Surya Grahan 2025 Surya Grahan 2025 Live Updates: 21 सिंतबर की रात साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है. भारतीय समयानुसार, यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 11 बजे से लेकर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है. सूर्य ग्रहण न तो भारत में दिखाई देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य है. फिर भी ज्योतिषविदों ने लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी है. इसी महीने 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण भी लगा था, जो कि भारत में दृश्यमान था.
ज्योतिषी के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. साथ ही ग्रहण समाप्त होने तक खाना-पीना वर्जित माना गया है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी नुकीली चीज का उपयोग नहीं करने से बचना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ विशेष सावधानियों बरतने की सलाह दी जाती है. इस दौरान मंत्र जाप और ध्यान करने से ग्रहण के दोष कम होते हैं. ग्रहण के दौरान कुंडली के अशुभ योगों को भी समाप्त किया जा सकता है. ग्रहण काल में आप 'ऊँ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य: श्रीं' मंत्र का जाप कर सकते हैं.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भले ही भारत में दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन लोग चाहें तो लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इसे देख सकते हैं. Timeanddate के यूट्यूब चैनल पर आप इसका लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मीन राशि वालों के शुभ नहीं माना जा रहा है. दांपत्य जीवन में खटास आ सकती है. बिजनेस में बड़ा नुकसान हो सकता है. इस दौरान किसी व्यापार में भी निवेश करने से बचें. मानसिक तनाव बहुत ही ज्यादा हो सकता है.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का संबंध इतिहास से भी माना जा रहा है. साल 1903 में किंग एडवर्ड सप्तम और रानी एलेक्जेंड्रा का राज्याभिषेक हुआ था. इसके अलावा, इस साल में बंगाल विभाजन की योजना तैयार की गई थी और मद्रास में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था. साथ ही, इसी साल में भारत में अंग्रेजों की नींव मजबूत हुई थी.
सूर्य ग्रहण का कुंभ राशि वालों पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है. इस दौरान, लड़ाई-झगड़े, वाद-विवाद से दूर रहें. पैसों के लेन-देन से इस वक्त सतर्क रहना होगा. साथ ही, जमीन या प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचें.
भारतीय समय के मुताबिक, आज रात 11 बजे होगा और इसका मध्य समय यानी पीक टाइमिंग रात 1 बजकर 11 मिनट पर होगा. वहीं, इस सूर्य ग्रहण का समापन 22 सितंबर की रात 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. यानी ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की रहेगी
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं हो रहा है इसलिए 22 सितंबर यानी कल बिना किसी रोक-टोक के शुभ मुहूर्त में नवरात्र की घटस्थापना कर सकते हैं.
ज्योतिषविदों के मुताबिक, साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मकर राशि के लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी और फायदेमंद रहेगा. इस दौरान आपको व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में नई संभावनाओं और नए अवसर मिलेंगे.
सूर्य ग्रहण पर आज सूर्य, चंद्रमा और बुध का संयोग बनेगा. वहीं, राहु और केतु का अक्ष कुंभ और सिंह राशि में प्रभावशाली होगा. इसके साथ ही, शुक्र और केतु का प्रभाव भी बना हुआ है, जो स्थिति विश्वभर में राजनैतिक उथल-पुथल मचा सकती है.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण धनु राशि वालों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. बड़े निर्णय लेने से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं. आपके खर्चे अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं. मेहनत का उचित फल नहीं मिलेगा, जिससे मन उदास हो सकता है.
ज्योतिर्विदों के मुताबिक, 122 साल बाद सूर्य ग्रहण पर आज बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है. दरअसल, कई वर्षों बाद साल 2025 के पितृपक्ष की शुरुआत ग्रहण से हुई और पितृपक्ष का समापन भी आज ग्रहण से ही होगा. साल 2025 से पहले ऐसा अद्भुत संयोग साल 1903 में बना था.
चूंकि, 21 सितंबर यानी आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. साथ ही, सूतक काल से जुड़े नियमों का पालन करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. इस ग्रहण की अवधि में वृश्चिक राशि वालों को आर्थिक लाभ होने की संभावना बन रही है. धन प्राप्ति का योग बन रहा है. साथ ही, इन लोगों के ऊपर घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद भी बना रहेगा.
ज्योतिषियों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का समय बहुत ही अशुभ माना जाता है. इसलिए, इस दौरान मंत्र जाप करने की सलाह दी जाती है. साथ ही, भगवान शिव या अपने ईष्टदेवता का नाम जाप करना चाहिए. इसके अलावा, इस दौरान भजन कीर्तन भी करना चाहिए.
ज्योतिर्विदों के मुताबिक, आज लगने वाला सूर्य ग्रहण तुला राशि वालों के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है. इस दौरान बहुत ही ज्यादा सावधानी से चलना होगा, क्योंकि धन खर्च बढ़ सकते हैं. साथ ही, रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी को न तो छूना चाहिए और न पानी देना चाहिए. इसके अलावा, तुलसी की पत्तियां को भी नहीं तोड़ना चाहिए. साथ ही, तुलसी को किसी खुले स्थान पर न रखें.
21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के संयोग में पड़ रहा है. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है. इस बार सूर्य ग्रहण की वजह से कुछ लोग सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध को लेकर संकोच में हैं. आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं लगेगा और न ही इसका सूतक काल मान्य है. ऐसे में आप दोपहर को कुतुप वेला में पितरों का विधिवत श्राद्ध कर सकते हैं.
ज्योतिषियों के अनुसार, कल लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि वालों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. इस समय उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि धन हानि और अनावश्यक खर्च की संभावना बढ़ सकती है. इस अवधि में धैर्य और संयम के साथ काम करें.
सूर्य ग्रहण के बाद दान-स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है. सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद हमें स्नान करने के बाद कुछ खास चीजों का दान करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद गुड़, मसूर की दाल, गेहूं, ताम्बे से निर्मित चीजें, लाल वस्त्र और सामर्थ्य के अनुसार धन का दान किया जाता है.
21 सितंबर, यानी कल लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा. यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा. हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका असर 12 राशियों पर पड़ने वाला है. सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ रहने वाला है. सिंह राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और जीवन में तरक्की के द्वार खुलेंगे. यह समय निवेश के लिए अच्छा रहने वाला है.
साल 2025 का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण कल, यानी 21 सितंबर को घटित होगा. यह ग्रहण कन्या राशि में लगने वाला है. ज्योतिषी के अनुसार, यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, लेकिन इसका प्रभाव 12 राशियों के जीवन पर महसूस किया जाएगा. यह ग्रहण कर्क राशि वालों के लिए मिश्रित फल लेकर आएगा. इस समय कर्क राशि वाले लेन-देन में सावधानी बरतें और जोखिम लेने से बचें. हालांकि, आपके रोजमर्रा के काम सामान्य रूप से सही रहेंगे और दैनिक जीवन प्रभावित नहीं होगा.
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना सुरक्षित नहीं माना जाता है. ग्रहण की किरणें आंखों के रेटिना को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे देखने में परेशानी, कन्स्ट्रेशन में दिक्कत, आंख में खुजली या जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए सूर्य ग्रहण को फिल्टर ग्लास, दूरबीन, या खास तरह के चश्मे से ही देखना सुरक्षित होता है.
साल 2025 का यह दूसरा और अंतिम सूर्य न्यूजीलैंड, फिजी, ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी इलाकों और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में नजर आएगा. न्यूजीलैंड में इसका प्रभाव सबसे अधिक रहेगा, जहां सूर्य लगभग 80 प्रतिशत तक ढका हुआ रहेगा. वहीं, फिजी और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों में लोग इसे आंशिक रूप से देख पाएंगे.
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव पश्चिमी देशों पर दिखाई देगा. न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर आदि क्षेत्रों में इसका प्रभाव रहेगा. ज्योतिषविदों का कहना है कि यह ग्रहण दुनियाभर में अशांति और किसी बड़े नेता के गलत निर्णय के कारण टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है.
यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लग रहा है. ग्रहण के प्रारंभ में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, जो कि सूर्य का नक्षत्र है और इसका समापन हस्त नक्षत्र में होगा, जो कि चंद्रमा का नक्षत्र है.
कल साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. भारत में यह ग्रहण नहीं नजर आएगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. लेकिन इसकी खगोलीय स्थिति का प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर अवश्य पड़ेगा. खासतौर पर मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. इस दौरान उनका मानसिक तनाव बढ़ सकता है और गुस्से की वजह से निजी संबंधों में दरार आ सकती हैय कुल मिलाकर यह ग्रहण मिथुन राशि के लिए नकारात्मक ऊर्जाएं लेकर आने वाला है.
कल, यानी 21 सितंबर को साल 2025 का दूसरा एवं आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका प्रभाव 12 राशियों के जीवन पर पड़ने वाला है. ज्योतिषी के अनुसार, वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण बुरे परिणाम लेकर आ रहा है. इस राशि के जातकों को इस समय सोच-समझकर फैसले लेने होंगे. पैसों के मामलों में धोखा खा सकते हैं. थोड़ा सतर्क रहें.
21 सितंबर, यानी कल लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि में घटित होगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. ज्योतिषियों के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण मेष राशि वालों के लिए बेहद लाभदायक रहने वाला है. इस राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, आय के नए अवसर मिलेंगे और जीवन में खुशियां आएंगी.
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ विशेष सावधानियों बरतने की सलाह दी जाती है. इस दौरान मंत्र जाप और ध्यान करने से ग्रहण के दोष कम होते हैं. ग्रहण के दौरान कुंडली के अशुभ योगों को भी समाप्त किया जा सकता है. ग्रहण काल में आप 'ऊँ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य: श्रीं' मंत्र का जाप कर सकते हैं.
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण कल, यानी 21 सितंबर की रात लगने वाला है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इसके अगले दिन शारदीय नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है. ज्योतिषी के अनुसार, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसी कारण इसका नवरात्र पर्व और घटस्थापना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या पर लग रहा है. हालांकि, ज्योतिषी के अनुसार, इसका श्राद्धकर्म पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. साथ ही, श्राद्धकर्म दोपहर के समय संपन्न हो जाता है, जबकि यह ग्रहण रात में लग रहा है.
21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा. इसलिए बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं पर कोई विशेष नियम लागू नहीं होगा. आप अपने दैनिक कार्यों को सामान्य दिनों की तरह की पूरा कर सकेंगे. पूजा-पाठ, खान-पान या दूसरी किसी भी दैनिक क्रिया पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं रहेगा.
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य को अपने पीछे आंशिक रूप से ढक लेता है तो सूर्य का आंशिक प्रकाश ही पृथ्वी तक पहुंच पाता है. इसे खगोलीय घटना को ही खंडग्रास सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
खगोलविदों के अनुसार, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की रोशनी आंशिक रूप या पूर् णरूप से छिप जाती है. इस दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है. जहां ये छाया पड़ती है, वहां या तो सूर्य दिखाई नहीं देता है. या फिर आंशिक या वलयाकार ग्रहण के रूप में दिखाई देती है. इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं.
21 सितंबर का सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी भारत में लागू नहीं होगा. सूर्य ग्रहण जब भारत में दृश्यमान होता है तो उसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही भारत में लागू हो जाता है. सूतक काल में खान पकाना, पूजा-पाठ और भगवान की मूर्तियों का स्पर्श सहित कई काम वर्जित हैं
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध के कई हिस्सों में दिखेगा, जिसमें अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड और अफ्रीका के कई हिस्से शामिल होंगे.
21 सितंबर दिन रविवार को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 11 बजे शुरू होगा और इसका समापन देर रात 03 बजकर 23 मिनट पर होगा.