सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. जिसके कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता. यह घटना केवल अमावस्या के दिन संभव होती है. हालांकि, हर अमावस्या को सूर्य ग्रहण नहीं होता क्योंकि चंद्रमा की कक्षा झुकी हुई होती है, जिससे ग्रहण केवल विशेष संयोगों में ही संभव होता है.
यह घटना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है और इसे लेकर विभिन्न संस्कृतियों में कई धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं. यह न केवल हमारे ब्रह्मांड को समझने में सहायक होता है, बल्कि इससे जुड़ी मान्यताएं और परंपराएं भी हमें अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए सूर्य ग्रहण का अध्ययन करना और आवश्यक सावधानियां बरतना होता है.
सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)- जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)- जब चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं.
वृत्ताकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) - जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता और सूर्य के किनारे चमकते हुए दिखाई देते हैं, तो इसे वलयाकार या वृत्ताकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान वैज्ञानिकों को सौर मंडल और सूर्य के ऊपरी परतों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है. ग्रहण के दौरान पृथ्वी और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल में परिवर्तन होता है, जिससे ज्वार-भाटा पर असर पड़ता है. वैज्ञानिक ग्रहण के समय वायुमंडलीय परिवर्तन और तापमान में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं.
भारत सहित कई देशों में सूर्य ग्रहण से जुड़ी विभिन्न धार्मिक मान्यताएं हैं. हिंदू धर्म में इसे अशुभ माना जाता है और इस दौरान लोग विशेष रूप से पूजा-पाठ, मंत्र जाप और दान करते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से, ग्रहण के दौरान भोजन न पकाने और न खाने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि उस समय वातावरण में पराबैंगनी किरणों की अधिकता हो सकती है.
सूर्य ग्रहण को सीधे देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है, इसलिए केवल विशेष फिल्टर वाले चश्मे या उपकरणों का उपयोग करना चाहिए. ग्रहण देखने के लिए टेलीस्कोप या विशेष ग्लास का इस्तेमाल किया जा सकता है.
वसिष्ठ सहिंता के अनुसार, कुछ अवसरों पर रात के समय स्नान करना अनिवार्य है. इसके एक श्लोक में बताया गया है कि एक व्यक्ति का सूर्य और चंद्र ग्रहण के अलावा, पुत्र प्राप्ति, यज्ञ और अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद रात में भी स्नान करना चाहिए.
Grahan 2026: जल्द ही नया साल 2026 शुरू होने वाला है. ज्योतिषियों के अनुसार, साल 2026 बहुत ही विशेष रहेगा. क्योंकि, वर्ष की शुरुआत में ही दो बड़े ग्रहण लगेंगे. फरवरी में जहां सूर्य ग्रहण 'रिंग ऑफ फायर' का अद्भुत दृश्य दिखाएगा, वहीं मार्च में पूर्णिमा और होली के दिन चंद्र ग्रहण का अनोखा संयोग बनेगा, जो भारत में दिखाई भी देगा.
Surya Grahan 2025: सूर्य ग्रहण के बाद कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. लेकिन इस बार जो सूर्य ग्रहण लगा, वह 21 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर की रात तक लगा. ऐसे में समझते हैं कि ग्रहण के बाद किन शुभ चीजों दान करना चाहिए.
Surya Grahan 2025: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण करीब साढ़े चार घंटे रहा. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगा था. सूर्य ग्रहण रात 11 बजे से लेकर देर रात 03 बजकर 23 मिनट तक चला.
Surya Grahan 2025: 21 सितंबर यानी आज को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है. यह सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के संयोग में लगा. यह सूर्य ग्रहण रात 11 बजे से रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. यानी ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 23 मिनट की रहने वाली है.
आज तक के खास बुलेटिन 'सूर्यग्रहण पर हमारा खास बुलेटिन' में साल 2025 के आखिरी सूर्यग्रहण पर चर्चा की गई. यह खगोलीय घटना रात 11:00 बजे से शुरू होकर 3:23 बजे तक दिखाई देगी, जिसका चरम 1:11 बजे होगा. वैज्ञानिक इसे एक दोहराई जाने वाली खगोलीय घटना मानते हैं. ज्योतिषियों का मानना है कि इसका वातावरण और मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
साल 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण रात 11:00 बजे से 3:23 तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 4 घंटे 23 मिनट होगी. यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी, इसलिए यहां सूतक के नियम लागू नहीं होंगे, लेकिन न्यूजीलैंड, फिजी और ऑस्ट्रेलिया में रहने वालों को नियमों का पालन करना होगा.
साल 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण आज रात 11:00 बजे से शुरू होकर 3:23 तक दिखाई देगा. रात 1:11 पर ग्रहण अपनी चरम अवस्था में होगा. वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का अवसर है, जबकि ज्योतिषियों का मानना है कि इसका असर वातावरण और मानव जीवन दोनों पर पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण के ज्योतिष और विज्ञान पर चर्चा हुई. दान जैसे अनुष्ठानों के वैज्ञानिक आधार पर प्रकाश डाला गया. ग्रहों और अन्न के बीच के संबंध को भी स्पष्ट किया गया. सूर्य ग्रहण के संदर्भ में बताया गया कि भारत में ग्रहण दिखाई न देने के कारण सूतक के नियम लागू नहीं होंगे.
साल 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण आज रात 11:00 बजे से शुरू होकर 3:23 तक दिखाई देगा. रात 1:11 पर ग्रहण अपनी चरम अवस्था में होगा. वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का अवसर है, जबकि ज्योतिषियों का मानना है कि इसका असर वातावरण और मानव जीवन दोनों पर पड़ेगा. यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी, इसलिए भारत के लोगों को सूतक के नियम मानने की आवश्यकता नहीं है.
सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष और विज्ञान के बीच की बहस पर चर्चा हुई. ज्योतिष के अनुसार, आकाश में गोचर करने वाले नक्षत्र, राशि और ग्रह पृथ्वी पर रहने वाले जीव जंतुओं, वनस्पतियों और मनुष्यों को प्रभावित करते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका उपयोग ब्रह्मांड के अध्ययन के लिए किया जाता है.
Solar Eclipse 2025 : आश्विन अमावस्या को साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. आइए जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर इस सूर्य ग्रहण का कैसा प्रभाव रहने वाला है.
Surya Grahan 2025: आज साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है, ज्योतिषी में सूर्य ग्रहण को खगोलीय घटना माना गया है, जिसका प्रभाव वातावरण पर जरूर पड़ता है. हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्या नहीं होगा.
Surya Grahan 2025: 21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में शिशु के जन्म के समय भी सूतक लगता है.
Surya Grahan 2025: हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. लेकिन ज्योतिषी के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय कुछ खास चीजों को करने से ग्रहण का पॉजिटिव असर प्राप्त किया जा सकता है.
आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है, जिसके साथ सूतक काल भी जुड़ा है. सूतक काल जन्म और मृत्यु के समय लगने वाला अशुद्धि काल है, जो शास्त्रों में विस्तार से वर्णित है. जन्म के समय नाल काटने जैसी सूक्ष्म हिंसा और मृत्यु के समय दाह संस्कार में होने वाली अशुद्धि के कारण सूतक और पातक लगते हैं.
Surya Grahan 2025: 21 सितंबर यानी आज महालया अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ये ग्रहण आज रात 11 बजे से शुरू होकर, अगले दिन यानी 22 सितंबर को रात 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा. इसकी कुल अवधि लगभग 4 घंटे 23 मिनट है. ये ग्रहण कन्या राशि में लगेगा.
Shardiya Navratri 2025: 21 सितंबर यानी आज सूर्य ग्रहण है और ठीक अगले दिन यानी कल से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. लेकिन, इस संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है. तो चलिए जानते हैं कि क्या आज लगने वाले सूर्य ग्रहण का प्रभाव नवरात्र की कलश स्थापना पर पड़ेगा.
आज 21 सितंबर 2025 को आंशिक सूर्य ग्रहण लग रहा है. ये ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 10:59 बजे शुरू होकर 22 सितंबर को सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा. आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक के नियम लागू नहीं होंगे और किसी विशेष नियम के पालन की आवश्यकता नहीं है. सूर्य ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर क्या प्रभाव होगा? देखें 'भाग्य चक्र'.
Surya Grahan 2025: आज साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. आज सर्वपितृ अमावस्या का संयोग भी बन रहा है. हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका असर कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छा माना जा रहा है.
Surya Grahan 2025: आज लगने वाले साल के दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण को वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. भारतीय समयानुसार, इस ग्रहण की शुरुआत आज रात 11 बजे होगी और इसका समापन 22 सितंबर की अर्धरात्रि 3 बजकर 23 मिनट पर होगा.