कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) एक राजनीतिज्ञ थे, जो दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें जन नायक के नाम से जाना जाता था. भारत सरकार द्वारा उन्हें मरणोपरांत 23 जनवरी 2024 को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया (Karpoori Thakur Bharat Ratna).
कर्पूरी ठाकुर ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उन्हें लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, देवेन्द्र प्रसाद यादव और नीतीश कुमार जैसे प्रमुख बिहारी नेताओं का गुरु कहा जाता है.
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले (Samastipur, Bihar) के पितौंझिया गांव में गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी के घर नाई जाति में हुआ था (Karpoori Thakur Age). अब इस गांव का नाम उनके नाम पर रखा गया है- कर्पूरी ग्राम (Karpoori Gram). राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित उन्होंने छात्र के रूप में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़ गए. एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए कॉलेज छोड़ दिया. इतना ही नहीं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए, उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए.
भारत को आज़ादी मिलने के बाद, ठाकुर ने अपने गांव के स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया. वह 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के सदस्य बने. 1960 में केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की आम हड़ताल के दौरान पी एंड टी कर्मचारियों का नेतृत्व करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 1970 में, उन्होंने टेल्को मजदूरों के हित को बढ़ावा देने के लिए 28 दिनों तक आमरण अनशन पर रहे थे (Karpoori Thakur Movements).
'जनता पार्टी' के सत्ता में आने के बाद, ठाकुर बिहार जनता पार्टी के अध्यक्ष सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के खिलाफ विधायक दल का चुनाव जीतकर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, जब जुलाई 1979 में जनता पार्टी विभाजित हो गई, तो कर्पूरी ठाकुर निवर्तमान चरण सिंह गुट के साथ चले गए. 1980 के चुनावों में वे 'जनता पार्टी (सेक्युलर)' के उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा के लिए समस्तीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए. उनकी पार्टी ने बाद में अपना नाम बदलकर 'भारतीय लोक दल' कर लिया और वे 1985 के चुनाव में सोनबरसा निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के उम्मीदवार के रूप में चुने गए. इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनका निधन 17 फरवरी 1988 हो गया (Karpoori Thakur Death).
ठाकुर को गरीबों के चैंपियन के रूप में जाना जाता था. उन्होंने 1978 में सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की शुरुआत की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के कर्पूरी ग्राम से अपने चुनावी अभियान का बिगुल फूंक दिया है, जहां उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. इस दौरान पीएम मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को साधने की एक बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर एक महत्वपूर्ण प्रतीक हैं और राज्य की कुल आबादी में लगभग 36% हिस्सा रखने वाले EBC समुदाय के लिए वे सबसे बड़े नायक हैं.
बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर स्थित कर्पूरी ग्राम से अपने अभियान का आगाज़ कर दिया है. प्रधानमंत्री ने चुनावी हुंकार भरने से पहले जननायक और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की. कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय के सबसे बड़े प्रतीक माने जाते हैं.
बिहार चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेजस्वी यादव के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है, जिसमें जननायक कर्पूरी ठाकुर की विरासत और मुस्लिम प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दे केंद्र में हैं. AIMIM नेता शौकत अली ने सोशल मीडिया पर 2% और 13% प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाते हुए 18% मुस्लिम आबादी को बड़े पद न मिलने पर बहस छेड़ी. महागठबंधन ने मल्लाह समाज से मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया, लेकिन मुस्लिम प्रतिनिधित्व पर चुप्पी साधी.
बिहार विधानसभा चुनाव अभियान का बिगुल बज चुका है. पीएम मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव से अपने चुनावी प्रचार का आगाज कर अति पिछड़े वर्ग को साधने का दांव चला. इससे पहले महागठबंधन ने मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाकर अति पिछड़े वर्ग को संदेश देने की स्टैटेजी अपनाई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के दौरे पर हैं, समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से चुनावी अभियान का आगाज किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनके साथ मंच साझा किया. पीएम मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती से अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की. जिनकी आबादी राज्य में लगभग 36% है.
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार समेत कई राज्यों में युवाओं के लिए तैयार की गई 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ/शिलान्यास किया. इन योजनाओं में रोजगार सृजन, कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली पहल शामिल हैं.
आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस के राज से लोग नाराज़ थे. 1970 के दशक में बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और पढ़ाई की समस्या पर छात्रों ने आंदोलन शुरू किया. मगध यूनिवर्सिटी की घटना के बाद यह आंदोलन पूरे बिहार में फैल गया. छात्रों के कहने पर जयप्रकाश नारायण ने 1974 में संपूर्ण क्रांति का नारा दिया. इससे आपातकाल लगा और बाद में सत्ता बदली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को अपशब्द कहे जाने को लेकर बिहार में सियासी घमासान छिड़ा है. तेजस्वी ने आरक्षण लागू करने के फैसले को लेकर कर्पूरी ठाकुर के लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्दों की याद दिला बीजेपी पर पलटवार किया है.
कुछ महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होना वाला है. ऐसे में सबसे ज्यादा जिस बात पर चर्चा हो रही है, वो है वहां का सबसे बड़ा वोटबैंक. बिहार में सबसे ज्यादा वोटर अतिपिछड़ा समाज से आते हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल इस बड़े तबके को रिझाने में लगे हुए हैं. ऐसे में अतिपिछड़ा वर्ग को बड़े कैनवास पर लाने वाले समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की चर्चा न हो, ये असंभव है.
तेजस्वी यादव चाहते हैं कि आरजेडी का दायरा मुस्लिम-यादव पॉलिटिक्स से आगे बढ़े - और आने वाले बिहार में ओबीसी के साथ साथ दलित वोट भी हासिल किया जा सके.
कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की खबरों पर कहा कि मेरे जैसे छोटे आदमी को मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं. प्रगति की दिशा में नई सरकार आगे बढ़ेगी और जो वादे घोषणा पत्र में हुए हैं, उसके आधार पर काम होगा.
सामाजिक न्याय के पुरोधा और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जन्म जयंती है. एक दिन पहले ही मंगलवार को भारत सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है. दिवंगत कर्पूरी ठाकुर अपने सागदीपूर्ण जीवन के कारण जननायक के नाम से मशहूर थे.
Bharat Ratna 2024: राष्ट्रपति भवन में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इन सबको मरणोपरांत ये सम्मान दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, खराब स्वास्थ्य की वजह से लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर सम्मान दिया जा सकता है. देखें ये वीडियो.
केंद्र सरकार ने गत 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनको मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को कॉल करके कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजे जाने की बधाई दी थी और उन्हें सपरिवार दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर आने का न्योता दिया था.
केंद्र सरकार ने गत 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनको मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को कॉल करके कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजे जाने की बधाई दी थी और उन्हें सपरिवार दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर आने का न्योता दिया था.
राम मंदिर उद्घाटन के बाद से ही बीजेपी लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही है और विपक्षी खेमे को नैरेटिव की लड़ाई में हराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. इन प्रयासों में काफी हद तक सफल भी दिख रही है. बीजेपी जानती है कि नैरेटिव की लड़ाई जीतना भी उतना ही जरूरी है, जितना चुनावी मैदान में विपक्ष को हराना. मोदी और राम मंदिर की लहर तो चल ही रही है, लेकिन सीटों का टारगेट छूकर नए रिकॉर्ड बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है. आजतक ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर से इस बारे में खास बातचीत की. उन्होंने सरकार का शुक्रिया करते हुए कहा कि 36 वर्षों के बाद उनकी मांग पूरी हुई. देखें वीडियो.
केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया गया है. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार डिप्टी सीएम और दो बार सीएम रहे हैं.
तो क्या यह भी समझा जाए कि अब नीतीश कुमार की जरूरत बीजेपी को नहीं रही ? बीजेपी अपने आप सक्षम हो गई है कि वो बिहार में बीजेपी के लिए लोकसभा की सभी 40 सीटें जीत सके?
जबसे केंद्र सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया है, तभी से इसके लिए श्रेय लेने की होड़ मच गई है. एक तरफ नीतीश कुमार ने पीएम का धन्यवाद किया है. तो दूसरी तरफ लालू यादव और तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं जाहिर की हैं. देखें वीडियो.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत 'भारत रत्न' देने ऐलान किया गया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के परिजनों को दिल्ली मिलने के लिए बुलाया है. कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर का बयान सामने आया है. देखे उन्होंने क्या कहा.