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स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (Swami Chaitanyananda Saraswati), जिन्हें पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, खुद को धर्मगुरु के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं. वह दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक निजी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थान के निदेशक भी रह चुके हैं. उन्होंने खुद को एक आध्यात्मिक छवि दी और एक प्रमुख आश्रम से संबद्ध रहते हुए संस्थान का संचालन भी किया.

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि उन्होंने इकॉनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) छात्रवृत्ति पर मैनेजमेंट डिप्लोमा कर रही छात्राओं को निशाना बनाया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पीड़िताओं का यह भी कहना है कि संस्थान के कुछ फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारी उन्हें आरोपी की मांगें मानने के लिए दबाव डालते थे.

आरोपों के बाद श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थान दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रंगेरी ने चैतन्यानंद सरस्वती से सभी संबंध तोड़ दिए. पीठम की ओर से जारी बयान में कहा गया- “चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले डॉ. पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था, ने ऐसे कार्य किए हैं जो अवैध, अनुचित और श्रंगेरी शारदा पीठम के हितों के प्रतिकूल हैं. इसलिए पीठम ने उनसे सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं और उनके अवैध कार्यों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को शिकायत भी दर्ज कराई है.”

खबरों की माने तो 2006 और 2016 में भी उन पर छेड़छाड़ के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिससे उनके दुर्व्यवहार का एक पैटर्न सामने आता है. 

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