तान के कई शहरों में तबाही मचाने पहुंच गए. इस दौरान भारत के ड्रोन अटैक से रावलपिंडी के स्टेडियम को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा लाहौर और कराची में भी दहशत का माहौल है.
जनरल आसिम मुनीर का 'GHQ' निशाने पर
भारत के मजबूत जवाब के बीच अब जो सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है, वो है कि क्या भारत अब रावलपिंडी के GHQ को निशाना बनाएगा? भारत सरकार ने अभी तक इसे लेकर औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन रक्षा सूत्रों के अनुसार, अगर अब पाकिस्तान की ओर से एक और उकसावे वाली हरकत हुई, तो अगली स्ट्राइक पाक सेना के कमांड हेडक्वार्टर या ISI के सेंटर पर हो सकती है.
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक पाकिस्तान की सेना और ISI आतंकियों को रणनीतिक और तकनीकी समर्थन देती रहेगी, भारत का रुख आक्रामक बना रहेगा.
ऑपरेशन सिंदूर ने तोड़ी आतंकियों की रीढ़
आपको बता दें कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर हिंदू तीर्थयात्री और स्थानीय नागरिक थे. इस हमले के बाद भारत सरकार पर तीव्र अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव था कि वह आतंकियों को ठोस जवाब दे.
अब तक 90 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर
इसके बाद, 7 मई की रात 1:30 बजे भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK के नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक की. ये ठिकाने बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली और अन्य रणनीतिक लोकेशनों में स्थित थे. रॉ (RAW) और मिलिट्री इंटेलिजेंस की सटीक जानकारी के आधार पर किए गए इस ऑपरेशन में अब तक 90 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
खत्म हुए हाफिज, अजहर और सलाहुद्दीन के ठिकाने
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने तीन मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख), मौलाना मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख) और सैयद सलाहुद्दीन (हिज्बुल मुजाहिदीन का सरगना) को भारी नुकसान पहुंचा. भारत के हमले में इन आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्रों, हथियार भंडार और ऑपरेशनल हेडक्वार्टर्स को निशाना बनाकर खत्म कर दिया गया है. इन ठिकानों में बड़े पैमाने पर रॉकेट लॉन्चर, AK-47 राइफल्स, ड्रोन उपकरण और पाकिस्तानी सेना द्वारा सप्लाई किए गए लॉजिस्टिक्स मौजूद थे.
इंटरनेशनल अलर्ट और कूटनीतिक समर्थन
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को लाहौर और इस्लामाबाद से तत्काल बाहर निकलने की चेतावनी जारी की है. यूके, फ्रांस और जापान ने भी पाकिस्तान में अपने दूतावासों को सतर्क कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा है कि यह कार्रवाई आतंक के खिलाफ वैध आत्मरक्षा के अधिकार के तहत की गई है.
भारत का ऑपरेशन सिंदूर और हालिया जवाबी एक्शन न केवल आतंकियों के लिए चेतावनी है, बल्कि पाकिस्तान की सेना के लिए भी एक संदेश है कि अब 'स्ट्रैटेजिक इम्प्यूनिटी' का युग खत्म हो चुका है. अगर आतंकी हरकतों का स्रोत GHQ या ISI है, तो अब वे भी महफूज नहीं रहेंगे. हर हरकत का करारा जवाब दिया जाएगा.