विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar), एक भारतीय राजनीतिज्ञ, कार्यकर्ता और लेखक थें. सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास भागुर गांव में हुआ था (Vir Savarkar Born). वह मराठी हिंदू चितपावन ब्राह्मण परिवार से थे. उनके पिता दामोदर सावरकर और मां राधाबाई सावरकर थीं.
उनके तीन भाई-बहन थें, जिनका नाम गणेश, नारायण और मैना है (Vir Savarkar Family). सावरकर ने हाई स्कूल के छात्र के रूप में अपनी सक्रियता शुरू की. सावरकर ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में एक छात्र के रूप में अपनी राजनीतिक सक्रियता जारी रखी. सावरकर राष्ट्रवादी नेता लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) से काफी प्रभावित थे. बदले में तिलक सावरकर जैसे युवा छात्र से प्रभावित हुए और उन्हें लंदन में कानून की पढ़ाई के लिए 1906 में शिवाजी छात्रवृत्ति प्राप्त करने में मदद की (Vir Savarkar Education).
लंदन में कानून की पढाई के दौरान (1906-10) सावरकर ने भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह को निर्देश देने में मदद की. इस अवधि के दौरान उन्होंने द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857 (1909) लिखा (Vir Savarkar Book).
मार्च 1910 में सावरकर को तोड़फोड़ और युद्ध के लिए उकसाने से संबंधित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया और उन्हें मुकदमे के लिए भारत भेजा गया. इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया. एक दूसरे मुकदमे में उन्हें भारत में एक ब्रिटिश जिला मजिस्ट्रेट की हत्या में उनकी कथित मिलीभगत का दोषी ठहराया गया था और आजीनवन हिरासत में रखने के लिए अंडमान द्वीप भेज दिया गया था. उन्हें 1921 में भारत वापस लाया गया और 1924 में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. कैद के दौरान उन्होंने हिंदुत्व पर एक किताब लिखा- हिंदू कौन है? (1923). यह किताब एक हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा का एक प्रमुख सिद्धांत बन गई (Vir Savarkar Arrest).
सावरकर 1937 तक भारत के रत्नागिरी में रहे. वह हिंदू महासभा में शामिल हो गए. उन्होंने भारतीय मुसलमानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक वर्चस्व के हिंदुओं के दावों का उग्र रूप से बचाव किया. उन्होंने सात साल तक महासभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 1943 में वे बंबई में सेवानिवृत्त हुए. 1948 में महात्मा गांधी की हत्या हो गई. इस हत्या में सावरकर को भी फंसाया गया था, लेकिन बाद के मुकदमे में अपर्याप्त साक्ष्य के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था (Vir Savarkar History).
8 नवंबर 1963 को सावरकर की पत्नी यमुनाबाई का निधन हो गया. 1 फरवरी 1966 को, सावरकर ने दवाओं, भोजन और पानी का त्याग कर दिया, जिसे उन्होंने आत्मार्पण यानी मृत्यु तक उपवास कहा. अपनी मृत्यु से पहले, उन्होंने 'आत्महत्या नहीं आत्मार्पण' शीर्षक से एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि जब किसी के जीवन का मिशन समाप्त हो जाता है और समाज की सेवा करने की क्षमता नहीं रह जाती है, तो मौत का इंतजार करने के बजाय जीवन को समाप्त करना बेहतर होता है (Vir Savarkar wife's Death).
26 फरवरी 1966 को बॉम्बे (अब मुंबई) में उनके निवास पर उनकी मृत्यु से पहले उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी, और उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगी और उस दिन सुबह 11 बजे उनकी मृत्यु हो गई. अपनी मृत्यु से पहले, सावरकर ने अपने रिश्तेदारों से केवल उनका अंतिम संस्कार करने और हिंदू धर्म के 10वें और 13वें दिन के अनुष्ठानों को समाप्त करने के लिए कहा था. तदनुसार, उनका अंतिम संस्कार अगले दिन उनके बेटे विश्वास ने बॉम्बे के सोनापुर इलाके में एक इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में किया (Vir Savarkar Death).
महाराष्ट्र या केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस पार्टी सरकार ने कोई आधिकारिक शोक घोषित नहीं किया गया. सावरकर को श्रद्धांजलि देने के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट का कोई मंत्री नहीं आया. सावरकर के प्रति राजनीतिक उदासीनता उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रही है. जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद, प्रधानमंत्री शास्त्री के अधीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें मासिक पेंशन देना शुरू किया (Congress Party on Vir Savarkar Death).
वीर सावरकर के जीवन पर कई फिल्में बनाई गई. 1996 में प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म 'कालापानी' थी. मराठी और हिंदी संगीत निर्देशक और सावरकर के अनुयायी, सुधीर फड़के और वेद राही ने वीर सावरकर की बायोपिक फिल्म बनाई, जो कई वर्षों के निर्माण के बाद 2001 में रिलीज हुई थी. 2023 में 'स्वतंत्र वीर सावरक' बनी, जिसके निर्देशक महेश मांजरेकर हैं और सावरकर की भूमिका रणदीप हुड्डा ने निभाई (Movies on Vir Savarkar Life).
पुणे की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ विनायक दामोदर सावरकर मानहानि केस में सत्यकी सावरकर की बतौर सबूत यूट्यूब वीडियो चलाने की याचिका खारिज कर दी.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने यूजीसी के इस मसौदे का कड़ा विरोध करते हुए 25 और 26 अगस्त को देशभर में ड्राफ्ट की प्रतियां जलाने और 27 अगस्त को यूजीसी कार्यालयों तक मार्च निकालने की घोषणा की है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए पुणे की कोर्ट से एक नई खबर सामने आई है. वीर सावरकर के प्रपौत्र सत्यकी सावरकर ने उनके खिलाफ झूठी गवाही (perjury) का आरोप लगाते हुए एक अर्जी दाखिल की है. यह मामला मानहानि केस से जुड़ा है, जहां सावरकर ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है.
राहुल गांधी के वकील ने दावा करते हुए कहा कि हाल ही में उन्होंने जिन राजनीतिक मुद्दों को उठाया है और पहले सावरकर पर जो टिप्पणियां की थीं, उनकी वजह से उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है. इस केस के शिकायतकर्ता, नाथूराम गोडसे के सीधे वंशज हैं.
हलफनामे में कहा गया है कि सावरकर सदन को विरासत सूची में शामिल करने का प्रस्ताव था और इस पर विचार भी किया गया था. नगर विकास विभाग ने 2009 में ही उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए सरकार को इस भवन को ग्रेड-IIA संरचना घोषित करने की सिफारिश की थी. इस मुद्दे पर सरकार के विभिन्न विभागों के बीच काफी पत्राचार हुआ था, लेकिन जून 2012 में मंत्रालय में भीषण आग लगने से इस विषय से जुड़ी फाइलें नष्ट हो गईं.
सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बड़ी ही सख्त टिप्पणी की है. चीन को लेकर राहुल गांधी के बयान पर एक मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की ‘भारतीयता’ पर सवाल खड़ा कर दिया है. सवालों के कठघरे में राहुल गांधी को खड़ा किया जाना क्या कहलाता है?
योगी सरकार ने हलफ़नामे में कहा है, 'सभी आरोपों की पुष्टि जांच से होती है कि ये बयान पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं. ये अपराधों की श्रेणी में आते हैं.'
राहुल गांधी ने सावरकर मानहानि केस में दावा किया है कि शिकायतकर्ता सात्यकी सावरकर, असल में, नाथूराम गोडसे के परिवार से भी जुड़े हैं. आरोप लगाया है कि ये बात अदालत से छिपाई गई है. अब अगर अदालत में राहुल गांधी का दावा सही साबित हुआ तो राहत मिल सकती है, वरना लेने के देने भी पड़ सकते हैं.
स्वतंत्र वीर सावरकर को 'माफी वीर' कहने पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई है. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राहुल गांधी का बयान उचित नहीं है.
वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि अगर आपने आगे से कोई भी ऐसी बयानबाजी की तो हम स्वतः संज्ञान लेंगे, हम किसी को भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देंगे.
पुणे की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका को मंजूर कर लिया है, जिसमें उन्होंने सावरकर पर कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले को संक्षिप्त से सम्मन सुनवाई में बदलने की अनुमति दी है, ताकि ऐतिहासिक संदर्भों और सबूतों पर चर्चा की जा सके.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया है.
CM Mohan Yadav on Savarkar: इंदौर के प्रगति नगर में सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सावरकर के व्यक्तित्व और कृतित्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
राहुल गांधी ने लंदन में अप्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद सत्यकी सावरकर ने पुणे की विशेष अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आशीष शेलार ने मंगलवार को घोषणा की कि हिंदुत्व के प्रतीक वीडी सावरकर द्वारा लिखे गए गीत 'अनादि में, अनंत में' को मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज की याद में प्रेरणादायक गीतों (सॉन्ग) को अवॉर्ड के लिए चुना गया है. इस गीत को उसके गहन प्रभाव और देशभक्ति के लिए सम्मानित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के मार्से शहर में पहुंचकर वीर सावरकर के साहसिक प्रयास को याद किया. मोदी ने सोशल मीडिया पर एक फ्रांस के मार्से शहर का जिक्र कर वीर सावरकर से जुड़ी एक घटना का भी जिक्र किया. जानें क्यों खास है ये शहर.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में वीर सावरकर को याद किया और कहा कि सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. मार्सिले शहर पहुंचे पीएम मोदी ने उस घटना को याद किया जब सावरकर ने अंग्रेजों की जहाज से बीच समंदर में छलांग लगा दी थी. ये अंग्रेजी दासता से मुक्ति की छलांग थी. लेकिन नियति का ताना-बाना ऐसा था कि सावरकार अगले 25 साल तक काल कोठरी में ही रहे.
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उद्धव ठाकरे भले सावरकर विरोधियों के साथ रहते हों पर उन्होंने उनके लिए भारत रत्न की मांग की हमेशा से की है. एक बार फिर उद्धव ने केंद्र सरकार पर सावरकर को भारत रत्न न देने का आरोप लगाया है. तो क्या ये मान लिया जाए कि सावरकर के बहाने उद्धव ठाकरे अपनी राजनीतिक विचारधारा एक बार फिर पलटने वाले हैं?
संसद में वीडी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी को सावरकर और नेहरू पर राजनीति बंद करनी चाहिए और भविष्य की बात करनी चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में चुनाव कैंपेन के दौरान राहुल गांधी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चैलेंज का जवाब दे दिया है. उद्धव ठाकरे का कहना है, राहुल गांधी ने तो बाल ठाकरे को इज्जत बख्शी है, जबकि मोदी ने तो बेइज्जती की है. लेकिन, उद्धव अपने बयान में मोदी के चैलेंज के सावरकर वाले हिस्से पर चुप्पी साध जाते हैं. क्योंकि, उसी में तो असली पेंच है.