अमेरिका का F-35 लाइटनिंग 2 फाइटर जेट (F35 fighter jet) एक स्टेल्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जो यह हर मौसम में उड़ान भर सकता है. यह एयरसुपीरियरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है. इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला कन्वेंशनल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (CTOL). इसे F-35A कहते हैं. दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग (STOVL). इसे F-35B कहते हैं. तीसरा है- कैरियर बैस्ड. यानी F-35C. इसे अमेरिका का लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है.
इसे एक ही पायलट उड़ाता है. इसकी लंबाई 51.4 फीट, विंगस्पैन 35 फीट और ऊंचाई 14.4 फीट है और इसकी अधिकतम गति 1976 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 1239 KM है. F-35 फाइटर जेट अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 4 बैरल वाली 25 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो एक मिनट में 180 गोलियां दागती है.
इसमें चार अंदरूनी और छह बाहरी हार्डप्वाइंट्स हैं. हवा से हवा, हवा से सतह, हवा से शिप और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती है. इसके अलावा चार तरीके के बम लगाए जा सकते हैं.
28 मई 2024 को न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करते ही F-35 फाइटर जेट क्रैश हो गया था लेकिन पायलट क्रैश से पहले इजेक्ट कर गया था.
ट्रंप के ऊंचे टैरिफ से अमेरिका का F-35 प्रोग्राम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. 2025 में पुर्तगाल, स्पेन ने सौदे रद्द किए. भारत ने F-35 खारिज किया. स्विट्जरलैंड-कनाडा रिव्यू कर रहे हैं. 150+ जेट रद्द किए गए हैं. अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. अमेरिका फर्स्ट नीति अमेरिका के अपने हथियार प्रोग्राम पर उल्टी पड़ रही है.
Donald Trump को लगा उन्हीं के टैरिफ का डंक, इस साल 6 देशों ने रद्द की F-35 फाइटर जेट डील
पाकिस्तान के JF-17 में 5, F-16 में 8+ और मिराज में 10+ हादसे हो चुके हैं. चीन के J-10, J-11, J-15 में 15+ क्रैश, ज्यादातर इंजन फेलियर से हुए हैं. तेजस के सिर्फ 2 हादसे हुए हैं. हर बड़े जेट प्रोग्राम में शुरुआती झटके आते हैं लेकिन एक हादसा तेजस को नहीं रोक सकता, क्योंकि सुधार और भरोसा दोनों मजबूत हैं.
अमेरिका की यूएस एयर फोर्स दुनिया की सबसे बड़ी है (5004 विमान, 1610 फाइटर जेट्स). यूएस नेवी की हवाई ताकत दूसरी सबसे बड़ी (2504 विमान, 451 फाइटर). मरीन कॉर्प्स एविएशन पांचवीं (1211 विमान, 297 फाइटर). ये तीनों मिलकर 8719 विमानों की एक बड़ी सेना बनाती हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी प्रोडक्ट की ब्रांड वैल्यू को लेकर काफी अलर्ट रहते हैं. 25 सितंबर को जब वे अपने सरकारी दफ्तर में नेताओं से मिल रहे थे तो उनके कोर्ट पर F-35 के प्रतीक चिह्न ने लोगों का ध्यान खींचा.
ट्रंप और एर्दोगन की बैठक में तुर्की को F-35 जेट बेचने पर चर्चा हुई. ट्रंप ने कहा कि अगर मीटिंग के परिणाम अच्छे रहे तो प्रतिबंध तुरंत हटा देंगे. एर्दोगन ने F-16, हल्कबैंक के मुद्दे उठाए. UNGA के दौरान यह यात्रा तुर्की-अमेरिका रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत.
अमेरिका भारत को जिस पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का प्रस्ताव दे चुका है. उसी के लिए कनाडा को धमकी दे रहा है. कनाडा 88 F-35 फाइटर जेट्स की खरीद की समीक्षा कर रहा है, फैसला 22 सितंबर तक आएगा. अमेरिका ने डील रद्द करने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है.
प्यूर्टो रिको में अमेरिकी F-35 विमानों की तैनाती ने वेनेजुएला के साथ तनाव और गहरा दिया है. ट्रंप प्रशासन ने 10 स्टील्थ फाइटर भेजने का आदेश दिया है, जो ड्रग कार्टेल्स पर कार्रवाई का हिस्सा है. इस बीच वेनेजुएला ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने उसके मछली पकड़ने वाले जहाज को अवैध तरीके से रोका. दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ते दिख रहे हैं.
अमेरिका ने प्यूर्टो रिको में 5 F-35 स्टील्थ जेट तैनात किए. वेनेजुएला ने मछली पकड़ने वाले जहाज रोकने का लगाया आरोप. हालात और बिगड़े.
कतर और इजरायल के बीच सीधी जंग की संभावना कम है, क्योंकि कतर की सैन्य क्षमता इजरायल से बहुत कम है. इजरायल ने रडार से बचने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर अपनी तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई, लेकिन इसने कतर की संप्रभुता और गाजा युद्धविराम वार्ता को नुकसान पहुंचाया है.
इस समय अमेरिका और वेनेजुएला आमने-सामने हैं. अमेरिका दुनिया की नंबर 1 सैन्य शक्ति है, जबकि वेनेजुएला 50वें स्थान पर. अमेरिका के पास 13.28 लाख सैनिक, 13043 विमान, 440 युद्धपोत और 895 अरब डॉलर बजट है. वेनेजुएला के पास 1.09 लाख सैनिक, 229 विमान, 34 पोत और 2 अरब डॉलर बजट है. क्या वेनेजुएला अमेरिका से टक्कर ले पाएगा?
रूस भारत को Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट बनाने का ऑफर दे रहा है. रूस निवेश की स्टडी कर रहा है, ताकि HAL नासिक में प्रोडक्शन शुरू हो सके. भारत को 2-3 स्क्वाड्रन (36-54 जेट) चाहिए. यह अमेरिकी जेट F-35 से सस्ता है. स्टील्थ तकनीक से लैस. IAF की ताकत बढ़ेगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस उदयगिरी को नौसेना में शामिल करते हुए उनकी तुलना अमेरिका के F-35 जेट से की. ये स्वदेशी स्टेल्थ फ्रिगेट्स ब्रह्मोस और बराक-8 मिसाइलों से लैस हैं. 75% स्वदेशी सामग्री से बने ये जहाज समुद्री सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता बढ़ाएंगे. यह आत्मनिर्भर भारत और नौसेना की ताकत का प्रतीक है.
अटलांटिक ट्राइडेंट 25 युद्धाभ्यास में राफेल ने F-35 पर 'किल लॉक' किया. यह एक तकनीकी और रणनीतिक जीत है. यह दिखाता है कि 4.5 पीढ़ी का राफेल नजदीकी युद्ध में 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट्स को टक्कर दे सकता है. फ्रांस की इस उपलब्धि ने राफेल की ताकत को फिर से साबित किया, जिससे भारत जैसे खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा.
चीन का नया लॉन्च ऑन वॉर्निंग रडार टेस्ट सैन्य तकनीक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो अमेरिकी मिसाइलों और ड्रोन्स को नष्ट करने का दावा करता है. यह टेस्ट प्रभावशाली है, लेकिन इसकी हकीकत युद्ध के मैदान में ही साबित होगी.
स्विट्जरलैंड और थाईलैंड का अमेरिकी लड़ाकू विमानों से मुंह मोड़ना ट्रंप की नीतियों और टैरिफ का नतीजा है. थाईलैंड अपनी संप्रभुता और भरोसे के लिए ग्रिपेन चुन रहा है, जबकि स्विट्जरलैंड आर्थिक और राजनीतिक कारणों से F-35 सौदे पर पुनर्विचार कर रहा है. यह बदलाव भविष्य में और देशों को सोचने पर मजबूर कर सकता है कि वे अपनी रक्षा के लिए किस पर भरोसा करें.
ट्रंप भारत को F-35 जेट बेचना चाहते हैं. इसके लिए टैरिफ का दबाव बना रहे हैं, लेकिन भारत ने मना कर दिया. ये जेट महंगा है और रखरखाव मुश्किल है. भारत अपनी तकनीक और रूस के Su-57 पर भरोसा कर रहा है. ट्रंप का दबाव कितना काम करेगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन भारत अपना रास्ता खुद चुनने को तैयार है.
यह घटना कैलिफोर्निया की है. फाइटर जेट के पायलट ने पैराशूट की मदद से कूदकर अपनी जान बचा ली. इस घटना से नौसेना बेस पर अफरा-तफरी मच गई. हादसे के कारणों की जांच की जा रही है.
F-35B की मरम्मत और वापसी भारत-यूके दोस्ती की मिसाल है. 37 दिन की मेहनत, भारत की मदद और ब्रिटिश इंजीनियर्स की मेहनत ने इस उन्नत जेट को फिर से उड़ान के लिए तैयार किया. ये घटना न सिर्फ भारत की तकनीकी ताकत दिखाती है, बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने का मौका भी देती है.
ब्रिटिश F-35B फाइटर जेट, जो 14 जून 2025 को तिरुवनंतपुरम में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद 37 दिन से फंसा था, अब टेस्ट उड़ान के लिए तैयार है. ब्रिटिश इंजीनियर्स ने हाइड्रॉलिक सिस्टम और APU की मरम्मत कर ली है. भारतीय वायुसेना और एयरपोर्ट ने पूरा सहयोग किया. टेस्ट उड़ान के बाद जेट की वापसी का फैसला होगा.
F-35 का भारत में एक महीने का ठहराव एक अनोखी घटना है, जो तकनीकी चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मिश्रण है. ब्रिटिश तकनीशियनों की टीम मरम्मत में जुटी है, लेकिन रहस्य अभी भी बना हुआ है कि आखिर इसकी खराबी का कारण क्या है. इसे कब तक ठीक किया जा सकेगा.