शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) हिंदू चंद्र माह अश्विन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसे कुमार पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, नवान्न पूर्णिमा, कोजाग्रत पूर्णिमा या कौमुदी पूर्णिमा भी कहा जाता है. पूर्णिमा, देश के विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है. इस बार 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मानाई जाएगी.
इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा चंद्र देवता के साथ की जाती है और उन्हें फूल और खीर चढ़ाई जाती है. पूर्णिमा की रात खीर को चांद की रौशनी में रखा जाता और अगली सुबह इसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है.
शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की 16 कलाओं के साथ दिव्य रात माना जाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है. भगवान श्रीकृष्ण को सभी 16 कलाओं का पूर्णावतार कहा गया है, जबकि श्रीराम 12 कलाओं से युक्त थे। ये कलाएं मनुष्य को देवत्व प्रदान कर सकती हैं.
कोजागरी पूर्णिमा शरद ऋतु की निर्मल रात है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण चमक के साथ आकाश को रोशन करता है. यह पर्व धन, समृद्धि और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है. मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी आकाश में भ्रमण करती हैं और आशीर्वाद देती हैं.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात सिर्फ चंद्रमा देखने की नहीं, बल्कि अमृत बरसाने वाली रात्रि भी होती है. इस दिन श्रद्धा और विश्वास से किए गए उपाय आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं. तो चलिए जानते हैं उन खास उपायों के बारे में.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को है और इस दिन वृद्धि योग भी रहेगा. साथ ही, चंद्रमा मीन राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में ज्योतिषविदों का कहना है कि यह दुर्लभ संयोग जल तत्व की तीन राशियों को विशेष लाभ देगा.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा जिसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस रात को मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं, और भगवान श्रीकृष्ण ने इसी रात को गोपियों संग रासलीला रची थी. ये भी माना जाता है कि श्रीकृष्ण की रासलीला देखने के लिए चंद्रमा भी ठहर गया था.
Sharad Purnima 2025: आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. यह पूर्णिमा साल की सबसे खास पूर्णिमा मानी जाती है क्योंकि इसी दिन चांद अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस रात की चांदनी में अमृत तत्व बरसता है, जो तन और मन दोनों के लिए शुभ होता है.
Sharad Purnima 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर धरती पर रोशनी बिखेरता है. इस रात चंद्रमा की किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण इसे 'अमृत वर्षा' वाली रात कहा जाता है.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को पड़ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया भी रहने वाला है. ऐसे में ज्योतिषिवदों की सलाह है कि चंद्रमा के साए में खीर रखने से पहले भद्रा का ख्याल जरूर रखें.
Sharad Purnima 2025: हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और उसके बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में खीर रखते हैं. माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की बूंदें गिरती हैं.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात साल की सबसे पवित्र रात मानी जाती है. इस दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है क्योंकि कहा जाता है कि चंद्रमा की किरणों से उसमें अमृत का स्पर्श होता है.
Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा. ज्योतिषविदों का कहना है कि इस दिन घर में कुछ गलतियां करने से मां लक्ष्मी रुष्ट होती हैं और आर्थिक मोर्चे पर व्यक्ति कंगाल हो सकता है.
Sharad Purnima 2025: इस बार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा के दिन लाभ उन्नति मुहूर्त और वृद्धि योग भी रहने वाला है. साथ ही, इस दिन भाद्रपद नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है. आइए जानते हैं कि इस दिन चांद की रोशनी में खीर रखने का सबसे अच्छा समय क्या रहने वाला है.
October Weekly 2025 Rashifal: अक्टूबर का नया सप्ताह 6 अक्टूबर से लेकर 12 अक्टूबर तक रहेगा. यह सप्ताह शरद पूर्णिमा के संयोग में शुरू होने वाला है. ज्योतिषविदों का कहना है कि नया सप्ताह तीन राशि के जातकों को भाग्यशाली बना सकता है.
इस साल शरद पूर्णिमा सोमवार, 6 अक्टूबर, 2025 को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का खास महत्व है. मान्यता है कि मां लक्ष्मी इस दिन धरती पर आती हैं, जानते हैं शरद पूर्णिमा का महत्व और इस रात खीर रखने की परंपरा क्या है.
Sharad Purnima 2025 : आश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं, जानते हैं इस दिन किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में
Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में आश्विन माह में पड़ने वाली शरद पूर्णिमा का खास महत्व है. इस साल शरद पूर्णिमा 06 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्र देव अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं.
October Vrat Tyohar 2025: इस साल अक्टूबर माह त्योहारों और व्रतों के लिहाज से बेहद खास रहने वाला है. इस पूरे महीने में हिंदू धर्म के कई प्रमुख और पवित्र पर्व मनाए जाएंगे. दशहरा, करवा चौथ और दिवाली जैसे बड़े और प्रमुख त्योहार इसी महीने आने वाले हैं.
Sharad Purnima 2025: हर साल शरद पूर्णिमा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस साल शरद पूर्णिमा 06 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान-दान का खास महत्व होता है.
Ashwin Maas 2025: 8 सितंबर से अश्विन मास की शुरूआत हो गई है. यह महीना व्रत-त्योहारों के लिहाज से बहुत खास रहने वाला है. हिंदू माह में अश्विन मास बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. शारदीय नवरात्रि से लेकर शरद पूर्णिमा तक इस महीने कई प्रमुख व्रत त्योहार आने वाले हैं.
शरद पूर्णिमा के विशेष अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का विशाल जनसैलाब देखने को मिला. इस पावन दिन पर ठाकुर जी अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और मंदिर में खीर का प्रसाद बांटा जाता है, जिसे शुभ माना जाता है.
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपनी सवारी उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देती