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तेजस्वी के 3 विधायकों ने बदला पाला, NDA के साथ बने रहे मांझी... तब स्पीकर की कुर्सी से हटे अवध बिहारी

जीतनराम मांझी के एनडीए पाले में बने रहने और तीन राजद विधायकों के पाला बदलने से जदयू और भाजपा के लिए बहुमत साबित करना आसान हो गया. इसके बाद विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने की कवायद शुरू हुई.

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राजद नेता अवध बिहारी चौधरी बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से हटाए गए. (ANI Photo)
राजद नेता अवध बिहारी चौधरी बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से हटाए गए. (ANI Photo)

बिहार में सोमवार को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ तो सबकी नजरें ​नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण पर टिकी थीं. राजद की ओर से लगातार दावा किया जा रहा था कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन खेला होगा, नीतीश कुमार की सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. जीतनराम मांझी ने भी ऐसे संकेत दिए जिससे खेला होने का संकेत मिलने लगा था. लेकिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो घटनाक्रम तेजी से बदला. भाजपा सांसद नित्यानंद राय, जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी 'हम' के 4 विधायकों को लेकर विधानभवन पहुंचे.

तब तक पता चला कि राजद के ही तीन विधायकों ने पाला बदल लिया है. चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव सत्ता पक्ष की ओर जाकर बैठ गए. जीतनराम मांझी के एनडीए के पाले में बने रहने और तीन राजद विधायकों के पाला बदलने से जदयू और भाजपा के लिए बहुमत साबित करना आसान हो गया. इसके बाद विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने की कवायद शुरू हुई. एनडीए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई. बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. 

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ एनडीए द्वारा स्पीकर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को 125 विधायकों का समर्थन मिला, जबकि 112 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. इस तरह राजद नेता अवध बिहारी चौधरी को बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. बता दें कि अवध बिहारी चौधरी ने अपनी पार्टी के सत्ता खोने के बाद पद छोड़ने से इनकार कर दिया था, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'महागठबंधन' से नाता तोड़ लिया था और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लौट आए थे. कुर्सी छोड़ने से पहले अवध बिहारी चौधरी ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और महागठबंधन के अन्य दलों का उन्हें स्पीकर पद पर बैठने का मौका देने के लिए आभार जताया.

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अवध बिहारी के स्पीकर पद से हटने के बाद सदन की कार्यवाही संचालित करने का जिम्मा विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने संभाला. तब नीतीश कुमार ने सदन में अपनी सरकार का विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चर्चा शुरू हुई. राजद की ओर से सबसे पहले तेजस्वी यादव बोलने उठे. उनके संबोधन के बाद उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सदन को संबोधित किया. तेजस्वी यादव ने कहा, 'मैं इस नई सरकार के खिलाफ खड़ा हूं. मैं सीएम नीतीश कुमार को 9 बार शपथ लेकर इतिहास रचने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं'. विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव और राजद नेताओं पर हिंदू भावनाओं के अपमान का आरोप लगाया.

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