स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) भारत के चुनाव आयोग द्वारा चलाया जाने वाला एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची (voter list) को अपडेट और शुद्ध करना होता है. “स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन” यह शब्द ना सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि इसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ता है.
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) एक प्रक्रिया है जिसके तहत चुनाव आयोग मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) को अपडेट करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि वोटिंग के दिन सही और अपडेटेड जानकारी के साथ वोटर लिस्ट तैयार हो.
NVSP पोर्टल पर जाकर वोटर लिस्ट में अपना नाम ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. “Voter Helpline” ऐप से भी पता लगाया जा सकता है. स्थानीय BLO (Booth Level Officer) से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही, सुधार/नामांकन के लिए Form-6, 7, 8 का उपयोग किया जा सकता है.
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उत्तर प्रदेश मामले में पुलिस और जांच अधिकारियों के बीच कोर्ट जाने को लेकर विवाद हुआ है. आरोप है कि चोरी की रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं की गई थी और जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही हुई. कोर्ट कई मामलों में शामिल रहा है और आदेश भी दिए हैं, जिसमें बुलडोजर की कार्रवाई को रोकना शामिल है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा और उपचुनावों को लेकर तीन अहम सवाल उठाए गए हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के 18,000 शपथ पत्र ऐसे थे जिनके मतदाता फाइनल वोटर सूची में नहीं थे, लेकिन उन्होंने मतदान किया. यह सवाल किया गया है कि इन लोगों के वोट किसने काटे और इसका जवाब अब तक नहीं मिला.
सपा प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी प्रवक्ता यह दावा कर रहे हैं कि घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए SIR प्रक्रिया की जा रही है. चुनाव आयोग केवल मतदान और वोटर लिस्ट बनाने का कार्य करता है और उसे घुसपैठियों को बाहर निकालने का कोई अधिकार नहीं है. घुसपैठियों की पहचान और उन्हें निकालना गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है.
SIR से घुसपैठियों को निकालने की कोशिश की जा रही है. कई पार्टियाँ जो SIR का विरोध कर रही हैं, क्या वे मानती हैं कि ये घुसपैठिए उनके असली वोटर हैं, जो भारतीय नहीं हैं. सवाल उठता है कि क्या ये पार्टियाँ वास्तव में अपने वोटरों के बारे में सही सोचती हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधार को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को RSS की विचारधारा वाला बताया है. लोकसभा में हुई चर्चा में उन्होंने चुनाव से जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट और प्रभावी जवाब दिया.
हल्ला बोल में आज वोट चोरी विवाद और चुनाव सुधार पर विस्तृत चर्चा हुई. संसद में इस मुद्दे पर बहस के बावजूद विवाद शांत नहीं हुआ है. राजनीतिक पार्टियों के बीच मतदाता सूची, घुसपैठियों, चुनाव आयोग की भूमिका पर बहस जारी है. राहुल गांधी और कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है जबकि बीजेपी और अन्य दलों ने अपने पक्ष में तर्क दिए. देखें हल्ला बोल.
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BJP नेता शशांक मनी ने SIR पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से चीफ इलेक्शन कमीशन के तहत होती है. ममता जी या भारतीय जनता पार्टी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. संविधान में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. ममता जी को बेबुनियादी आरोप लगाने से बचना चाहिए.
यूपी में SIR और घुसपैठियों पर घमासान जारी है. इस बीच योगी आदित्यनाथ सरकार का ऑपरेशन घुसपैठिया ऑलआउट जारी है. इस कड़ी में लगातार अलग-अलग जिलों में तलाशी अभियान चल रहा है. आज लखनऊ में बीजेपी विधायक नीरज वोरा पुलिस की टीम के साथ पहुंचे. देखें शंखनाद.
देश के 9 राज्यों समेत 11 प्रदेशों में एसआईआर चल रहा है. माना जा रहा है कि एसआईआर के डर से घुसपैठियों में दहशत का माहौल है. लेकिन घुसपैठियों को लेकर सबसे गरम सियासी माहौल उत्तर प्रदेश में है. आंकड़ों के हिसाब से पता चला है कि यूपी में करीब 84 लाख ऐसे वोटर हैं जिनका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है. सवाल है कि क्या यूपी में इतने बड़े पैमाने पर फर्जी वोटर मौजूद थे जिन्होंने 2024 में मतदान किया? देखें दंगल.
चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन की समय सीमा एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है. उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में इस काम के लिए बीएलओ कर्मचारियों को अतिरिक्त सात दिन का समय दिया गया है. रिपोर्टर संजय शर्मा के अनुसार, कई करोड़ दस्तावेज अभी तक पूरी तरह से पूरे नहीं हुए हैं, और एक हफ्ते की यह मोहलत काम के लिए पर्याप्त हो या नहीं, यह देखना बाकी है.
उत्तर प्रदेश में मतदाता नामांकन प्रक्रिया की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. देश के छह राज्यों में नामांकन की अंतिम तारीख बढ़ाई गई है ताकि अधिक लोगों को दस्तावेज जमा करने का मौका मिले. उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ दस्तावेज प्रक्रिया में हैं, जिसके कारण अतिरिक्त समय दिया गया है.
बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण यानि SIR को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 दिसंबर को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है
Uttar Pradesh समेत 6 राज्यों में बढ़ी SIR की समयसीमा, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
चुनाव आयोग ऑफ इंडिया ने विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान 2026 के लिए डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तारीख को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. इस विस्तार से उन छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को राहत मिली है जहाँ यह लागू होगा. यह कदम लोगों को सही और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने का अधिक समय देने के लिए उठाया गया है ताकि मतदाता सूची को पूर्ण और अपडेट रखा जा सके.
गहन मतदाता पुनरीक्षण के तहत SIR फॉर्म भरने की डेडलाइन आज खत्म हो रही है. चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर तक फॉर्म भरने की अंतिम तिथि निर्धारित की थी. उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों से चुनाव आयोग को फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाने की मांग पत्र के जरिए मिली है.
राहुल गांधी ने संसद में अमित शाह के जवाब को “घबराया हुआ” बताया और आरोप लगाया कि सरकार स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, EVM आर्किटेक्चर और BJP नेताओं द्वारा कथित अवैध वोटिंग जैसे गंभीर मुद्दों पर जवाब देने से बचती रही.
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को सुधारने के लिए चलाया जा रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान लगातार प्रगति पर है. प्रदेश के कुल 15.44 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 99.14 प्रतिशत यानी 12.40 करोड़ मतदाताओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा चुका है. इस प्रक्रिया के दौरान 2.91 करोड़ मतदाता मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित या डुप्लीकेट पाए गए हैं. ऐसे में क्या फॉर्म भरने की तारीख बढ़ेगी?
ऑपरेशन घुसपैठिया की विस्तृत रिपोर्ट में हमने यह जाना कि कैसे चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट के रिविजन के कारण अवैध घुसपैठिये भारत छोड़कर भाग रहे हैं. पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में कई लोग अनट्रेस वोटर्स बने हैं और कई ने दो से अधिक बार वोट दिया है. योगी सरकार ने लखनऊ में घुसपैठियों की पहचान के लिए ऑपरेशन शुरू कर कई अवैध बस्तियों को खाली कराया है. देखें ये रिपोर्ट.
उत्तर प्रदेश में SIR डिजिटाइजेशन लगभग पूरा हो गया है, लेकिन बड़े पैमाने पर 2.91 करोड़ वोटर असंगृहित पाए गए. 1.27 करोड़ लोग पते पर नहीं मिले, 46 लाख मृत और 23.69 लाख डुप्लीकेट वोटर मिले.