स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) भारत के चुनाव आयोग द्वारा चलाया जाने वाला एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची (voter list) को अपडेट और शुद्ध करना होता है. “स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन” यह शब्द ना सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि इसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ता है.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) एक प्रक्रिया है जिसके तहत चुनाव आयोग मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) को अपडेट करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि वोटिंग के दिन सही और अपडेटेड जानकारी के साथ वोटर लिस्ट तैयार हो.
NVSP पोर्टल पर जाकर वोटर लिस्ट में अपना नाम ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. “Voter Helpline” ऐप से भी पता लगाया जा सकता है. स्थानीय BLO (Booth Level Officer) से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही, सुधार/नामांकन के लिए Form-6, 7, 8 का उपयोग किया जा सकता है.
तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि SIR प्रोसेस को संवैधानिक प्रावधान के तहत पूरा करना होगा. हालांकि, कोर्ट ने बीएलओ (BLO) की मौतों पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्यों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों का बोझ कम करें.
गुजरात में वोटर लिस्ट की SIR प्रक्रिया के दौरान पता चला कि 17 लाख से ज़्यादा मृत वोटर अभी भी रजिस्टर में हैं. इसके साथ ही लाखों वोटर गायब, दोहराए गए या स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए. डिजिटाइज़ेशन 11 दिसंबर तक जारी रहेगा.
SIR को लेकर मौतों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं और भारत निर्वाचन आयोग इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रहा है. हमारी सरकार भी सभी के साथ खड़ी है. सभी का फर्ज है कि वे निष्पक्ष और पारदर्शी पूर्व मतदाता सूची के निर्माण में आयोग की मदद करें. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, जैसा कि 2011 में भी हुआ था.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं और इस पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी और टीएमसी दोनों अपनी-अपनी रणनीतियाँ बढ़ा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल के सांसदों से मुलाकात की है और अमित शाह ने भी बंगाल के दौरे की पूरी योजना बना ली है. ममता बनर्जी विशेष रूप से सीआई प्रक्रिया के खिलाफ विरोध रैलियाँ कर रही हैं, खासकर मुस्लिम बहुल मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में.
SIR की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि देश में लोग चुनाव आयोग को 'तानाशाह' की तरह देख रहे हैं. इस पर CJI सूर्य कांत ने उन्हें केवल दलीलों तक सीमित रहने को कहा.
टीएमसी और चुनाव आयोग के बीच विवाद और बढ़ गया है. टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनौती दी है कि आयोग टीएमसी डेलिगेशन के साथ हुई बैठक की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करे.
बर को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा होगी. सवाल है कि क्या ये विपक्ष की SIR विरोधी मुहिम की जीत को दर्शाती है? साथ ही, इसे लेकर भारतीय चुनाव आयोग पर अदालत में उठाए गए सवाल कितने जायज हैं, इस पर भी चर्चा की गई है.
आज का दंगल संसद में चल रहे पक्ष-विपक्ष के बीच राजनीतिक जोर आजमाइश को लेकर है. दरअसल संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन था. आज भी संसद में विपक्षी दलों ने अंदर से बाहर तक विरोध प्रदर्शन किया. विपक्ष की मांग थी कि सरकार एसआईआर और वोटचोरी के मुद्दे पर चर्चा कराए. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया था कि वो सिर्फ SIR तो नहीं लेकिन व्यापक चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया है कि अगले मंगलवार यानी 9 दिसंबर को चुनाव सुधारों के मुद्दे पर 10 घंटे की चर्चा संसद में होगी. उससे पहले 8 दिसंबर को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा होगी.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. उससे पहले प्रदेश में SIR चल रहा है. जिसका ममता सरकार जमकर विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि अब तक SIR की डर और इसकी वजह से पैदा हुए तनाव के कारण अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. इन मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता की जाएगी.
सरकार SIR पर चर्चा को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रयासरत है. लोकसभा स्पीकर ने बैठक बुलाई है तथा मंत्री किरण रिजीजू ने विपक्षी नेताओं से भी बातचीत की है. चर्चा के समय को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनातनी देखी गई. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप को लेकर विवाद को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अनिवार्य नहीं है और इसे डिलीट करने का विकल्प उपलब्ध है, लेकिन विपक्ष भ्रम फैला रहा है.
उत्तर प्रदेश में SIR फॉर्म को भरने की अंतिम तिथि में सरकार ने वृद्धि की है. चुनाव आयोग ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है ताकि इच्छुक उम्मीदवार समय पर फॉर्म भर सकें. यह बढ़ोत्तरी उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है जो फॉर्म भरने में थोड़ी देरी कर रहे थे.
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन SIR पर चर्चा का विषय राज्यसभा और लोकसभा दोनों में विवाद और हंगामा का कारण बना हुआ है. विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है, जबकि सरकार चर्चा के नियम को लेकर स्पष्ट नहीं है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी पार्टियों के संसदीय नेताओं की बैठक बुलाई है ताकि चल रहे गतिरोध को समाप्त किया जा सके और सार्थक चर्चा हो.
इस वीडियो में प्रश्न संख्या तेइस और चौबीस पर चर्चा की गई है. इसमें डॉक्टर कियम काव्य, माननीय कृषि मंत्री जी, और अध्यक्ष महोदय ने सभा पटल पर महत्वपूर्ण विवरण प्रस्तुत किए हैं. साथ ही श्री सतीश कुमार गौतम और आत्या जी ने भी अपने मुद्दों को उठाया है. यह वीडियो सरकारी सभा में उठाए गए सवालों और उनके जवाबों का एक संक्षिप्त सार है, जो विषय की समझ को बढ़ाता है.
संसद में शीतकालीन सत्र शुरु हो गया है और इसी के साथ विपक्ष ने सरकार के खिलाफ SIR के मुद्दें पर जमकर हल्ला बोला है. विपक्ष ने सरकार से SIR पर चर्चा की मांग की है. जहां सरकार ने भी चर्चा के लिए हां कर दी है. लेकिन विवाद ये है कि चर्चा किस नियम के तहत होगी.
संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने सरकार से चर्चा करने की मांग की है. सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विवाद यह है कि चर्चा किस नियम के तहत होगी. विपक्ष नियम 267 के तहत सीधी चर्चा चाहता है जो सदन की कार्यवाही को स्थगित कर सकता है, वहीं दूसरी संभावना यह है कि चर्चा की जगह चुनाव सुधार पर बात हो.
संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ है. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चुनाव आयोग से जुड़े मुद्दे पर विपक्ष द्वारा तत्काल चर्चा की मांग के कारण बाधित रही. सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए इसके ऊपर चर्चा सीमित हो सकती है. संसदीय कार्य मंत्री ने दोनों पक्षों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है.
संसद के मकर द्वार पर विपक्षी पार्टियों ने SIR के मुद्दे को लेकर व्यापक धरना प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में कांग्रेस के सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विभिन्न विपक्षी नेता शामिल रहे. सभी ने हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया.
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है और विपक्ष लगातार अपने मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहा है. विपक्ष ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए सिर पर चर्चा की मांग जोरशोर से उठाई है, जबकि सरकार ने चुनाव आयोग के नियमों का हवाला देते हुए इसे मंजूरी नहीं दी है.
संसद परिसर में एसआईआर के मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई नेता इसमें शामिल हैं. विपक्ष की मांग है कि संसद में इस पूरे मामले पर चर्चा हो लेकिन सरकार इसे चुनाव आयोग की संवैधानिक संस्थान होने का हवाला देते हुए चर्चा से बच रही है.
संसद में राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन और हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष के नेता एकजुट होकर सिर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन हो रहा है तथा विपक्ष ने साफ किया है कि वे इस मुद्दे से पीछे नहीं हटेंगे. संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू बातचीत के लिए तत्पर हैं और दोनों पक्षों के बीच समाधान निकलने की उम्मीद बनी हुई है.
संसद में सियासी हलचल कम होने का नाम नहीं ले रही है. लगातार दूसरे दिन शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामे के आसार बने हुए हैं. विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वे चुनाव सुधार और संबंधित मुद्दों पर चर्चा से पीछे नहीं हटेंगे. मकर द्वार पर प्रदर्शन और सदन में चल रहे गतिरोध के बीच सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत जारी है.