स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) भारत के चुनाव आयोग द्वारा चलाया जाने वाला एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची (voter list) को अपडेट और शुद्ध करना होता है. “स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन” यह शब्द ना सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि इसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ता है.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) एक प्रक्रिया है जिसके तहत चुनाव आयोग मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) को अपडेट करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि वोटिंग के दिन सही और अपडेटेड जानकारी के साथ वोटर लिस्ट तैयार हो.
NVSP पोर्टल पर जाकर वोटर लिस्ट में अपना नाम ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. “Voter Helpline” ऐप से भी पता लगाया जा सकता है. स्थानीय BLO (Booth Level Officer) से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही, सुधार/नामांकन के लिए Form-6, 7, 8 का उपयोग किया जा सकता है.
यूपी के 4 करोड़ वोटरों पर बड़ा हंगामा छिड़ गया है. अभी वहां SIR प्रक्रिया चल ही रही है और ड्राफ्ट वोटर रोल आया नहीं है, लेकिन 4 करोड़ वोटरों के गुम होने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार कर दिया है. योगी के दावे के आधार पर अखिलेश का आरोप है कि ये सब समाजवादियों के वोट काटने की साजिश है. हालांकि इन 4 करोड़ गुम मतदाताओं को योगी ने बीजेपी के वोटर बताया है, लेकिन अखिलेश अधिकारियों पर समाजवादी वोटरों के नाम काटे जाने का दबाव बनाने का आरोप लगा रहे हैं. यहां दिलचस्प ये है कि SIR प्रक्रिया शुरू होने पर यूपी में घुसपैठिया वोटरों की पहचान पर हंगामा शुरू हुआ था, लेकिन अब 4 करोड़ गुम मतदाताओं पर योगी Vs अखिलेश हो रहा है.
चुनाव आयोग आज असम, बंगाल, केरल और तमिलनाडु समेत कई राज्यों के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान का ऐलान कर सकता है. इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूचियों को अपडेट करना और कथित फर्जी वोटरों को हटाना है, जिसको लेकर देशभर में सियासी हलचल तेज हो गई है.
West Bengal में SIR पर बढ़ी सियासत. ममता बनर्जी vs BJP की तकरार से 2026 चुनावों में बड़ा बदलाव संभव। क्या TMC को होगा नुकसान?
पश्चिम बंगाल में SIR के तहत करीब 1.36 करोड़ मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. इस प्रक्रिया के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से मृत्यु, पलायन और अन्य कारणों से 58 लाख से ज्यादा नाम हटाए गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य ने तय समयसीमा में SIR पूरा कर लिया है. जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं हैं, वे फॉर्म 6 और एनेक्सचर 4 जमा कर सकते हैं.
चुनाव आयोग ने तीन राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की. SIR के तहत 12.32 करोड़ मतदाता शामिल हुए. ASD श्रेणी में नामों की जांच जारी है, फाइनल लिस्ट अगले साल आएगी.
राजस्थान में SIR के तहत मतदाता सूची का पहला ड्राफ्ट आज जारी होगा, जिसमें करीब 5.46 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 42.29 लाख नाम हटाए जाने की स्थिति सामने आएगी. ये नाम डुप्लीकेट एंट्री, स्थायी पलायन, पता बदलने या मृत्यु जैसे कारणों से चिन्हित किए गए हैं, हालांकि अंतिम फैसला सुनवाई के बाद ही होगा.
छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित इलाकों से 10–15 साल पहले विस्थापित हुए हजारों आदिवासी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान अपने वोटिंग अधिकार खोने के खतरे में हैं. शिकायत के मुताबिक बूथ लेवल अधिकारी उन्हें 'नॉन-रेजिडेंस' बताकर बिना नोटिस मतदाता सूची से हटा रहे हैं, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 का उल्लंघन है.
चुनाव आयोग ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गोवा, पुडुचेरी और लक्ष्यद्वीप में मतदाता सूची की मसौदा सूची जारी कर दी है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटाने का प्रस्ताव है. प्रभावित मतदाता 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 के बीच दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में SIR यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विवाद बढ़ गया है, क्योंकि सीएम योगी ने दावा किया है कि SIR प्रक्रिया के बाद यूपी में 4 करोड़ मतदाताओं के नामों की कमी आई है. दावा ये भी किया गया है कि इसमें 85-90 फीसदी मतदाता बीजेपी के हैं. जैसे ही सीएम योगी ने ये आंकड़े पेश किए, तुरंत अखिलेश यादव ने कहा कि ये बीजेपी की हार का अंकगणित है. देखें 10 तक.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में वोटर रिवीजन प्रक्रिया को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. अखिलेश यादव ने दावा किया है कि 403 में से हर सीट पर औसत 84 हजार वोट का नुकसान बीजेपी को इस बार हो सकता है. इसका एक पूरा गणित समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने पेश कर दिया है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दावा कर रहे हैं कि एसआईआर में अब तक करीब चार करोड़ वोटर का नाम नहीं जुड़ पाया है.
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उत्तर प्रदेश मामले में पुलिस और जांच अधिकारियों के बीच कोर्ट जाने को लेकर विवाद हुआ है. आरोप है कि चोरी की रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं की गई थी और जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही हुई. कोर्ट कई मामलों में शामिल रहा है और आदेश भी दिए हैं, जिसमें बुलडोजर की कार्रवाई को रोकना शामिल है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा और उपचुनावों को लेकर तीन अहम सवाल उठाए गए हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के 18,000 शपथ पत्र ऐसे थे जिनके मतदाता फाइनल वोटर सूची में नहीं थे, लेकिन उन्होंने मतदान किया. यह सवाल किया गया है कि इन लोगों के वोट किसने काटे और इसका जवाब अब तक नहीं मिला.
सपा प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी प्रवक्ता यह दावा कर रहे हैं कि घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए SIR प्रक्रिया की जा रही है. चुनाव आयोग केवल मतदान और वोटर लिस्ट बनाने का कार्य करता है और उसे घुसपैठियों को बाहर निकालने का कोई अधिकार नहीं है. घुसपैठियों की पहचान और उन्हें निकालना गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है.
SIR से घुसपैठियों को निकालने की कोशिश की जा रही है. कई पार्टियाँ जो SIR का विरोध कर रही हैं, क्या वे मानती हैं कि ये घुसपैठिए उनके असली वोटर हैं, जो भारतीय नहीं हैं. सवाल उठता है कि क्या ये पार्टियाँ वास्तव में अपने वोटरों के बारे में सही सोचती हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधार को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को RSS की विचारधारा वाला बताया है. लोकसभा में हुई चर्चा में उन्होंने चुनाव से जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट और प्रभावी जवाब दिया.
हल्ला बोल में आज वोट चोरी विवाद और चुनाव सुधार पर विस्तृत चर्चा हुई. संसद में इस मुद्दे पर बहस के बावजूद विवाद शांत नहीं हुआ है. राजनीतिक पार्टियों के बीच मतदाता सूची, घुसपैठियों, चुनाव आयोग की भूमिका पर बहस जारी है. राहुल गांधी और कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है जबकि बीजेपी और अन्य दलों ने अपने पक्ष में तर्क दिए. देखें हल्ला बोल.
देश, दुनिया, राज्य, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ? पल-पल की बड़ी जानकारी के लिए पढ़ें 13 दिसंबर, शनिवार की खबरों का लाइव अपडेशन...
BJP नेता शशांक मनी ने SIR पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से चीफ इलेक्शन कमीशन के तहत होती है. ममता जी या भारतीय जनता पार्टी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. संविधान में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. ममता जी को बेबुनियादी आरोप लगाने से बचना चाहिए.
यूपी में SIR और घुसपैठियों पर घमासान जारी है. इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार का ऑपरेशन घुसपैठिया ऑलआउट जारी है. इस कड़ी में लगातार अलग-अलग जिलों में तलाशी अभियान चल रहा है. आज लखनऊ में बीजेपी विधायक नीरज वोरा पुलिस की टीम के साथ पहुंचे. देखें शंखनाद.
देश के 9 राज्यों समेत 11 प्रदेशों में एसआईआर चल रहा है. माना जा रहा है कि एसआईआर के डर से घुसपैठियों में दहशत का माहौल है. लेकिन घुसपैठियों को लेकर सबसे गरम सियासी माहौल उत्तर प्रदेश में है. आंकड़ों के हिसाब से पता चला है कि यूपी में करीब 84 लाख ऐसे वोटर हैं जिनका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है. सवाल है कि क्या यूपी में इतने बड़े पैमाने पर फर्जी वोटर मौजूद थे जिन्होंने 2024 में मतदान किया? देखें दंगल.