मसूद अजहर (Masood Azhar) एक कुख्यात आतंकवादी है. मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है, जो भारत में कई घातक हमलों का जिम्मेदार है. इन हमलों में सैकड़ों निर्दोष लोगों की जानें गईं. 6 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए. आतंकी संगठन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन और मौलाना कशफ का पूरा परिवार, मुफ्ती अब्दुल रउफ के पोते-पोतियां इस हमले में मारे गए जबकि कई परिवार के सदस्य घायल हो गए.
उसका जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) नामक आतंकी संगठन का संस्थापक है, जो पाकिस्तान में स्थित है और भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा है.
मसूद अजहर ने शाजिया से शादी की और उसके दो बेटे हैं. मसूद के पांच भाई और छह बहनें हैं. उसके बड़े भाई का नाम मोहम्मद ताहिर अनवर है, जबकि दूसरे भाई का नाम इब्राहिम अजहर है. खबरों की मानें तो उसके सभी भाई आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है.
मसूद अजहर ने कराची की जामिया उलूम-उल-इस्लामिया मदरसे से इस्लामी शिक्षा हासिल की. यहीं से उसके कट्टर विचारों की नींव पड़ी. वह पहले हरकत-उल-मुजाहिदीन नामक संगठन से जुड़ा था, लेकिन 1994 में भारत में गिरफ्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय पहचान में आया.
1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को अपहरण ने मसूद अजहर को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया. दरअसल आतंकवादियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाकर भारत सरकार पर मसूद अजहर को रिहा करने का दबाव डाला था. भारत सरकार को यात्रियों की जान बचाने के लिए उसे रिहा करना पड़ा, जिसके बाद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की.
जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिनमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला, 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला, जिसमें 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हुए, प्रमुख हैं.
इन हमलों के बाद मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आतंकवादी माना गया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2019 में उसे "वैश्विक आतंकवादी" घोषित किया.
पाकिस्तान लंबे समय से मसूद अजहर की उपस्थिति और गतिविधियों से इनकार करता रहा है. हालांकि भारत और अन्य देशों के पास पर्याप्त सबूत हैं कि वह पाकिस्तान में ही रह रहा है और उसे सुरक्षा भी प्रदान की जाती है. अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद, अब तक उस पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है.
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मुमीनात को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. आतंकी मसूद अजहर की सोशल मीडिया पोस्ट के हवाले से बताया गया है कि इस विंग में अब तक करीब 5,000 महिलाओं की भर्ती हो चुकी है और उनका ब्रेनवॉश कर फिदायीन गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है.
जैश-ए-मोहम्मद ने अब बंदूक और बारूद के पार डिजिटल जिहाद की एक नई रणनीति अपनाई है. 2024 के बाद संगठन ने अपने प्रचार का नया अड्डा बना लिया है व्हाट्सऐप, जहां खुले तौर पर चल रहे चैनलों के जरिए ये भारत में पढ़े-लिखे स्मार्टफोन यूजर्स तक पहुंच रहा है. जानिए- इस नई रणनीति के जरिए आतंकी संगठन क्या चाहता है.
दिल्ली धमाके में जैश के दो बड़े लिंक सामने आए हैं. पहला है आतंकी मॉड्यूल, जिसने धमाका किया और दूसरा है शाहीन, जिसकी कार से असॉल्ट राइफल और भारी मात्रा में कारतूस मिले.
डॉक्टर शाहीन शाहिद जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया के निर्देश पर काम कर रही थी. उसे जैश की महिला विंग का इंडिया हेड बताया जा रहा है. लेडी टेररिस्ट का अपने पति से 2015 में तलाक हो गया था, जिसके बाद वह फरीदाबाद शिफ्ट हो गई थी.
जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में 'जमात-उल-मोमिनात' नाम से एक महिला जिहादी दस्ता तैयार कर रहा है, जिसका खुलासा उसके 21 मिनट के ऑडियो टेप से हुआ है. अजहर ने टेप में कहा, 'उन्होंने हमारे मुकाबले में हिंदू फौजी औरतें खड़ी की हैं... मैं भी अपनी औरतों को उनके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार कर रहा हूं'. इस ऑडियो में उसने बताया कि कैसे महिलाओं को 15 दिन के 'दौरा-ए-तस्किया' कोर्स में ब्रेनवॉश कर जिहाद के लिए तैयार किया जाएगा.
पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद महिला ब्रिगेड बना चुका, जो टैरर फैलाने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग देगा. इससे पहले भी कई चरमपंथी गुट, यहां तक कि इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने भी जन्नत का सपना दिखाकर हजारों महिलाओं को सीरिया बुला लिया था और उन्हें यौन गुलाम बनाकर सालों टॉर्चर किया.
जैश सरगना मसूद अजहर के 21 मिनट के ऑडियो में 'जमात-उल-मोमिनात' की साजिश सामने आई है. बहावलपुर में महिलाओं को 'दौरा-ए-तस्किया' ट्रेनिंग देकर जिहाद सिखाया जाएगा. हिंदू महिलाओं के खिलाफ भड़काया जा रहा है. जन्नत का लालच, ऑनलाइन क्लासें और सख्त नियम बनाए जा रहे हैं. अजहर की बहनों को लीडरशिप दी गई है.
पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं को जोड़ने के लिए नई स्कीम निकाली है..आतंकी संगठन ने जमात-उल-मुमिनात नाम से ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है, जिसमें 500 पाकिस्तानी रुपये शुल्क लिया जा रहा है
आतंकी मसूद अजहर भारत एक बार फिर अपने मिशन में लग चुका है. इस बार इसने अपनी बहनों को भी इस नापाक मुहिम में लगा दिया है. मसूद अजहर की बहनें सादिया अजहर और समायरा अजहर अब रोजाना 40 मिनट के लिए पाकिस्तान की लड़कियों को जिहाद की ऑनलाइन ट्रेनिंग देंगी. इसके लिए 500 पाकिस्तानी रुपये चार्ज किया जा रहा है.
पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने पहली महिलाओं की विंग 'जमात-उल-मोमिनात' बनाई है. मसूद अजहर की बहन सादिया के नेतृत्व में ये विंग काम करेगी. बहावलपुर से भर्ती शुरू, कमांडरों की पत्नियां और गरीब महिलाएं टारगेट हैं. अब महिला सुसाइड बॉम्बर ट्रेनिंग का डर. भारत के लिए खतरा बढ़ा.
भारत के खिलाफ एशिया कप में मिली हार के बाद पाकिस्तानी टीम का बड़बोलापन जारी रहा. पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने तो मैच जीतने के बाद ऐसा ऐलान कर दिया, जिससे लग रहा है कि इस देश की सोच अब भी आतंकी और उनके परिवारों को मदद करने की है.
सऊदी अरब ने पाकिस्तान की सुरक्षा की गारंटी लेने वाले पैक्ट पर हस्ताक्षर तो कर दिया है, लेकिन सऊदी प्रशासन के पास पाकिस्तान में पनप रहे आतंकियों की करतूतों का क्या जवाब है? अगर भविष्य में ये आतंकी भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस करते हैं तो ऐसी परिस्थिति में भारत के एक्शन पर सऊदी अरब का क्या जवाब होगा?
जैश आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी ने दिल्ली और मुंबई हमलों में मसूद अजहर की भूमिका का खुलासा किया है, साथ ही ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की मौजूदगी की बात भी कबूली है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'ये नया भारत है, घर में घुस कर मारता है.'
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने दिल्ली और मुंबई हमलों के पीछे मसूद अजहर का हाथ होने की बात कुबूल की है. उसके कुबूलनामे से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों का भी पर्दाफाश हुआ है.
जैश ए मोहम्मद ने 15 सितंबर को सियालकोट में हुई एक रैली में पहली बार कबूल किया है कि 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर में उसके सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई लोग मारे गए थे. जैश के टॉप कमांडर मसूद अलियास कश्मीरी ने रैली में कहा कि "7 मई को भागलपुर के अंदर मौलाना मसूद अजहर की फैमिली के लोग बेटे और बेटे और बच्चे नजारे जा हो गए.
पाकिस्तान से दो महत्वपूर्ण स्वीकारोक्तियां सामने आई हैं. पहली, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने यह कबूल किया है कि 7 मई को भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बहावलपुर में उसके सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य मारे गए थे. जैश के एक कमांडर के अनुसार, इस हमले में अजहर की बहन, बहनोई और बच्चों सहित कई परिजन मारे गए.
भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय मरकज सुभानल्लाह को निशाना बनाया, जिसमें मौलाना मसूद अजहर के परिवार समेत 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. 9 सितंबर को इज़राइल द्वारा दोहा में हमास नेता को निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान ने निंदा की, जिसके जवाब में इज़राइल ने ओसामा बिन लादेन का जिक्र किया.
दुनिया के सामने जैश ने कबूल किया है कि ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर के परिवार का खात्मा हुआ है. जैश ने कहा कि उनका खानदान टुकड़े-टुकड़े हो गया है. वहीं गोरखपुर में पशु तस्करों द्वारा एक छात्र की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है. जिसके बाद प्रदेश के सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि आरोपी बख्शें नहीं जाएंगे.
ऑपरेशन सिंदूर के कई महीनों बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के परिवार ने इसकी पुष्टि की है. जैश कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक रैली में कहा है कि 7 मई को जब भारत ने बहावलपुर पर हमला किया तो मसूद अजहर का परिवार रेजा-रेजा यानी कि टुकड़ों टुकड़ों में बंट गया.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने मई 2025 में लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके मुख्यालय को नष्ट किया. अब पाकिस्तान सरकार इसे दोबारा बनाएगी, जिसके लिए PM शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ फंडिंग करेंगे. अगस्त से निर्माण शुरू हो गया, जिसे फरवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है. भारत ने इसे आतंकवाद को समर्थन बताया, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है.
जैश-ए-मोहम्मद ने गुप्त रूप से 3910 करोड़ रुपये जुटाने का अभियान चलाया, ताकि पाकिस्तान में 313 नए आतंकी प्रशिक्षण शिविर बनाए जा सकें. मसूद अजहर और उसके भाई तल्हा अल सैफ ने डिजिटल वॉलेट्स और मस्जिदों में चंदा इकट्ठा किया. अल रहमत ट्रस्ट ने भी फंडिंग में मदद की. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से जैश के ठिकानों पर हमला कर इस योजना को झटका दिया.