जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) नई दिल्ली, भारत में स्थित एक सार्वजनिक केंद्रीय प्रमुख शोध विश्वविद्यालय है (JNU located in New Delhi). इसकी स्थापना 1969 में हुई थी और इसका नाम भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था (JNU Named after Jawaharlal Nehru). विश्वविद्यालय लिबरल आर्ट्स और अप्लाइड साइंसेज पर लीडिंग फैकल्टी और रिसर्च पर जोर देने के लिए जाना जाता है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना 1969 में संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना का विधेयक 1 सितंबर 1965 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री एम सी छागला ने राज्यसभा में रखा था. जेएनयू विधेयक 16 नवंबर 1966 को लोकसभा में पारित किया गया और जेएनयू अधिनियम 22 अप्रैल 1969 को लागू हुआ. जी पार्थसारथी इसके पहले कुलपति थे (First Vice-Chancellor of JNU). प्रो. मूनिस रजा इसके संस्थापक अध्यक्ष और रेक्टर थे (Founder Chairman and Rector of JNU). जून 1970 में इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में विलय कर दिया गया (JNU History).
भारत के राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होते हैं. कुलाधिपति विश्वविद्यालय का नाममात्र का प्रमुख होता है और कुलपति विश्वविद्यालय का कार्यकारी प्रमुख होता है. न्यायालय, कार्यकारी परिषद, अकादमिक परिषद और वित्त समिति इश विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्राधिकरण हैं. यूनिवर्सिटी कोर्ट जेएनयू का सर्वोच्च प्राधिकरण है और यह कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के कामों की समीक्षा करने की शक्ति रखता है. कार्यकारी परिषद विश्वविद्यालय का सर्वोच्च कार्यकारी निकाय है. अकादमिक परिषद विश्वविद्यालय का सर्वोच्च शैक्षणिक निकाय है और विश्वविद्यालय के भीतर शिक्षा और परीक्षा के मानकों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है. इसे सभी शैक्षणिक मामलों पर कार्यकारी परिषद को सलाह देने का अधिकार है. वित्तीय नीतियों, लक्ष्यों और बजट की सिफारिश करने के लिए वित्त समिति जिम्मेदार है (JNU Organisation and Administration).
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 सूची में जेएनयू को 561-570 पर स्थान दिया ( QS World University Rankings). 2016 में, भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) में जेएनयू को भारत के सभी विश्वविद्यालयों में तीसरा और 2017 में दूसरा स्थान दिया था. जेएनयू को 2017 में भारत के राष्ट्रपति से सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार भी मिला था. जेएनयू को 2020 की राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क रैंकिंग में कुल मिलाकर 8वां और विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान मिला. जेएनयू को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के तहत टॉप 10 भारतीय विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है. द वीक एंड हंसा रिसर्च ने 2021 का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय सर्वेक्षण किया और जेएनयू को भारत को पहला स्थान दिया (JNU Rankings).
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में 'लेफ्ट यूनिटी' ने चारों पदों पर जीत दर्ज की, जिससे कैंपस में वामपंथ का दबदबा फिर साबित हुआ. 1971 में छात्रसंघ गठन के बाद से जेएनयू लेफ्ट राजनीति का गढ़ रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सामाजिक न्याय, आलोचनात्मक शिक्षा और छात्र एकजुटता ने इस विचारधारा को मजबूत बनाए रखा है.
JNU Student Union Result: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव की मतगणमा जारी है, जिसमें काउंसलर्स पद में एबीवीपी बढ़त बनाए हुए हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है. संगठन ने इस बार शिक्षा की गुणवत्ता, महिला सुरक्षा और परिसर के विकास को मुख्य मुद्दे बनाए हैं. अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष के लिए तान्या कुमारी, सचिव के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव के लिए अनुज डमारा को मैदान में उतारा गया है.
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं. नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब 4 नवंबर को होने वाले छात्रसंघ चुनावों को लेकर कैंपस पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुका है. पोस्टर, नारे, बहसें और रणनीतिक गठजोड़, हर कोना छात्र राजनीति की गूंज से भरा हुआ है. इस बार कुल 128 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिससे मुकाबला पहले से कहीं ज्यादा कड़ा माना जा रहा है.
विजयादशमी के अवसर पर देश भर में रावण दहन किया गया. इसी दौरान दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में उमर खालिद और शरजील इमाम के पुतले फूंकने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. रावण के पुतले के दस चेहरों में उमर खालिद, शरजील इमाम, अफज़ल गुरु, चारु मजुमदार और कालू सान्याल के चेहरे लगाए गए थे, जिन्हें जातिवाद और नक्सलवाद का प्रतीक बताया गया. जानें दोनों पक्ष.
JNU के प्रोफेसर पुष्पेंद्र सिंह ने क्वांटम मैकेनिक्स से जुड़े 100 साल पुराने फॉर्मूले को चुनौती देने का दावा किया है. उनकी नई खोज, यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM), जटिल संख्याओं के बगैर है. यह शोध क्वांटम कंप्यूटिंग और भौतिकी को सरल और प्रभावी बनाएगा.
CUET के बाद JNU में एडमिशन कैसे लें? जानिए UG, PG, B.Tech और PhD कोर्सेस के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस.
यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने गुरुवार को इस घटना को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करता है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इस तरह के विघटनकारी व्यवहार की निंदा भी की.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भी अब से 'कुलपति' की जगह 'कुलगुरु' शब्द का इस्तेमाल होगा. ये प्रस्ताव खुद जेएनयू के वीसी ने दिया था.
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्किए के विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक सहयोग को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए निलंबित कर दिया है. जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने फरवरी में हुए समझौते को 'ऑपरेशन सिंधुर' के बाद तोड़ने की पुष्टि करते हुए कहा, "हम भारत के साथ खड़े होते हैं."
JNU ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, JNU और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्की के बीच हुआ MoU अगली सूचना तक स्थगित किया जाता है. JNU राष्ट्र के साथ खड़ा है.' इस समझौता ज्ञापन पर 3 फरवरी 2025 को साइन किए गए थे और इसकी वैधता 2 फरवरी 2028 तक थी.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में AISA के नीतीश कुमार को JNUSU अध्यक्ष, DSF की मनीषा को उपाध्यक्ष और DSF की ही मुंतेहा फ़ातिमा को महासचिव पद के लिए चुना गया है. वहीं, एबीवीपी के वैभव मीणा जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव पद पर फ़तह हासिल किए हैं.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) चुनाव 2024-25 में लेफ्ट गठबंधन ने प्रेसिडेंट समेत टॉप के 4 में से 3 पदों पर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा है. लेकिन इस चुनावों में ABVP ने भी कमाल किया है.
AISA-DSF गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार (AISA) ने शानदार जीत के साथ अध्यक्ष पद (President) अपने नाम किया है. नीतीश को 1702 वोट मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी शिखा (ABVP) को 1430 वोट मिले.
जेएनयू में 4 साल बाद छात्रसंघ चुनाव का ऐलान किया गया है। इस बार 22 मार्च को वोटिंग होगी और 24 मार्च को नतीजे आएंगे। 11 मार्च को वोटर लिस्ट तैयार होगी और 14 मार्च से उम्मीदवारों का नामांकन शुरू होगा। छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदारों की बहस और जीबीएम जैसी कई अहम गतिविधियाँ होंगी, जो चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएंगी।
जेएनयू कैंपस की परंपरा रही है कि यहां छात्रंसघ के चुनाव में छात्र हाथ में डफली और पोस्टर लेकर अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में नारेबाजी करते हैं. अदालत की रोक की वजह से छात्रसंघ चुनाव एक महीने की देरी से हो रहे हैं.
JNUSU Elections: जेएनयू चुनाव समिति ने एक बयान में कहा कि हमारे कार्यालय और सदस्यों के खिलाफ हिंसा और तोड़फोड़ की हालिया घटनाओं के कारण चुनाव प्रक्रिया गंभीर रूप से बाधित हुई है. जब तक प्रशासन और छात्र संगठनों द्वारा चुनाव समिति के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर ली जाती, तब तक अंतिम उम्मीदवार सूची जारी करने सहित पूरी प्रक्रिया को रोक दिया गया है.
JNU Election 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 25 अप्रैल को छात्रसंघ के चुनाव होने हैं. चुनाव में एक शख्स चर्चा में हैं, जो पहले अग्निवीर थे और अब जेएनयू से चुनाव लड़ रहे हैं.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे और बिहार लोक सेवा अयोग (बीपीएससी) परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर यहां जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. छात्रों ने कार्यालय के बाहर नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
जेएनयू प्रशासन और उनके छात्र संघ के बीच चल रहा गतिरोध जल्द ही खत्म हो सकता है. दोनों पक्ष कई मांगों पर सहमति पर पहुंच गए हैं. छात्र संघ पिछले 15 दिनों से कई मुद्दों पर भूख हड़ताल कर रहा था. यूनिवर्सिटी ने विरोध कर रहे छात्र संघ की 12 प्रमुख मांगों में से कम से कम 6 को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की है.
दिल्ली के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की एक टीम परिसर में पहुंची और एक बहुमंजिला इमारत के पास लगे एक पेड़ पर एक व्यक्ति की लाश को लटके हुए पाया, जिसके गले में लोहे की चेन बंधी हुई थी.