मिग- 21
मिग- 21 (MIG-21), एक सुपरसोनिक जेट लड़ाकू (Supersonic Jet Fighter) और इंटरसेप्टर विमान है. इसे सोवियत संघ (Soviet Union) में मिकोयान-गुरेविच (Mikoyan-Gurevich) डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है. चार महाद्वीपों के लगभग 60 देशों ने मिग-21 उड़ाया है. यह अपनी पहली उड़ान के छह दशक बाद भी कई देशों की सेवा करता आ रहा (60 Countries And 4 Continents, MIG -21) है.
मिग - 21 ने विमानन रिकॉर्ड बनाया है. यह विमानन इतिहास में सबसे अधिक उत्पादित सुपरसोनिक जेट विमान बन गया चुका है. कोरियाई युद्ध के बाद से सबसे अधिक उत्पादित लड़ाकू विमान है (MIG -21 Production).
मिग -21 जेट लड़ाकू सोवियत जेट लड़ाकू विमानों की एक लगातार सीरीज है, जो सबसोनिक मिग -15 (Subsonic MiG-15) और मिग -17 (MiG-17) और सुपरसोनिक मिग -19 (Supersonic MiG-19) से शुरू हुई थी. कई प्रयोगात्मक मच 2 सोवियत डिजाइन पर आधारित थे, जिसमें या तो स्वेप्ट-बैक विंग्स थे, जैसे सुखोई सु -7, या टेल्ड डेल्टा, जिनमें से मिग -21 सबसे सफल रहा.
भारत मिग-21 का सबसे बड़ा ऑपरेटर है (MIG-21 India). 1961 में, भारतीय वायु सेना (IAF) ने कई अन्य पश्चिमी प्रतिस्पर्धियों पर मिग -21 खरीदने का विकल्प चुना. सौदे के हिस्से के रूप में, सोवियत संघ ने भारत को स्थानीय सभा के लिए प्रौद्योगिकी और अधिकारों के पूर्ण हस्तांतरण की पेशकश की. 1964 में, मिग-21 IAF के साथ सेवा में प्रवेश करने वाला पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट बन गया.
11 दिसंबर 2013 को भारत की दूसरी पीढ़ी के सुपरसोनिक जेट फाइटर, मिग-21एफएल को 50 वर्षों तक सेवा में रहने के बाद सेवामुक्त कर दिया गया था (MiG-21FL, India).
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़ाकू विमान क्रैश हुआ दिख रहा है. इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान का वीडियो है, जबकि सच्चाई कुछ और है.
अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलें देगा, जो F-16 जेट्स पर लगेंगी. रेंज 100 किमी, स्पीड 4900 किमी/घंटा. एक्टिव रडार गाइडेंस है. 'फायर एंड फॉरगेट' टेक से दुश्मन विमान को दूर से मार गिराएगी. 2019 जैसी घटना दोहरा सकती. भारत के लिए खतरा है. BVR युद्ध में पाक को फायदा होगा. भारत को Astra, S-400 से जवाब देना होगा.
भारत के आसमान की सुरक्षा में 62 वर्षों तक सेवा देने वाला मिग-21 फाइटर जेट रिटायर हो गया. देश के पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट मिग-21 ने कई युद्धों में भारत को गौरवान्वित किया. चंडीगढ़ एयरबेस पर हुए विदाई समारोह में इसकी सेवाओं को आधिकारिक रूप से समाप्त किया गया. अपनी सेवा के दौरान मिग-21 ने 1965 और 1971 के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कारगिल युद्ध में भी इसने पाकिस्तान को अपनी ताकत का एहसास कराया.
देश में एयर फोर्स की पहचान रहे फाइटर प्लेन मिग-21 को अंतिम विदाई दी गई. छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे मिग-21 सेवा मुक्त हो गए. 1963 में शुरू हुआ मिग-21 का सफर 1971 के वार से लेकर कारगिल के युद्ध तक, या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करता रहा. रक्षा मंत्री ने मिग-21 को एक शक्तिशाली विमान और राष्ट्रीय गौरव बताया. इस विमान की विदाई सम्मान और भावुकता का मिश्रण थी.
मिग-21 ने 62 साल की शानदार सेवा के बाद 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में विदाई ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान और एयर चीफ एपी सिंह समेत बड़े नेता मौजूद. आकाश गंगा शो, बादल फॉर्मेशन, डॉगफाइट और वॉटर सल्यूट ने भावुक किया. 1965 से सिंदूर तक वीरता की गाथा सुनाई गई. अब तेजस लेगा कमान.
62 साल की सेवा के बाद रिटायर हुआ MiG-21, रक्षामंत्री ने दी अंतिम विदाई.
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में 1990 के दशक में 60 प्रतिशत विमान सोवियत डिजाइन वाले मिग-21 थे. भारतीय वायुसेना ने 1,200 से ज्यादा मिग-21 उड़ाए हैं और उनमें से 800 का निर्माण भारत में ही किया गया.
भारत के गौरव मिग-21 फाइटर जेट ने आज अपनी आखिरी उड़ान भरी. 62 साल तक देश की सेवा करने वाले इस फाइटर जेट को चंडीगढ़ एयरबेस पर भावुक विदाई दी गई. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने स्वयं मिग-21 की फाइनल फ्लाई पास्ट का नेतृत्व किया. मिग 21 अनेक वीरतापूर्ण कृत्यों का साक्षी रहा है.
भारतीय वायुसेना का पहला सुपरसोनिक जेट मिग 21 आज आधिकारिक रूप से रिटायर हो जाएगा. चंडीगढ़ से अपनी आखिरी उड़ान भरने के बाद इसे वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा. 2200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार और 57,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले इस जेट ने 50 से ज्यादा स्क्वाड्रन में सेवा दी.
भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने और चर्चित लड़ाकू विमान MiG-21 को आज विदाई दे दी गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सिर्फ एक विमान नहीं बल्कि भारत-रूस की साझेदारी का प्रतीक और देश की वीरता का प्रतीक बताया है.
मिग-21 बाइसन 26 सितंबर के बाद चंडीगढ़ से नाल एयरबेस जाएगा. रिटायरमेंट पर नंबर 3 (कोबरा) और 23 (पैंथर्स) स्क्वाड्रन को नंबर प्लेटेड किया जाएगा – उनकी विरासत फ्रीज. नंबर 3 को पहला एलसीए मार्क 1ए मिलेगा. नाल पर जांच के बाद ठीक पार्ट्स निकालकर कॉलेजों या म्यूजियम्स को दिए जाएंगे, बाकी स्क्रैप. फ्रेम्स डिस्प्ले के लिए एयर एचक्यू में रिक्वेस्ट पर मिलेंगे.
आज भारतीय वायुसेना ने 62 वर्षों की सेवा के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान को रिटायर कर दिया. चंडीगढ़ में आयोजित रिटायरमेंट कार्यक्रम में जमीन से आसमान तक शौर्य का प्रदर्शन किया गया. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने खुद मिग-21 के साथ बादल फॉर्मेशन में उड़ान भरी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहाः? देखें.
भारतीय वायुसेना का पहला सुपरसोनिक जेट मिग-21 आज आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्त हो रहा है. चंडीगढ़ एयरबेस से यह अपनी आखिरी उड़ान भरेगा। 62 साल की लंबी सेवा के बाद मिग-21 को अंतिम विदाई दी जा रही है. इस मौके पर एक भव्य एयर शो का आयोजन किया गया है, जिसमें वायुसेना प्रमुख खुद बादल फॉर्मेशन में उड़ान भर रहे हैं.
मिग-21, भारत का पहला सुपरसोनिक जेट 26 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहा है. 1960 के दशक से वायुसेना की रीढ़ रहा. शुरुआती पायलटों को न ट्रेनर, न सिमुलेटर मिला; कॉकपिट रूसी भाषा में था. स्पेस सूट पहनकर उड़ान भरी. 1965-71 युद्धों, कारगिल और बालाकोट में बहादुरी दिखाई. चंडीगढ़ में छह पूर्व प्रमुखों के बीच विदाई होने वाली है.
मिग-21 शौर्य और जीत की दास्तान है. भारत में 1963 से सेवा, 1971 युद्ध में पाक विमान गिराए. 60 साल बाद, 26 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहा है. सोवियत संघ में 1950 के दशक में बना यह तेज सुपरसोनिक जेट वियतनाम, छह-दिवसीय और योम किप्पुर युद्धों में दुश्मनों को धूल चटाया.
मिग-21 की कहानी सिर्फ हादसों की नहीं, बल्कि शौर्य और जीत की लंबी दास्तान है. सोवियत संघ में 1950 के दशक में बना यह तेज सुपरसोनिक जेट वियतनाम, छह-दिवसीय और योम किप्पुर युद्धों में दुश्मनों को धूल चटाया. भारत में 1963 से सेवा, 1971 युद्ध में पाक विमान गिराए. 60 साल बाद, 26 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहा है.
भारतीय वायुसेना के आठ फाइटर प्लेन मिग-21 की विदाई होने वाली है. इस विदाई समारोह का आयोजन कल चंडीगढ़ स्टेशन में किया जाएगा. इस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह शामिल होंगे. उनके साथ महिला फाइटर पायलट लीडर प्रिया शर्मा भी इस समारोह का हिस्सा बनेंगी. समारोह में अन्य लोग भी उपस्थित रहेंगे. इस महत्वपूर्ण विदाई समारोह से पहले कल रिहर्सल भी की गई थी. यह मिग-21 फाइटर प्लेन के सेवाकाल के समापन का प्रतीक है.
मिग-21 का 62 साल बाद अलविदा. चंडीगढ़ में फुल ड्रेस रिहर्सल में मिग-21, जगुआर और सूर्य किरण ने शानदार फ्लाइपास्ट किया. एयर चीफ एपी सिंह ने भी उड़ान भरी. 1965-71 युद्धों से बालाकोट तक की वीरता याद रहेगी. 26 सितंबर को राजनाथ सिंह के साथ विदाई करेंगे. तेजस की जगह लेगा.
मिग-21 को अलविदा होने वाला है. तेजस का जोरदार स्वागत होगा. पुराना 'फ्लाइंग कॉफिन' 62 सालों की वीरता के बाद रिटायर हो रहा है. अब आ रहा है स्वदेशी सुपरहीरो तेजस. ज्यादा तेज मोड़, भारी हथियार, लंबी रेंज – मिग से दोगुना ताकतवर. भारत की हवाई ताकत अब और चमकेगी.
चीन ने पुराने J-6 फाइटर जेट को सुपरसोनिक ड्रोन में बदला, जो सैचुरेशन स्ट्राइक्स के लिए है. भारत अपने MiG-21 को टारगेट ड्रोन बना सकता है, जो SAM मिसाइल टेस्ट में मदद करेगा. लेकिन स्ट्राइक ड्रोन बनाने में लागत और पुरानी तकनीक बाधा है. DRDO और HAL के CATS, ALFA-S प्रोग्राम से भारत भविष्य में ऐसा कर सकता है.
क्या ड्रोन में बदले जाएंगे भारत के मिग-21 जेट पहले चीन कर चुका है ऐसा चीन ने अपने पुराने J-6 फाइटर जेट को सुपरसोनिक ड्रोन में कंवर्ट कर दिया है रिपोर्ट के मुताबिक इस कन्वर्जन में J-6 फाइटर जेट से कैनन इजेक्ट सीट और फ्यूल टैंक हटा दिए गए हैं