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उत्तर 24 परगना

उत्तर 24 परगना

उत्तर 24 परगना

उत्तर 24 परगना (North 24 Parganas) पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है. इसे स्थानीय रूप से “24 पीजीएस (उत्तर)” या “North Twenty Four Parganas” भी कहा जाता है. यह जिला भारत के पूर्वी क्षेत्र का हिस्सा है और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. बारासात (Barasat) इस जिले का मुख्यालय (District Headquarters) है.

उत्तर 24 परगना भौगोलिक रूप से एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है. उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है. वर्ष 2014 के बाद से यह भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला भी बन गया है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राज्य का दसवां सबसे बड़ा जिला है. जिले की जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह कोलकाता महानगर क्षेत्र (Kolkata Metropolitan Area) से सटा हुआ है, जिससे यहां शहरीकरण तेजी से बढ़ा है.

यह जिला गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा (Ganga–Brahmaputra Delta) के भीतर स्थित है. गंगा नदी की प्रमुख शाखा हुगली नदी (Hooghly River) जिले की पश्चिमी सीमा के साथ बहती है. इसके अलावा इस क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं, जिनमें इच्छामती (Ichhamati), जमुना (Jamuna), विद्याधरी (Bidyadhari) प्रमुख हैं. इन नदियों की उपस्थिति के कारण यह जिला कृषि और मत्स्य पालन (fishing) दोनों के लिए अत्यंत उपजाऊ माना जाता है.

उत्तर 24 परगना की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और मत्स्य पालन पर आधारित है. यहां के अधिकांश लोग खेती, मछली पालन, और कृषि से जुड़े अन्य व्यवसायों में कार्यरत हैं. औसतन प्रत्येक किसान के पास लगभग 3.2 बीघा भूमि होती है.

हालांकि यह जिला पश्चिम बंगाल के आर्थिक रूप से विकसित जिलों में से एक है, फिर भी इसके दक्षिणी क्षेत्र (सुंदरबन क्षेत्र) में गरीबी और पिछड़ापन अब भी देखा जा सकता है.

जिला कुल मिलाकर पांच उपविभागों (Subdivisions) में विभाजित है:- बराकपुर (Barrackpore), बारासात सदर (Barasat Sadar) बशीरहाट (Basirhat), बंगांव (Bangaon), बिधाननगर (Bidhannagar).

इसके अतिरिक्त, भारत निर्वाचन आयोग के परिसीमन आदेश (Delimitation Commission Order) के अनुसार, उत्तर 24 परगना जिला 33 विधानसभा क्षेत्रों (Assembly Constituencies) में विभाजित किया गया है.

उत्तर 24 परगना सांस्कृतिक रूप से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र है. यहां बंगाली भाषा और परंपराओं का गहरा प्रभाव है. जिले के कई हिस्से जैसे बशीरहाट, बंगांव, हाबरा और बारासात- लोककला, संगीत और नाटक के केंद्र रहे हैं. इसके अतिरिक्त, यहां हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों के लोग सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में रहते हैं.

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