राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अजीत पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व में एक राजनीतिक पार्टी है, जो शरद पवार के नेतृत्व वाली मुख्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग हो गया था. इस गुट के वर्तमान में महाराष्ट्र से 41 विधायक, नागालैंड से 7 विधायक और भारतीय संसद में 3 सांसद हैं (NCP AP).
जुलाई 2023 में, अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल हो गए. इससे अजीत पवार और पार्टी के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार के बीच सीधा विभाजन हो गया. 7 फरवरी 2024 को, भारत के चुनाव आयोग ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम और प्रतीक प्रदान किया.
बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आ गया है. एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायक संग्राम जगताप ने लोगों से सिर्फ हिंदू दुकानदारों से दिवाली का सामान खरीदने की अपील कर विवाद खड़ा कर दिया है. इस बयान पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इसे गलत बताया और जगताप को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया.
एनसीपी के लिए अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह महायुति गठबंधन में बीजेपी और शिवसेना के साथ है. यह धर्मनिरपेक्ष साख ही शरद पवार के प्रतिद्वंद्वी गुट से पारंपरिक समर्थन आधार को बचाती है.
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी है, जिसमें मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई मारपीट, बिहार चुनाव में महागठबंधन की रणनीति और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल शामिल हैं. सुले ने हालिया 'वोट चोरी' के आरोपों पर अपनी सबसे बड़ी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'इलेक्शन कमीशन को सवाल पूछने को अच्छा नहीं लगता क्योंकि हमारा विश्वास था एक इन्स्टिट्यूशन पे, लेकिन आज जिस तरह से ये वोट चोरी या नंबर्स का जो आ रहा है ये बहुत चिंताजनक है और सशक्त लोकतंत्र के लिए ये अच्छी बात नहीं है.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2025) मुंबई के मंच पर एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र के तमाम मुद्दे पर खुलकर बात की, साथ ही कहा कि वो यंग हैं और जब अधिकारी काम नहीं करते हैं तो उनकी सटक जाती है.
आईपीएस अंजना कृष्णा और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच हुई तल्ख बातचीत ने एक बार फिर साबित किया है कि नेता अधिकारियों से अपनी बात मनवाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं. अजित पवार का बैकग्राउंड भी ऐसा रहा है कि उनकी सफाई लोगों के गले नहीं उतरेगी.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी के प्रमुख अजित पवार ने नवाब मलिक को बीएमसी चुनाव कमेटी का प्रमुख नियुक्त किया है. बीएमसी चुनाव की कमान सौंपकर अजित पवार ने मुस्लिम वोटों को साधने का सियासी दांव चला है, जो कांग्रेस से लेकर सपा तक की चिंता बढ़ा सकती है?
पृथ्वीराज चव्हाण और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है. बीजेपी ने उनके बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि क्या आप मुस्लिम आतंकवादियों का जिक्र कर सकते हैं और पहलगाम में हिंदुओं की क्रूर हत्या की निंदा कर सकते हैं?. आप सनातन धर्म को बदनाम करने में तो तत्पर रहते हैं, लेकिन मुस्लिम आतंकवादियों का नाम लेने से हिचकिचाते हैं.
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले जयंत पाटिल का इस्तीफा एनसीपी (एसपी) के भीतर बड़ा बदलाव है. ये शरद पवार के नेतृत्व और प्रभाव पर भी सवाल खड़ा करता है, अगर वो पार्टी छोड़ देते हैं और किसी और के साथ चले जाते हैं.
10 जून को एनसीपी के स्थापना दिवस पर शरद पवार और अजित पवार पुणे में ही अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं. हाल फिलहाल दोनों की कई मुलाकातें हुई हैं, जिससे पार्टी और परिवार के एक होने की अटकलें तेज हैं. अब सवाल है – चाचा झुकेंगे या भतीजे की घर वापसी होगी?
पुलिस की कार्रवाई से नाखुश मृतक सचिन कुर्मी के भाई महेश कुर्मी ने सोमवार को आगामी महाराष्ट्र दिवस के मौके पर भूख हड़ताल की घोषणा की है. पिछले साल अक्टूबर में एनसीपी पदाधिकारी की हत्या कर दी गई थी. वे लगातार इसके लिए जिम्मेदार साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग करते आ रहे हैं.
पुणे में भूटान की एक महिला के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है, जिसमें एनसीपी के पूर्व नेता शांतनु कुकड़े समेत 7 लोग शामिल हैं। महिला का आरोप है कि उसे शिक्षा और आर्थिक मदद के नाम पर शोषण का शिकार बनाया गया। जानें पूरी खबर और किस तरह पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बाल ठाकरे की जयंती पर जब शिवसेना के दोनों धड़े शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दिन पुणे में शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हुई. दोनों नेताओं की बंद कमरे में मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली.
दिल्ली चुनाव में अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भी एंट्री कर ली है. एनसीपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी जगह मिली है.
देवेंद्र फडणवीस के हाथ में महाराष्ट्र की कमान वापस आ चुकी है. और, ऐसा लगता है महायुति में अजित पवार का दबदबा बढ़ने लगा है - क्या एकनाथ शिंदे का रोल ओवर हो चुका है?
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे. सभी नेताओं ने शरद पवार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. यह मुलाकात पवार के दिल्ली स्थित आवास पर हुई. शरद पवार 85 साल के हो गए हैं और सभी नेताओं ने उन्हें जन्मदिन पर बधाई दी.
अजित पवार की राजनीति जिस मोड़ तक बढ़ चुकी है, लौटने की कौन कहे पीछे मुड़ कर देखने की भी जरूरत नहीं लगती. और, अगर चाचा शरद पवार को फिर से कोई बड़ा झटका देते हैं तो पूरी विरासत के मालिक बन सकते हैं.
अजित पवार जानते थे कि अगर चुपचाप बैठे रहे तो उनका हाल भी शिवपाल सिंह यादव और पशुपति कुमार पारस जैसा हो जाएगा. जैसे ही लगा अपना हक छीनना पड़ता है, न तो विचारधारा की परवाह की, न ही परिवार का लिहाज - और एक दिन सब कुछ लेकर वो चैन की वंशी बजाने लगे.
महाराष्ट्र में एक दिन पहले तक चर्चा का विषय यह था कि सीएम किस दल का बनेगा और अब बात इसे लेकर हो रही है कि बीजेपी फडणवीस को ही सीएम बनाएगी या नया चेहरा लाएगी? सीएम शिंदे क्यों बैकफुट पर आए और क्यों फडणवीस को सीएम पद की रेस में आगे माना जा रहा है?
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर अब केंद्र में आ जाना चाहिए. अगर वह मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते तो बीजेपी को अजित पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहिए.
2019 के चुनाव के बाद शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया. 2022 में शिवसेना को तोड़कर बीजेपी ने उसे कमजोर कर दिया. अब विधानसभा चुनाव में लगभग 90 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ बीजेपी ने संभावित रूप से महाराष्ट्र में एकाधिकार की स्थिति बना ली है.
MVA में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल है. विधानसभा चुनाव में इस खेमे को बड़ा झटका लगा है. 288 सदस्यीय वाली विधानसभा में गठबंधन सिर्फ 46 सीटें ही जीत सकी है. इसके विपरीत बीजेपी की अगुवाई में महायुति गठबंधन 230 सीटें जीतने में कामयाब रही है.