कुल्लू
कुल्लू (Kullu) भारतीय गणराज्य के प्रांत हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में से एक है (District of Himachal Pradesh). इसका मुख्यालय कुल्लू शहर में स्थित है (Kullu District Headquarters). कुल्लू जिला मंडी प्रमंडल का हिस्सा है. (Kullu Division). यह जिला राज्य के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है (Kullu Location). इसका क्षेत्रफल 5,503 वर्ग किमी है (Kullu Total Area).
2011 की जनगणना के मुताबिक कुल्लू जिले की जनसंख्या 4.38 लाख है (Kullu Population). यहां हर एक वर्ग किमी में 80 लोग रहते हैं (Kullu Density). इस जिले में 1000 पुरुषों पर 942 महिलाओं का अनुपात है (Kullu Sex ratio). इस जिले की साक्षरता दर 79.40 फीसदी है, जिसमें 87.39 फीसदी पुरूष और 70.91 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं (Kullu Literacy Rate). कुल्लू जिले में मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का आंशिक हिस्सा आता है, जिसके अंतर्गत चार विधानसभा क्षेत्र हैं. (Kullu Constituencies).
कुल्लू जिला मध्य हिमाचल में स्थित है. यह दक्षिण में रामपुर शहर से उत्तर में रोहतांग दर्रे तक फैला है. यह जिला उत्तर और उत्तर – पूर्व में लाहौल और स्पीति जिले से, पूर्व में किन्नौर जिले से, दक्षिण में शिमला जिले से, पश्चिम में मंडी जिले से और दक्षिण में कांगड़ा जिले से घिरा है (Kullu Geographical Location).
कुल्लू के राजाओं के प्राचीन केंद्र वर्तमान शहर से लगभग 12 किमी उत्तर में नग्गर कैसल में थी. माना जाता है कि इसे 17वीं शताब्दी की शुरुआत में राजा सिद्ध सिंह ने बनवाया था. राजा जगत सिंह ने 17वीं शताब्दी के मध्य में राजधानी को अपनी वर्तमान स्थिति में स्थानांतरित कर दिया और इसे सुल्तानपुर कहा. 1846 में सिख साम्राज्य के पतन के बाद अंग्रेजों ने पंजाब पर अधिकार करने के तुरंत बाद कुल्लू को पंजाब प्रांत में मिला दिया (Kullu History).
कुल्लू जिले में कई हिल स्टेशन स्थित हैं, जिनमें मनाली पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है. इसके अलावा पार्वती घाटी के आसपास के जंगलों के बीच बसे मणिकरण अपने गर्म झरनों के लिए प्रसिद्ध है. इन झरनों के पानी को गठिया और इसी तरह की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है. रघुनाथजी और गुरुद्वारा के कारण, मणिकरण हिंदुओं और सिख तीर्थयात्रियों का पसंदीदा रिसॉर्ट है (Kullu Tourist Places).
हिमाचल प्रदेश, जिसे देवभूमि और सैलानियों का स्वर्ग कहा जाता था, अब संकट के दौर से गुजर रहा है. बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाएं इतनी तेज़ी से बढ़ी हैं कि सफर का मज़ा अब डर में बदल गया है.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ. अखाड़ा बाजार इलाके में तीन मकान मलबे की चपेट में आ गए. दस लोग दब गए जिनमें से चार को बाहर निकाला गया, एक की मौत हो गई और तीन घायल हैं. छह लोगों की तलाश अब भी जारी है, लगातार बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल आ रही है.
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार इलाके में गुरुवार सुबह बड़ा हादसा हुआ. मठ की पहाड़ी से भूस्खलन होने पर तीन मकान इसकी चपेट में आ गए. दो मकान पूरी तरह से ढह गए जबकि एक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ. इस हादसे में 10 लोग मलबे में दब गए.
मानसून की भारी बारिश के कारण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. हिमाचल के कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में आज सुबह मठ की पहाड़ी में भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में तीन मकान आ गए. इनमें से दो घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए, इस हादसे में मलबे में 10 लोग दब गए.
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और बारिश के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार में भूस्खलन की चपेट में तीन मकान आ गए. मलबे से अब तक एक शव निकाला जा चुका है और तीन लोगों को जीवित बचाया गया है. कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है और बचाव अभियान तेजी से जारी है.
लगातार बारिश और भूस्खलनों ने हिमाचल प्रदेश की रफ्तार थाम दी है. गुरुवार को एक भूस्खलन ने तीन मकानों को अपनी चपेट में ले लिया. जानकारी के मुताबिक अब तक चार लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है जबकि एक शव बरामद हुआ है.
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से व्यापक तबाही हुई है. खासकर कुल्लू-मनाली हाईवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है और नदी की तरह बह रहा है. ब्यास नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि उसकी तेज धारा ने टोल प्लाज़ा को जलमग्न कर दिया है. इस वजह से यातायात पूरी तरह बंद है और इलाके में हालात गंभीर हैं. प्रशासन इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए कार्यवाही कर रहा है.
हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी का कहर लगातार जारी है. कुल्लू से मनाली को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे तीन लगभग सात जगहों पर टूट गया है. हाईवे के कई हिस्से सीधे नदी में समा चुके हैं, जिससे मनाली से कुल्लू और केलांग की कनेक्टिविटी पूरी तरह से ठप हो गई है. पिछले तीन दिनों की बारिश के बाद कुल्लू मनाली नेशनल हाईवे नंबर तीन तबाह हो गया है.
हिमाचल प्रदेश में मौसम की जबरदस्त मार जारी है. कुल्लू, मनाली, मंडी और हमीरपुर से तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर पुल बह गए हैं, सड़कें धंस गई हैं और घर भी बह गए हैं. मंडी-मनाली हाईवे पूरी तरह से बंद है, जिससे आवागमन बाधित हुआ है. रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन भारी लैंडस्लाइड के कारण रास्ता खोलने में दिक्कतें आ रही हैं.
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और सैलाब ने तबाही मचाई है. मंडी, कुल्लू, मनाली और हमीरपुर सहित कई इलाकों में स्थिति गंभीर है. ब्यास नदी का रौद्र रूप दिख रहा है, जिसने सब कुछ बहा दिया है. कुल्लू में कई घर और दुकानें तबाह हो गईं, साथ ही कुल्लू-मनाली में ब्यास नदी की लहरों ने तवाडा के पास एक पुल को भी बहा दिया. ब्यास नदी का पानी चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और अटल टनल के पास सड़कों पर पहुंच गया, जिससे आवाजाही बंद हो गई और सड़कें टूट गईं.
हिमाचल प्रदेश का कुल्लू एक बार फिर ब्यास नदी की प्रचंड लहरों की चपेट में आ गया है. बीते दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. कुछ ही घंटों में कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. कुल्लू के रामशिला से लेकर मनाली के बाहन तक लोग दहशत में हैं. कहीं घर खाली करवाए जा रहे हैं तो कहीं लोग सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे हैं.
अरुणाचल प्रदेश के दिरांग, जम्मू-कश्मीर के डोडा और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली सहित देश के कई राज्यों में भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही हुई है. जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई. हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से मकान और फैक्ट्रियां जलमग्न हो गईं.
हिमाचल प्रदेश के मनाली और कुल्लू में ब्यास नदी का कहर जारी है. जहां लगातार बारिश से नदी उफान पर है. मनाली में सड़क धंसने से एक जीप और एक पिकअप वाहन ब्यास नदी में बह गए. नदी का तेज बहाव मिट्टी और सड़कों को काट रहा है. हालात ऐसे हैं कि मनाली से कुल्लू के बीच सड़कें और फोर लेन हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. नेशनल हाईवे, पुल, इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ है.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली में भारी बारिश से ब्यास नदी उफान पर है. एनएच3 का 3 किलोमीटर हिस्सा बह गया, कई इमारतें और दुकानें ढहीं, जबकि दवाड़ा के पास फुट ब्रिज भी नदी में समा गया. पंडोह डैम से 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. प्रशासन ने लोगों को अलर्ट जारी कर नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है.
हिमाचल के कुल्लू के रामशिला के पास एक मकान ब्यास नदी की जद में आ गया और देखते ही देखते पूरा मकान नदी में समा गया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. जिला प्रशासन लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है. मौसम विभाग ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए लोगों को आगाह किया है. कुल्लू घाटी में लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और नुकसान के मामले सामने आ रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बारिश से लोग भयभीत हैं. कुल्लू में बादल फटने से तबाही हुई, जबकि ऊना और कांगड़ा में बाढ़ जैसे हालात बन गए. कुल्लू के शास्त्री नगर नाले में पहाड़ियों से मलबा बहकर आया, जिससे तीन गाड़ियां, दो बाइक और कई दुकानें बह गईं. एक व्यक्ति ने बताया कि "ऐसा लग रहा था जैसे भूकंप आ गया... बहुत ज्यादा पानी बह रहा था तो उससे बड़े बड़े पत्थर आ रहे थे, पेड़ आ रहे थे.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से बड़ी खबर है जहां बादल फटा है. इसके बाद इलाके में फ्लैश फ्लड आ गया. फ्लैश फ्लड का पानी आने के खतरे को देखते हुए निचले इलाकों के कई गांव खाली करवा दिए गए हैं. बादल फटने से इस क्षेत्र में भारी तबाही हुई है.
हिमाचल में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं. प्रदेश में 325 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं. कुल्लू जिले में दो अलग-अलग स्थानों — निरमंड उपमंडल की श्रीखंड पहाड़ी और बंजार उपमंडल की तीर्थन घाटी की बाथाध पहाड़ी — पर बादल फटे हैं.
Himachal Pradesh के Kullu में दो जगह बादल फटा, कई गांव खाली, प्रशासन अलर्ट पर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बंजार और आनी निरमंड उपमंडल के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने से तबाही मच गई. बठाहड़ और श्रीखंड महादेव भीम डवारी में हुए बादल फटने के बाद प्रशासन ने निचले क्षेत्रों के कई गांव खाली करवाए. तीर्थन घाटी और आनी में जगह-जगह नुकसान, प्रशासन ने अलर्ट जारी किया.
कुल्लू जिला के बंजार और आनी निरमंड उपमंडल के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बुधवार को दो अलग-अलग जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं. पहली घटना बठाहड़ क्षेत्र में और दूसरी श्रीखंड महादेव भीम डवारी इलाके में हुई. इन घटनाओं से पहाड़ी क्षेत्रों में मलबा और पानी का तेज बहाव शुरू हो गया. बादल फटने की वजह से बठाहड़ क्षेत्र और तीर्थन घाटी में भारी नुकसान की खबर है.