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राहुल गांधी पर झूठी गवाही का आरोप, सावरकर के परपोते ने पुणे कोर्ट में दी अर्जी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए पुणे की कोर्ट से एक नई खबर सामने आई है. वीर सावरकर के प्रपौत्र सत्यकी सावरकर ने उनके खिलाफ झूठी गवाही (perjury) का आरोप लगाते हुए एक अर्जी दाखिल की है. यह मामला मानहानि केस से जुड़ा है, जहां सावरकर ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है.

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राहुल गांधी. (photo: ITG)
राहुल गांधी. (photo: ITG)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ सावरकर के प्रपौत्र सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि के मामले में शिकायतकर्ता ने पुणे के समक्ष एक आवेदन दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राहुल ने महत्वपूर्ण सबूत प्राप्त करने के बारे में अदालत को जानबूझकर गुमराह किया.

सत्यकी ने ये याचिका 13 अगस्त 2025 को दायर की गई है. यह मामला पुणे की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (विशेष MP/MLA कोर्ट) में चल रहा है. सावरकर का दावा है कि गांधी ने जानबूझकर यह कहकर कोर्ट को गुमराह किया कि उन्हें मानहानिकारक भाषण वाली वीडियो प्राप्त नहीं हुई. सावरकर ने कोर्ट में इस बात के सबूत पेश किए हैं कि गांधी के वकील ने पहले वीडियो मिलने की बात स्वीकार की थी.

झूठी गवाही का आरोप है?

सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोलहटकर ने कोर्ट को बताया कि 29 जुलाई 2025 को गांधी ने एक 15 पन्नों का लिखित बयान दिया था. इसमें उन्होंने यह मानने से इनकार किया कि उन्हें वह वीडियो मिला है, जिसमें वीर सावरकर के बारे में कथित मानहानिकारक भाषण है.

सावरकर का आरोप है कि गांधी का ये दावा झूठा है और उन्होंने जानबूझकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की. याचिका में ये भी कहा गया है कि गांधी ने झूठे रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की, ताकि वे जवाबदेही से बच सकें. सावरकर ने कोर्ट से इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है.

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राहुल ने भी किया पलटवार

इसके कुछ दिन पहले 30 जुलाई 2025 को राहुल गांधी ने भी पुणे की अदालत में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने सत्यकी सावरकर के खिलाफ अवमानना (contempt of court) की कार्रवाई शुरू करने की मांग की.

राहुल ने आरोप लगाया कि सावरकर ने बार-बार कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है. उनका दावा है कि सावरकर मानहानि की शिकायत का आधार माने जाने वाले भाषण की मूल सीडी और एक प्रमाणित प्रतिलिपि जमा करने में विफल रहे हैं. गांधी का कहना है कि सावरकर ने जानबूझकर कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की.

क्या है मामले के पहलू

राहुल के वकील ने 9 मई 2025 को सभी डॉक्यूमेंट मिलने की बात स्वीकार की थी, जिसमें सीडी भी शामिल थी. बाद में गांधी ने एक पेनड्राइव मिलने की बात मानी, लेकिन उसे गैर-कार्यशील बताया.

इसके बाद एक और पेनड्राइव दी गई जो कोर्ट में राहुल के वकील की मौजूदगी में सफलतापूर्वक चलाई गई. इसमे 28 मई 2025 को एक और याचिका में गांधी ने फिर पेनड्राइव मिलने की बात मानी, लेकिन उसे मैलवेयर के डर से चलाने से इनकार कर दिया और वापस कर दिया. अब ये पेनड्राइव कोर्ट के पास है.

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