विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 9 विषयों के लिए नया लर्निंग आउटकम्स-बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क (LOCF) ड्राफ्ट जारी किया है. लेकिन इस ड्राफ्ट ने देशभर के शिक्षकों और छात्रों के बीच जबरदस्त नाराजगी पैदा कर दी है. आलोचकों का कहना है कि यह कदम शिक्षा में भगवाकरण बढ़ाने और अवैज्ञानिक सोच थोपने की कोशिश है.
ड्राफ्ट में क्या है नया और विवादित?
केमिस्ट्री: इसकी शुरुआत देवी सरस्वती की वंदना से होगी. साथ ही स्टूडेंट्स को आयुर्वेद, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक दवाओं के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसमें दूध, पानी और शहद की भूमिका भी शामिल है.
मैथ्स: इसमें 'काला गणना' (पुरानी समय गिनने की पद्धति) और पंचांग-मुहूर्त सिखाए जाएंगे. साथ ही सूर्य सिद्धांत, आर्यभटियम, युग-कल्प जैसे कॉन्सेप्ट्स और उज्जैन की प्राइम मेरिडियन लाइन पढ़ाई जाएगी. वेदिक यूनिट जैसे घटी-विघटी की तुलना जीएमटी और आईएसटी से भी कराई जाएगी.
कॉमर्स: इसमें कौटिल्य का अर्थशास्त्र, गीता से लीडरशिप, भारत बोध और भारतीय ज्ञान परंपरा शामिल की गई है.
हिस्ट्री: सबसे बड़ा विवाद वी.डी. सावरकर की किताब The Indian War of Independence को शामिल करने पर है.
छात्रों का विरोध
Students’ Federation of India (SFI) ने इस ड्राफ्ट को आजादी के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश बताया है. SFI अध्यक्ष आदर्श एम. साजी ने कहा है कि छात्रों को गद्दारों की लिखी किताबों से आजादी का इतिहास नहीं पढ़ाया जा सकता. संविधान कहता है कि हमें वैज्ञानिक सोच और मानवता अपनानी चाहिए, लेकिन यह ड्राफ्ट उसके उलट है. एसएफआई ने ड्राफ्ट पर फीडबैक के लिए 20 सितंबर तक की समय सीमा को अपर्याप्त बताया और बिना व्यापक चर्चा के इसे लागू करने का विरोध किया.
आंदोलन की तैयारी
SFI ने इस ड्राफ्ट के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है. 25 और 26 अगस्त को यूनिवर्सिटी कैंपस में ड्राफ्ट की कॉपियां जलेंगी. 27 अगस्त 2025 को देशभर में UGC ऑफिस तक मार्च निकाला जाएगा।
आगे क्या?
UGC ने इस ड्राफ्ट पर 20 सितंबर 2025 तक सुझाव और राय मांगी है. लेकिन छात्रों और कई शिक्षाविदों का कहना है कि इतने कम वक्त में इतने बड़े बदलावों पर चर्चा करना मुश्किल है.