नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं. वे मार्च 2000 में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के समर्थन से पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री (Bihar Chief Minister) बनें, लेकिन सिर्फ सात दिनों के लिए. नीतीश सदन में अपनी बहुमत साबित नहीं कर पाए और इस्तीफा दे दिया. 2005 से वे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे रहें हैं. बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद 20 नवंबर को नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
बात उनकी राजनीतिक सफर की करें तो 1985 में नीतीश कुमार पहली बार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए.
1989- उन्होंने लालू प्रसाद को नेता प्रतिपक्ष बनने में समर्थन दिया.
1994- जनता दल के 14 सांसदों ने लालू प्रसाद के खिलाफ बगावत की और जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में एक नया समूह बनाया. इस समूह का नाम ‘जनता दल (जॉर्ज)’ रखा गया, जिसकी रूपरेखा तैयार करने में नीतीश कुमार की प्रमुख भूमिका मानी जाती है. बाद में यही समूह ‘समता पार्टी’ के नाम से जाना गया.
1996- नीतीश कुमार ने अपना राजनीतिक रुख बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ पकड़ा.
1998-2004- अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे रेल, सड़क परिवहन और कृषि जैसे कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालते रहे.
2000- भाजपा-नीत एनडीए के समर्थन से वे पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन विधानसभा में बहुमत न जुटा पाने के कारण सात दिनों में इस्तीफा देना पड़ा.
2003- समता पार्टी का विलय आधिकारिक रूप से जनता दल (यूनाइटेड) में कर दिया गया.
2005- भाजपा के साथ गठबंधन में नीतीश कुमार ने दोबारा बिहार की सत्ता संभाली और मुख्यमंत्री बने.
2010- एनडीए एक बड़ी जीत के साथ सत्ता में लौटा और नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बने.
2013- जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया.
2015- उन्होंने लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर महागठबंधन बनाया और विधानसभा चुनाव जीता- इसके बाद वे फिर मुख्यमंत्री बने.
2017- उन्होंने एक और बड़ा राजनीतिक मोड़ लेते हुए महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बना ली. छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
2020- एनडीए ने चुनाव तो जीता, लेकिन जदयू की सीटें घटकर 43 रह गईं. इसके बावजूद नीतीश कुमार सातवीं बार मुख्यमंत्री बने.
10 अगस्त 2022- नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की आठवीं बार शपथ ली. राजद के नेता तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री का पद मिला था.
जिनका जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर (Bakhtiarpur Bihar) में हुआ (Date of Birth). उनके पिता कविराज राम लखन सिंह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे, जबकि उनकी माता का नाम परमेश्वरी देवी है (Nitish kumar Parents). वह राजनीतिक संगठन जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद(यू) (JDU) के नेता हैं. वे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना (National Institute of Technology Patna) के पूर्व छात्र हैं (Nitish Kumar Education)
पटना में जेडीयू नेता और राज्यसभा सांसद संजय झा ने सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं, समर्थकों और शुभचिंतकों की इच्छा है कि निशांत अब राजनीति में आएं और पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाएं. झा के अनुसार, अंतिम फैसला निशांत को ही लेना है कि वे कब औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखेंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में 22 मिनट का संबोधन दिया. उन्होंने 24 नवंबर 2005 से शुरू हुए NDA सरकार के कानून के राज और 20 वर्षों के विकास की उपलब्धियां गिनवाईं. उन्होंने 5 घंटे में कहीं से भी पटना पहुंचने का लक्ष्य पूरा होने और 2 लाख 58 हजार शिक्षकों की बहाली जैसी उपलब्धियों पर जोर दिया.
नीतीश कुमार ने विधानसभा में 20 साल के शासन, शिक्षा-स्वास्थ्य सुधार, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और भविष्य के विकास रोडमैप पर बड़ा बयान दिया.
बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार को चुन लिया गया है. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव ने प्रेम कुमार को बधाई देते हुए नए अंदाज में नजर आए. उन्होंने आक्रामक तेवर अपनाए के बजाय शालीन और गंभीर छवि पेश करने का दांव चला.
आज से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है, जहां प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद आज स्पीकर पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. आज से शुरू होने वाला ये विशेष सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा.
बिहार में नीतीश कुमार सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर में संभावित है. वर्तमान में कैबिनेट में 9 पद रिक्त हैं. जेडीयू अपने कोटे के 6 और भाजपा 3 मंत्री पद भरने की तैयारी में हैं. जेडीयू कुशवाहा एवं अति-पिछड़ा वर्ग के विधायकों को प्राथमिकता दे सकती है.
दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले एअरबस A320 फैमिली के विमानों में सोलर रेडिएशन से फ्लाइट कंट्रोल डेटा करप्ट होने का खतरा सामने आया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पांचवीं बार 10 लाख लाभुक महिलाओं के बैंक खातों में प्रति लाभुक 10-10 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पांचवीं बार 10 लाख महिलाओं के खातों में प्रति लाभुक 10-10 हजार रुपये, कुल 1 हजार करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किए हैं, जिससे अब तक राज्य की 1 करोड़ 46 लाख से ज्यादा महिलाओं को कुल 15,600 करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है.
नीतीश कुमार को लेकर चुनावों से पहले खूब सवाल उठाए जा रहे थे, अब वो उनका जवाब एक्शन से देने लगे हैं. कानून-व्यवस्था से लेकर सरकारी योजनाओं तक. बिहार सचिवालय का औचक निरीक्षण कर नीतीश कुमार ने अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है कि आगे वो क्या क्या करने वाले हैं.
दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में महिला स्वरोजगार योजना को तेजी से आगे बढ़ाया है. इस योजना के तहत दस लाख और महिला लाभार्थियों को दस दस हजार रुपए सीधे उनके खातों में दिए जाएंगे. इससे लाभार्थी महिलाओं की संख्या एक करोड़ चालीस लाख हो जाएगी. यह योजना महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार के लिए एक बड़ा कदम साबित होगी. मुख्यमंत्री ने महिलाओं को दो लाख रुपए तक का कारोबार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देने की योजना भी शुरू की है, जिससे वो अपने व्यवसाय को मजबूत कर सकें.
नीतीश सरकार ने बिहार में अपराध और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है. 1300 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी के साथ चार सौ वांटेड अपराधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है. पटना, किशनगंज और बघा जैसे जिलों में बुलडोजर कार्रवाई कर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है. गृह मंत्रालय की बागडोर सम्राट चौधरी के हाथों आने के बाद बिहार में उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की तर्ज पर बुलडोजर कार्रवाई तेज हुई है. इसके अलावा संगठित अपराध जैसे रेत माफिया, जमीन माफिया और शराब ठेकेदारों पर भी सख्ती बरती जा रही है.
आज का दंगल बिहार में नई सरकार के योगी मॉडल पर है. क्योंकि बिहार में जब से बीजेपी के हाथ गृह मंत्रालय लगा है. तब से बिहार सरकार के कामकाज और तेवर में बड़ा बदलाव दिख रहा है. और हकीकत की जमीन पर वो बदलाव फिलहाल बुलडोजर की शक्ल में नजर आया है. बिहार के शहर शहर बुलडोजर दौड़ने लगे हैं. बिहार में सड़क किनारे अतिक्रमण से लेकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे तक पर आधा दर्जन शहरों में बुलडोजर कार्रवाई की गई है.
बिहार में संगठित अपराध के खिलाफ राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. चार सौ अपराधियों की संपत्ति जप्त की जा चुकी है और अब बारह सौ से तेरह सौ अपराधियों की सूची बनाई गई है. रेत माफिया, जमीन माफिया, शराब ठेकेदार, कॉन्ट्रैक्ट किलर समेत विभिन्न अपराधी इस सूची में शामिल हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड भी सक्रिय किया जाएगा और महिला पुलिस कर्मी स्कूल-कॉलेज के बाहर गश्त करेंगी.
राबड़ी देवी का बंगला बदला जाना नए राजनीतिक समीकरणों से उपजा संदेश है. नीतीश की तरफ से ये संदेश लालू यादव को है, या बीजेपी नेतृत्व को? समझने वाली बात ये भी है. और, ऐसे सवालों को जन्म देती है नीतीश कुमार के सरकारी आवास और राबड़ी देवी के पुराने और नए बंगले की बीच की दूरी.
ये समझना मुश्किल हो सकता है कि बिहार में बेहतर कानून-व्यवस्था कायम करना, सिर्फ सम्राट चौधरी के लिए खुद को साबित करने का मौका है या बीजेपी के लिए एक टास्क है. लेकिन, ये तो साफ है कि नीतीश कुमार की सुशासन बाबू वाली विरासत संभालने के लिए सम्राट चौधरी के सामने ये बेहतरीन मौका है.
20 साल पहले बिहार में सत्ता बदली तो नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी को पूर्व सीएम होने के नाते राजधानी पटना में 10 सर्कुलर रोड पर सरकारी बंगला आवंटित किया था, जिसे अब उन्हें छोड़ना होगा. यह फैसला सरकार ने तेजस्वी यादव की ओर से दायर केस के चलते लिया है.
बिहार में राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाला आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद सियासी घमासान मचा है. बिहार में विधायकों के बंगले की नई नीति क्या है, जिससे राबड़ी देवी नाराज हो गई हैं?
बिहार में जल्द ही डिफेंस कॉरिडोर बनेगा. इसमें बारूद, तोप के गोले, AK-203 राइफल, ड्रोन, बुलेटप्रूफ जैकेट बनेंगे. गया, नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद जैसे जिलों में बड़े प्लांट आएंगे. 5-7 लाख सीधी नौकरियां मिलेंगी. बिहार अब हथियार भी बनाएगा.
सम्राट चौधरी ने गृह विभाग का कार्यभार संभलते ही अपराधियों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि मैं बिहार में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं होने दूंगा. राज्य में 400 बड़े माफिया और अपराधियों की पहचान की गई है, जिनमें से दो के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने स्कूल-कॉलेजों के आसपास पिंक पेट्रोलिंग जैसी विशेष फोर्स तैनात करने का भी ऐलान किया है.
बिहार में नई एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में उद्योग लगाने, रोजगार बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने को प्राथमिकता दी गई. सरकार ने डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, स्टार्टअप सपोर्ट, नई चीनी मिलों और औद्योगिक क्लस्टर्स की तैयारी तेज करने का फैसला लिया. साथ ही 1-5 दिसंबर तक विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने और एनडीए सरकार बनने के बाद पहली बार कैबिनेट की बैठक है. माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकते हैं.