खालिदा जिया (Khaleda Zia) बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री हैं. वह बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी हैं. वह 1984 से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और नेता हैं, जिसकी स्थापना उनके पति ने 1978 में की थी. बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद अब वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.
2006 में उनकी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, राजनीतिक हिंसा और आपसी लड़ाई के कारण जनवरी 2007 में निर्धारित चुनावों में देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप बिना किसी बवाल के कार्यवाहक सरकार पर सैन्य कब्ज़ा हो गया. अपने अंतरिम शासन के दौरान, इसने जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया.
जिया को 2018 में जिया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले के लिए कुल 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. एक स्थानीय अदालत ने नवगठित ज़िया अनाथालय ट्रस्ट के पक्ष में एक फंड वितरित करते समय प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता का दुरुपयोग करने के लिए उन्हें फैसला सुनाया. जिया अपने खिलाफ कुल 36 मामलों का सामना किया है (Khaleda Zia Jail).
खालिदा जिया को अप्रैल 2019 में चिकित्सा उपचार के लिए एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था. मार्च 2020 में, उन्हें मानवीय आधार पर छह महीने के लिए शर्तों के साथ रिहा कर दिया गया. उन्हें अनौपचारिक रूप से राजनीतिक कदम उठाने से भी प्रतिबंधित किया गया था. सितंबर 2022 में, उसकी सजा पर लगातार छठी बार 6 महीने की रोक लगाई गई. वह 2018 से 5 अगस्त 2024 तक ढाका सेंट्रल जेल में रहीं.
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया वेंटिलेटर पर हैं. उनके इलाज के लिए चीन और ब्रिटेन के डॉक्टरों का एक दल ढाका के एवरकेयर अस्पताल में मौजूद है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. इस बीच चीन से विशेषज्ञों का एक और दल ढाका पहुंचा है.
अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है. BNP की लोकप्रियता घट रही है जबकि जमात-ए-इस्लामी तेजी से उभर रही है. अगले साल होने वाले चुनाव में अगर सत्ता जमात को मिलती है तो भारत को अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने होंगे.
भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव में हाल ही में नरमी आई है. बांग्लादेश के NSA की दिल्ली यात्रा और पीएम मोदी का खालिदा जिया की खराब सेहत पर चिंता जताना इस बदलाव के प्रमुख संकेत हैं. BNP की बढ़ती राजनीतिक भूमिका और 2026 के चुनावों में उसकी संभावित सफलता भारत के लिए महत्वपूर्ण है. दोनों देशों के NSA स्तर पर हुई बातचीत से भी भरोसा बढ़ा है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की हालत गंभीर है और वे लाइफ सपोर्ट पर हैं. उनके बेटे और BNP के प्रमुख तारिक रहमान पिछले 17 साल से लंदन में हैं और चुनावी माहौल के बीच वे न तो मां के पास हैं न ही चुनावी अभियान में सक्रिय राजनीतिक परिस्थितियों और सुरक्षा चिंताओं के कारण तारिक अभी लौटने में असमर्थ हैं, जबकि BNP को चुनावी सर्वे में मामूली बढ़त मिली है. ये स्थिति पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की हालत बहुत गंभीर बनी हुई है. 80 वर्षीय जिया को सीने में संक्रमण के कारण भर्ती कराया गया था. बीएनपी के नेता उनकी गंभीर स्थिति की पुष्टि कर चुके हैं और पूरे देश से उनके स्वास्थ्य के लिए दुआओं की अपील की गई है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की तबीयत गंभीर बनी हुई है. उन्हें सीने में संक्रमण और हृदय–फेफड़ों की समस्याओं के चलते निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के अनुसार, यदि उनकी सेहत स्थिर हुई, तो बेहतर इलाज के लिए उन्हें विदेश भेजा जा सकता है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की तबीयत गंभीर बनी हुई है. उन्हें सीने में संक्रमण और हृदय–फेफड़ों की समस्याओं के चलते निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के अनुसार, यदि उनकी सेहत स्थिर हुई, तो बेहतर इलाज के लिए उन्हें विदेश भेजा जा सकता है.
पांच अगस्त 2024 को शेख हसीना के तख्तापलट के एक दिन बाद ही खालिदा जिया को रिहा किया गया था. इसके बाद वह बेहतर इलाज के लिए लंदन चली गई थीं. वह इस साल मई महीने में ही बांग्लादेश लौटी थीं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का सत्ता से पतन 2024 के छात्र आंदोलन से शुरू होकर 2025 में उनके अनुपस्थिति में सुनाए गए मृत्युदंड तक पहुंचा. दशकों तक देश पर प्रभाव रखने वाली हसीना के उदय, उपलब्धियों, विवादों और गिरावट की यह कहानी बांग्लादेश की राजनीति के सबसे बड़े मोड़ को दर्शाती है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ नेताओं में से एक डॉ. खांडेकर मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि हम सभी चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम का इंतज़ार कर रहे हैं. इस चुनाव में भाग लेने के लिए निर्वासित नेता तारिक रहमान 17 साल बाद जल्द ही लंदन से बांग्लादेश लौटेंगे.
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने घोषणा की कि उनके नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों के बाद निर्वाचित सरकार को देश की सत्ता सौंप देगी. यूनुस ने कहा कि देश स्थिर हो चुका है और चुनाव के लिए तैयार है.
क्यों युवाओं का एक बड़ा हिस्सा अब धार्मिक कट्टरपंथी बन गया? क्यों ये लोग बांग्लादेश की यूनिवर्सिटीज़ पर काबिज हो गए? किसी भी समाज की सोच में इतना बड़ा बदलाव कभी एक वजह से नहीं होता. इसमें पारिवारिक परवरिश, स्कूल-यूनिवर्सिटी की शिक्षा, समाज और संस्कृति में आए बदलाव सब शामिल होते हैं. जानिए वजहें.
बांग्लादेश के 'क्रांतिकारी' छात्र अब देश की चुनाव प्रणाली को ही बदलना चाहते हैं. ताकि वे सत्ता में किसी न किसी तरह से बने रह सकें. आंदोलनकारी छात्रों की नई पार्टी NCP के चुनाव बदलने की मांग ने खालिदा जिया की पार्टी BNP को सशंकित कर दिया है. क्योंकि इससे बांग्लादेश पर राज करने की उनकी महात्वाकांक्षा पर खतरा मंडराने लगा है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता ने कहा कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को आश्वासन दिया कि उनकी अंतरिम सरकार दिसंबर तक आम चुनाव कराने की तैयारी कर रही है. बीएनपी नेता ने देश के अंदर हाल ही में हुई घटनाओं पर चिंता जताई है और कहा कि सरकार घटनाओं की जिम्मेदारी लेने से बच रही है.
जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने मोहम्मद यूनुस को द ओपन सोसायटी का दोस्त और मानवाधिकारों का चैम्पियन बताया. उन्होंने यूनुस को हर तरह से मदद देने का वादा किया है. गौरतलब है कि एनजीओ द ओपन सोसायटी को कूटनीतिक गलियारों में रिजीम चेंज का मास्टरमाइंड माना जाता है.
लगभग 20 साल पहले जब बांग्लादेश में सेना के सपोर्ट वाली सरकार आई, तब उसने तुरत-फुरत अपने सारे राजनैतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया. इनमें शेख हसीना और खालिदा जिया भी थे. इसे माइनस 2 फॉर्मूला कहा गया. अब दोबारा वही माहौल और वही इरादा दिख रहा है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस की निष्पक्षता पर सवाल उसी पार्टी ने उठाया है जिसकी मदद से वे पिछले अगस्त में बांग्लादेश सरकार के अंतरिम चीफ बने. खालिदा जिया की पार्टी BNP ने कहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो आम चुनाव से पहले देश में नई सरकार की जरूरत पड़ सकती है.
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पार्टी की स्थायी समिति की रात भर चली बैठक के बाद कहा, "चुनाव में इतनी देरी करने का कोई कारण नहीं है." इस बैठक की अध्यक्षता लंदन से कार्यवाहक बीएनपी अध्यक्ष तारिक रहमान ने वर्चुअली की.
बांग्लादेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि तीन बार प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए लंदन से कब लौटेंगी? सवाल ये भी है कि क्या बांग्लादेश की राजनीतिक परिस्थिति उन्हें लौटने की इजाजत भी देगी. ये सवाल तब है जब बांग्लादेश की दूसरी नेत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से ही बांग्लादेश से बाहर हैं. ऐसी परिस्थिति में बांग्लादेश का राजनीतिक नेतृत्व बड़े शून्य से गुजर रहा है.
बांग्लादेश में 'द एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट' ने 1972 के संविधान पर सवाल उठाते हुए एक घोषणापत्र जारी करने का फैसला किया है. प्रमुख राजनीतिक दलों और अंतरिम सरकार ने इससे दूरी बनाई है, जबकि आलोचक इसे संवैधानिक परिवर्तन के लिए एक अपील मान रहे हैं.
बांग्लादेश सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. अब यहां इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया. वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के हाईकोर्ट ने साल 2004 के ग्रेनेड हमले केस में पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालिदा ज़िया के बेटे तारिक़ रहमान को बरी कर दिया है. देखें रणभूमि.