वीर सावरकर मानहानि मामले में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाखिल किया है. मानहानि के आरोपी राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार का हलफनामा दायर हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसमें कहा, "राहुल गांधी के लिए जारी समन और कार्यवाही रद्द न करें. जांच द्वारा समर्थित आरोप पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं."
सुप्रीम कोर्ट आज शुक्रवार को इस पर फैसला लेगा कि समन रद्द किए जाए या बरकरार और प्रभावी रखा जाए.
यूपी सरकार के हलफनामें में क्या है?
योगी सरकार ने हलफ़नामे में कहा है, 'सभी आरोपों की पुष्टि जांच से होती है कि ये बयान पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं. ये अपराधों की श्रेणी में आते हैं.'
शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे की इस दलील से सहमत हैं कि राहुल गांधी ने ये बयान समाज में नफरत और वैमनस्य फैलाने के इरादे से किए गए थे. पांडे ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से पारित आदेश न्यायोचित और वैध है. इसमें अदालत को दखल नहीं देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करेगा. राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर दिए गए अपने बयान को आपत्तिजनक बताने के मामले में राहत के लिए SC का रुख किया है. याचिका में राहुल गांधी ने लखनऊ की निचली अदालत से जारी समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की गुहार लगाई है.
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क्या है पूरा मामला?
इस विवाद की शुरुआत तीन साल पहले 2022 में हुई थी. अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वीर सावरकर को लेकर बयान दिया था. राहुल गांधी ने उस बयान में सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' बताते हुए कहा था कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे.
वकील नृपेंद्र पांडे ने इसको लेकर निकली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पहली नज़र में आईपीसी 153(A) और 505 के तहत केस मानते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान यूपी की निचली अदालत से जारी समन पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन सावरकर के लिए अपमानजनक बयान देने के लिए राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई थी.
कोर्ट ने कहा था कि अगर वो इस तरह के बयान देंगे तो उस पर कोर्ट खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा. कोर्ट ने ये भी कहा था कि गांधी जी भी फिरंगी सरकार को चिट्ठी लिखते वक्त खुद को आपका आज्ञाकारी ही लिखते थे. आपको इतिहास का पता होना चाहिए. आपने महाराष्ट्र की धरती पर ऐसा बयान दिया, जहां के लोग सावरकर को पूजते हैं.