दिल्ली के चर्चित यौन शोषण केस में पहले से जेल में बंद स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. मंगलवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने उन्हें फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट इस्तेमाल करने के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. यह कार्रवाई उस समय हुई जब उनकी एक दिन की पुलिस हिरासत खत्म हुई.
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार की कोर्ट में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पेश किया गया. उन पर आरोप है कि वो अपनी गाड़ी पर नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाकर घूम रहे थे, ताकि कानूनी कार्रवाई से बच सकें. उनको सितंबर में आगरा से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली के एक प्राइवेट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में 16 छात्रों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
स्वामी चैतन्यानंद मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के पूर्व चेयरमैन भी रहे हैं. उन पर कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुराचार और अपनी भगवान वाली छवि का दुरुपयोग करके यौन शोषण करने के आरोप पहले ही दर्ज हैं. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि वो फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाकर फरारी और प्रभाव का भ्रम बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे.
पुलिस के अनुसार, सोमवार को उन्हें मुख्य केस से एक दिन की पुलिस हिरासत में पूछताछ के लिए भेजा गया था. लेकिन नई जानकारी और बरामद दस्तावेजों के आधार पर मंगलवार को कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस इस मामले को चैतन्यानंद द्वारा कानूनी प्रक्रिया से बचने की सुनियोजित कोशिश मान रही है.
इस तरह चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ दो केस समानांतर चल रहे हैं. पहला, 16 छात्राओं के यौन शोषण से जुड़ा है. दूसरा, फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाकर कानून की धज्जियां उड़ाने का है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए जरूरी दस्तावेज और सबूत पुलिस को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. अब अगली सुनवाई अहम मानी जा रही है.