जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सहायक प्रोफेसर पुष्पेंद्र सिंह ने यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM), रियल-वैल्यूड डिराक समीकरण और एक नई रियल क्वांटम फील्ड थ्योरी (QFT) के जरिए क्वांटम मैकेनिक्स को एक नया रूप दिया है.
यह शोध रिसर्चगेट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित हुआ है. उनका दावा है कि उन्होंने पिछले सौ साल से चली आ रही जटिल संख्याओं (कॉम्प्लेक्स नंबर्स) पर आधारित क्वांटम थ्योरी को चुनौती दिया है.
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क्वांटम मैकेनिक्स का पुराना आधार
1926 में नोबेल पुरस्कार विजेता एर्विन श्रोडिंगर ने अपना प्रसिद्ध समीकरण पेश किया था. 1928 में पॉल डिराक ने डिराक समीकरण बनाया. इन दोनों समीकरणों में जटिल संख्याओं का उपयोग होता था, जो पिछले सौ साल से क्वांटम मैकेनिक्स की नींव रही हैं.

प्रोफेसर सिंह ने अपने शोध में दिखाया कि जटिल संख्याओं के बिना भी क्वांटम मैकेनिक्स को पूरी तरह समझा जा सकता है. उनके शोध का कहना है कि यह पेपर क्वांटम मैकेनिक्स का एक पूरी तरह से रियल-वैल्यूड (वास्तविक) रूप प्रस्तुत करता है, जिसमें जटिल संख्याएं जरूरी नहीं हैं.
My research "Unified Quantum Mechanics: Real and Complex Quantum Theories via Real Operators Derived from the Hilbert Transform" is available on @ResearchGate: https://t.co/SRt2FNCvcC
— Pushpendra Singh (@eupush) July 11, 2025
यूनिफाइड क्वांटम मैकेनिक्स (UQM): एक नया युग
प्रोफेसर सिंह का UQM ढांचा हिल्बर्ट ट्रांसफॉर्म से प्राप्त रियल-वैल्यूड ऊर्जा और गति ऑपरेटरों का उपयोग करता है. यह ढांचा वास्तविक और जटिल क्वांटम थ्योरी को एक साथ जोड़ता है. इससे क्वांटम मैकेनिक्स को समझना आसान हो सकता है. इसका असर क्वांटम कंप्यूटिंग और सिग्नल प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जहां गणनाएं तेज और सरल हो सकती हैं.
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रियल-वैल्यूड डिराक समीकरण
सिंह ने डिराक समीकरण को भी नए सिरे से तैयार करने का दावा किया है, जो रिलेटिविस्टिक क्वांटम मैकेनिक्स का आधार है. यह नया समीकरण पुराने फॉर्मूले की तरह ही सटीक है. कणों को समझने में नई संभावनाएं खोलता है.

रियल क्वांटम फील्ड थ्योरी (QFT)
सिंह ने क्वांटम फील्ड थ्योरी को भी वास्तविक (रियल) रूप में पेश किया है. उनका कहना है कि UQM का मुख्य सिद्धांत यह है कि क्वांटम मैकेनिक्स में जटिल इकाई को हटाकर एक वास्तविक, गैर-स्थानीय ढांचा बनाया जा सकता है. यह खोज कण भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और कॉन्डेन्स्ड मैटर भौतिकी जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है.
कौन हैं पुष्पेंद्र सिंह?
पुष्पेंद्र सिंह जेएनयू के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर हैं. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है. उनके शोध के क्षेत्रों में क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, सिग्नल प्रोसेसिंग और बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग शामिल हैं.