जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बारामुला जिले में स्थित गुलमर्ग (Gulmarg), भारत के सबसे मनोहारी और लोकप्रिय पर्वतीय स्थलों में से एक है. "गुलमर्ग" शब्द का अर्थ है "फूलों की घाटी", और यह नाम इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता को पूरी तरह से दर्शाता है. चारों ओर फैली बर्फ से ढकी चोटियां, हरे-भरे घास के मैदान, और रंग-बिरंगे फूलों की चादर इसे एक स्वप्निल स्थल बनाते हैं.
गुलमर्ग का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब कश्मीरी सुल्तानों और मुगल बादशाहों द्वारा इसे एक विश्राम स्थल के रूप में विकसित किया गया. ब्रिटिश शासन के दौरान भी यह एक प्रसिद्ध समर रिसॉर्ट था. आज यह न केवल एक पर्यटन स्थल है बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
गुलमर्ग गोंडोला, यह एशिया की सबसे ऊंची केबल कारों में से एक है, जो आपको 13,400 फीट की ऊंचाई तक ले जाती है. इससे अफरात और कोलाहोई ग्लेशियर के अद्भुत दृश्य देखे जा सकते हैं.
स्कीइंग और विंटर स्पोर्ट्स, गुलमर्ग को भारत की स्कीइंग राजधानी भी कहा जाता है. हर साल देश-विदेश से पर्यटक यहां स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और स्नो ट्रेकिंग का आनंद लेने आते हैं.
गुलमर्ग गोल्फ कोर्स, यह विश्व के सबसे ऊंचाई पर स्थित गोल्फ कोर्सों में से एक है. गर्मियों के मौसम में यह स्थान गोल्फ प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं.
खिलनमर्ग और अलपाथर झील, ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए ये स्थान आदर्श हैं, जहां आप हिमालय की गोद में प्रकृति की छटा का आनंद ले सकते हैं.
गुलमर्ग साल भर सुंदर दिखाई देता है, लेकिन दिसंबर से फरवरी तक बर्फबारी का आनंद लेने के लिए और अप्रैल से जून तक हरियाली और फूलों का दृश्य देखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है.
गुलमर्ग श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है. श्रीनगर तक हवाई या सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है, और वहां से टैक्सी या बस द्वारा गुलमर्ग पहुंचना सुविधाजनक होता है.
इस बार सर्दियों में गुलमर्ग, औली और मनाली जैसी बर्फीली जगहों पर यात्राओं का पूरा माहौल बदल गया है. खूबसूरती तो हमेशा रही है, लेकिन 2025–26 में इन जगहों को खास बना रहा है एक नया बदलाव. जिससे सफर पहले से ज़्यादा आसान और सुरक्षित हो गया है.
अगर आप बाइक राइडिंग के शौकीन हैं, तो सिर्फ लेह-लद्दाख ही नहीं बल्कि भारत में और भी कई खूबसूरत जगहें हैं जहां आप शानदार बाइक ट्रिप का मजा ले सकते हैं. जानिए स्पीति वैली, सिक्किम, तवांग, कन्नूर और गुलमर्ग जैसे बेहतरीन डेस्टिनेशन्स के बारे में.
जम्मू कश्मीर में 22 अप्रैल की घटना के बाद पर्यटन को पुनः स्थापित करने के प्रयास हो रहे हैं, जिसके अंतर्गत प्रशासनिक बैठकें तथा बंद स्थलों को खोलने की योजना है. कश्मीरी जनता द्वारा 'नॉट इन आवर नेम' कहते हुए हमले की निंदा के बावजूद, सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट कश्मीर' मुहिम के विरुद्ध केंद्रीय सरकार से जांच कर इसे रोकने की अपील की गई है. देखें...
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पर्यटन को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से कैबिनेट और प्रशासनिक सचिवों की एक अहम बैठक बुलाई. इस मौके पर आज तक से बात करते हुए स्थानीय विधायक और पूर्व पर्यटन निदेशक फारूक अहमद शाह ने हाल की हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हमने कहा कि वो इंसानियत का कतल है, कश्मीरियत का कतल है... टूरिज्म इस देर फर्स्ट कैजुअल्टी,” और उम्मीद जताई कि देश के लोग कश्मीर का साथ देंगे। सरकार सकारात्मक संदेश देने की कोशिश कर रही है, लेकिन लगभग 48 पर्यटन स्थलों का अभी भी बंद होना और 'बॉयकॉट कश्मीर' नैरेटिव जैसी चुनौतियाँ कश्मीर पर्यटन की राह में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
कश्मीर में गुलमर्ग और टंगमर्ग को पर्यटकों से खाली करा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. यह कदम सीमा पर पाकिस्तान द्वारा उरी और पुंछ जैसे इलाकों में की गई शेलिंग के बाद सुरक्षा बलों ने उठाया है. देखिए रिपोर्ट.