scorecardresearch
 

शक्तिकांत दास बोले- GDP में कटौती के पीछे कोई कारण नहीं, FY22 में 10.5% का अनुमान

भारतीय इकोनॉमी को लेकर रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर अनुमान जारी किया है. अब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है. उससे जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने का कोई कारण नहीं है.

Advertisement
X
शक्तिकांत दास को इकोनॉमी में सुधार के संकेत
शक्तिकांत दास को इकोनॉमी में सुधार के संकेत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चालू वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ रेट 10.5% रहने का अनुमान
  • भारतीय इकोनॉमी में तेज सुधार के संकेत
  • वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी से इकोनॉमी में सुधार के संकेत

भारतीय इकोनॉमी को लेकर रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर अनुमान जारी किया है. अब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है. उससे जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने का कोई कारण नहीं है. 

दरअसल RBI ने अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान मौजूदा वित्त-वर्ष में GDP ग्रोथ रेट 10.5 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के असर को देखते हुए पिछले महीने RBI ने मौजूदा चालू वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया था. 

जीडीपी में तेजी का भरोसा

लेकिन गुरुवार को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने के पीछे फिलहाल अब कोई कारण नहीं है. उन्होंने फिर चालू वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि अब इसे घटाने के पीछे कोई वजह नहीं है. शक्तिकांत दास ने ये बातें ET फाइनेंशियल इन्क्लूजन समिट के दौरान कही. 

बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव

Advertisement

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत ने अंतिम उपभोक्ता तक बैंक सेवाओं की पहुंच को सुविधाजनक बनाने और वित्तीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने में एक लंबा सफर तय किया है. IMPS और UPI जैसी सर्विसेज ने डिजिटल पेमेंट को और आसान बना दिया है. आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 10.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे इकोनॉमी में तेजी एक अहम कारण है. 

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे कम हो गया है. कोरोना के असर को कम करने के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई कदम उठाए गए हैं. इसके अलावा वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी से इकोनॉमी में तेज सुधार के संकेत मिले हैं. 

इसके अलावा रेटिंग एजेंसी इकरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के खुलने से इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार बढ़ी है. इकरा का मानना है कि अप्रैल-जून के दौरान इकोनॉमिक ग्रोथ डबल डिजिट में हो सकती है.

 

Advertisement
Advertisement