बांग्लादेश की तीन बार की प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया को बुधवार को ढाका में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उन्हें अपने दिवंगत पति और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के बगल में शेर-ए-बांग्ला नगर में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया.
खालिदा जिया के निधन की खबर मंगलवार को फैलते ही देशभर से बड़ी संख्यां में लोग ढाका की ओर उमड़ पड़े. बसों, ट्रेनों और यहां तक कि मेट्रो सेवाओं के जरिए लोग राजधानी पहुंचे, ताकि खालिदा जिया को श्रद्धांजलि दे सकें. उन्हें अंतिम विदाई देने बुधवार को ढाका के मानिक मिया एवेन्यू पर जनसैलाब उमड़ पड़ा.
राज्य समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संघ (BSS) के अनुसार, अंतिम दर्शन के दौरान हर तरफ गम और शौक का माहौल था. हजारों लोग खुलेआम रोते-बिलखते नजर आए. मंगलवार रात से ही बीएनपी नेताओं और समर्थकों की भारी भीड़ राजधानी में जमा होने लगी, जिससे हालात संभालना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और आर्म्ड पुलिस बटालियन सहित बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए. कई लोगों ने ठंड के बावजूद पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी ताकि अंतिम संस्कार स्थल के पास जगह मिल सके. उत्तर-पश्चिम बांग्लादेश के बोगुरा जिले से लगभग 200 किलोमीटर दूर से आए 62 वर्षीय किसान सत्तार मियां फुटपाथ पर रात बिताकर पहुंचे. आंखों में आंसू लिए उन्होंने कहा कि भले ही मेरा शरीर जवाब दे जाए, लेकिन मेरा दिल मुझे यहां खींच लाया है. मैं उन्हें आखिरी बार जरूर देखना चाहता हूं.
जनाज़े में शामिल होने के लिए मानिक मिया एवेन्यू के आसपास की सड़कों पर यातायात प्रतिबंध लगाए गए. ढाका के मेट्रो स्टेशनों पर भी भारी भीड़ उमड़ पड़ी, क्योंकि लोग खालिदा जिया की नमाज़-ए-जनाजा में शरीक होने के लिए बेताब थे.
संसद भवन परिसर और उसके आसपास कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे. हालांकि जनाज़ा दोपहर 2 बजे निर्धारित था, लेकिन आम लोग, बीएनपी नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही मानिक मिया एवेन्यू और आसपास के इलाकों में जमा होने लगे थे. राष्ट्रीय ध्वज से ढका खालिदा जिया का ताबूत जब संसद परिसर में जनाजा स्थल पर पहुंचा, तो हजारों लोग उसके पीछे-पीछे चल पड़े. उनके बड़े बेटे और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारीक रहमान भी पार्टी नेताओं के साथ ताबूत ले जा रहे वाहन के पीछे मौजूद थे.
शोकाकुल लोग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. हाथों में राष्ट्रीय झंडे, पार्टी के बैनर और खालिदा जिया की तस्वीरें थीं. स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे, जबकि कई लोग दुआ करते या चुपचाप आंसू पोंछते दिखे.
ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि जगह की कमी के कारण लोग इमारतों की छतों और ओवरब्रिजों पर भी खड़े थे. भारी भीड़ के चलते कई लोग समय पर जनाजा स्थल तक नहीं पहुंच पाए और नमाज-ए-जनाजा में शामिल नहीं हो सके. नमाज़-ए-जनाज़ा स्थानीय समयानुसार 2:30 बजे के बाद अदा की गई. संसद परिसर में आयोजित इस नमाज़ का संचालन बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य नज़रुल इस्लाम ख़ान ने किया. जब बैतुल मुक़र्रम राष्ट्रीय मस्जिद के मुख्य इमाम मोहम्मद अब्दुल क़ादिर ने नमाज़ पढ़ाई, तो लाखों लोग कतारों में खड़े होकर दुआ में शामिल हुए. खालिदा जिया को उनके पति जियाउर रहमान के बगल में शेर-ए-बांग्ला नगर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया.