मोहम्मद यूसुफ शाह, जिसे सैयद सलाहुद्दीन (Syed Salahuddin) के नाम से जाना जाता है, कश्मीर (Kashmir) में सक्रिय आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख है (Chief Hizbul Mujahideen). वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (United Jihad Council) का भी प्रमुख है, जो पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आईएसआई (ISI) प्रायोजित जिहादी आतंकवादी समूह है.
वह भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (INA) की मोस्ट वांटेड आंतकावदियों की सूची में है. उसे अमेरिकी राज्य विभाग (US Department of State) द्वारा विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (Global Terrorist) के रूप में नामित किया गया है.
मई 2020 में उस पर हुए हमले को पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने चेतावनी बताया था. अगस्त 2020 में भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की. नई दिल्ली की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में 2021 में एक समन भी जारी किया था. 2022 में भारत की एनआईए अदालत ने उसके और अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया (Syed Salahuddin Terror Funding).
सैयद सलाहुद्दीन का जन्म दिसंबर 1946 में कश्मीर घाटी के बडगाम के सोइबग में हुआ था (Syed Salahuddin Born). उसके नाना गुल्ला साहब एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक व्यक्ति थे और उसके पिता एक किसान थे (Syed Salahuddin Father).
उसने अपने दादा के मार्गदर्शन में अध्ययन किया. हाई स्कूल में, शाह ने अंग्रेजी में कविता की रचना की और एक प्रभावशाली वाद-विवादकर्ता बन गया. उसने प्रथम श्रेणी के अंकों के साथ विज्ञान में इंटरमीडिएट पूरा किया. फिर उसने श्री प्रताप कॉलेज, श्रीनगर में कला का अध्ययन किया और कश्मीर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान में मास्टर्स किया. बाद में, वह एक मदरसे में इस्लामिक शिक्षक बना (Syed Salahuddin Education).
1989 में चुनाव के दौरान हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए सैयद सलाहुद्दीन को गरिफ्तार कर लिया गया था. रिहाई के बाद वह मुहम्मद अहसान डार उर्फ 'मास्टर' द्वारा स्थापित हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया. उसने जल्द ही हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला (Syed Salahuddin Joined Hizbul Mujahideen).
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने पाया कि राज्य या प्रतिवादियों की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ और इस मामले को अन्य लंबित मामलों के साथ 22 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
Operation Sindoor: भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. अब पाकिस्तान के लाहौर, कराची और रावलपिंडी जैसे शहर भी भारत के निशाने पर आ गए हैं.
पाकिस्तान की हालत 1971 की जंग के बाद जैसी भले न हुई हो, लेकिन मिलती जुलती ही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पड़ोसी मुल्क में आतंकवाद ही नहीं, मौजूदा फौजी हुक्मरानो के पैरों तले जमीन भी खींच ली है - अगर अवाम ने आगे बढ़कर संभालने की कोशिश नहीं की, तो सर्वाइवल की चुनौती भी खड़ी हो सकती है.
Operation Sindoor: भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी. RAW की खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई इस कार्रवाई में भारत के दुश्मन तीनों आतंकी सरगनाओं की जड़ें हिल गईं.
ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के खिलाफ महज एयर स्ट्राइक भर नहीं है - दरअसल, ये आतंक की दुनिया को भारत की तरफ से भेजा वो पैकेज है, जिसमें कदम कदम पर, और सभी के लिए संदेश है.
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका लगातार भारत के खिलाफ साजिश रचते रहते हैं और घाटी में वारदातों को अंजाम देने के लिए लोकल टेररिस्ट की मदद भी लेते हैं. ऐसा इस बार भी हुआ है क्योंकि पाकिस्तान कई महीनों से भारत के खिलाफ कुछ बड़ा करने की फिराक में था.
इंडिया टुडे की दो हिस्सों में जारी होने वाली खोजी सीरीज के दूसरे भाग में स्थापित आतंकी संगठनों के बीच एक नई सांठगांठ का खुलासा हुआ है. इसके अलावा यह भी सामने आया है कि आतंक के इस मेल-मिलाप को ISI ने अंजाम दिया है. अलग-अलग आतंकियों को रणनीतिक रूप से प्रमुख विभाग बांटे गए हैं. जिसके बाद उसका असर पहले के मुकाबले बढ़ गया है.
कश्मीर की बारामूला सीट पर धारा 370 से कश्मीर से हटाए जाने के बाद पहली बार आज चुनाव हो रहे हैं. यहां घाटी में बंपर मतदान हुआ है. बडगाम के उस गांव में भी आज मतदान हुआ है जहां हिजबुल चीफ सय्यद सलाहुद्दीन रहता था और यहां आतंक को लोकतंत्र की ताकत दिखाई गई. देखें ये रिपोर्ट.
धारा 370 से कश्मीर से हटाए जाने के बाद पहली बार वहां आज चुनाव हो रहे हैं. आज कश्मीर की बारामूला सीट पर वोटिंग हो रही है. यहां घाटी में बंपर मतदान हुआ है. बड़गाम के उस गांव में भी आज मतदान हुआ है जहां हिजबुल चीफ सय्यद सलाहुद्दीन रहता था और यहां जमकर वोट डाले गए हैं.