बस्तर
बस्तर (Bastar) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक जिला है (District of Chhattisgarh). जगदलपुर (Jagdalpur) जिला मुख्यालय है. बस्तर उत्तर-पश्चिम में नारायणपुर जिले से, उत्तर में कोंडागांव जिले से, पूर्व में ओडिशा राज्य के नबरंगपुर और कोरापुट जिलों से, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में दंतेवाड़ा और सुकमा से घिरा है (Bastar Geographical Location). जिले में आदिवासी और उड़िया संस्कृति का अनूठा मिश्रण है (Bastar Culture). बस्तर में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं- बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट (Bastar Constituenies).
बस्तर और दंतेवाड़ा जिले पहले बस्तर रियासत का हिस्सा थे. बस्तर की स्थापना 14वीं शताब्दी की शुरुआत में तेलंगाना में वारंगल के काकतीय राजा प्रताप रुद्र देव के भाई अन्नामा देव ने की थी. 1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, बस्तर और कांकेर की रियासतें भारत सरकार में शामिल हो गईं और मध्य प्रदेश के बस्तर जिले के रूप में विलय कर दी गईं. इसका क्षेत्रफल 39,114 वर्ग किमी 2 था जो गठन के समय भारत में सबसे बड़ा था (Bastar District Formation).
1999 में जिले को बस्तर, दंतेवाड़ा और कांकेर के वर्तमान जिलों में विभाजित किया गया था. 2000 में बस्तर मध्य प्रदेश के 16 जिलों में से एक था जो अब नए राज्य छत्तीसगढ़ एक हिस्सा है. 2012 में, इसे कोंडगांव जिला बनाने के लिए फिर से विभाजित किया गया था. ये चारों जिले बस्तर संभाग का हिस्सा हैं. जिला रेड कॉरिडोर का एक हिस्सा है (Bastar Red Corridor).
2011 की जनगणना के अनुसार, बस्तर जिले की आबादी कोंडागांव और बस्तर में विभाजित होने से पहले 1,413,199 की आबादी थी, विभाजन के बाद 834,873 की आबादी है (Bastar Population). जिले का जनसंख्या घनत्व 140 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है (Bastar Density). बस्तर में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 1024 महिलाओं का लिंगानुपात है (Bastar Sex Ratio) और साक्षरता दर 54.94% है (Bastar Literacy). गोंडी और हल्बी दो मुख्य भाषाएं हैं, जबकि छत्तीसगढ़ी और हिंदी भी बोली जाती हैं (Bastar Languages).
बस्तर के लोग जमीन के साथ लगभग पूरी तरह से खेती पर निर्भर करते हैं (Bastar Economy).
बस्तर अपने पारंपरिक दशहरा उत्सव के लिए जाना जाता है. चित्रकूट और तीरथगढ़ झरने जगदलपुर के करीब स्थित हैं जो एक पर्यटक स्थल भी है. यह वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता के लिए दशकों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है (Bastar Tourism).
नक्सलियों के खिलाफ जारी सुरक्षा अभियान में बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. माड़वी हिडमा को मार गिराने के बाद नक्सलियों के सरेंडर और ढेर होने की खबरें आ रही हैं. इस संदर्भ में बस्तर के आईजी सुंदरराज पी से खास बातचीत की गई जिसमें इस ऑपरेशन की सफलता और नक्सलवाद को खत्म करने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा हुई.
सुरक्षाबलों ने आंध्र प्रदेश के मारेडुमिली जंगलों में 1.80 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में हिडमा की पत्नी राजे समेत छह नक्सली मारे गए। हिडमा नक्सली संगठन का सबसे क्रूर और प्रभावशाली सैन्य कमांडर था जिसने दशकों तक बस्तर और दंडकारण्य में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया.
हिडमा AK-47 लेकर जंगलों में आतंक मचाता था, लेकिन आंध्र एनकाउंटर में मारा गया. नक्सलियों तक सेना वाले हथियार मुख्य रूप से पुलिस कैंप लूटकर, देशी फैक्ट्री में बनाकर या पुरानी तस्करी से पहुंचते हैं. अब फंडिंग बंद है. सरेंडर बढ़े है. हथियारों की भारी कमी हो गई है. गृह मंत्रालय का दावा- 2026 तक नक्सलवाद खत्म.
हिडमा की मौत के बाद सवाल—नक्सलियों तक AK-47 जैसे हथियार कैसे पहुँचते हैं? लूट, तस्करी, देशी फैक्ट्री और सरेंडर से जुड़ी पूरी जानकारी.
सुरक्षाबलों रविवार सुबह हुई मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया है. सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि डीआरजी जवानों ने मुठभेड़ में मुख्य मिलिशिया कमांडर माड़वी देवा समेत तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया. पुलिस ने बताया कि इस साल बस्तर में अब तक 233 नक्सली ढेर हो चुके हैं.
बस्तर में एक बड़ा वित्तीय फर्जीवाड़ा सामने आया है. अज्ञात ठगों ने सेवारत CRPF जवान के PAN कार्ड का गलत इस्तेमाल कर उनके नाम पर फर्जी कंपनी खोल दी और 10.51 करोड़ रुपये का व्यापार कर डाला. मामला तब सामने आया जब जवान को आयकर विभाग से भारी टैक्स नोटिस मिला. पुलिस और साइबर सेल जांच में जुटे हैं.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर हुआ है. यहां 210 नक्सलियों ने आज सरेंडर कर दिया और हथियार डाल दिए हैं. जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है, उनमें टॉप नेता भी शामिल हैं. राज्य सरकार की तरफ से 'नक्सल उन्मूलन नीति' के तहत अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया.
बस्तर के जगदलपुर में शुक्रवार को इतिहास लिखा जाएगा. यहां 210 से ज्यादा नक्सलियों ने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा में लौटने की शपथ ली है. नक्सलियों ने 153 हथियार सरेंडर किए हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन बताया.
छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य के 210 नक्सली 153 हथियारों (19 AK-47, 23 INSAS राइफल आदि) के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. अबूझमाड़ नक्सल मुक्त हो गया. उत्तर बस्तर से लाल आतंक समाप्त. दक्षिण बस्तर भी जल्दी हो जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक बताया है. सरेंडर पॉलिसी से शांति का नया दौर आ रहा है.
छत्तीसगढ़ में पहली बार अखिल भारतीय DGP-IGP सम्मेलन होने जा रहा है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हिस्सा लेंगे. 28 से 30 नवंबर तक नया रायपुर स्थित नए मरीन ड्राइव परिसर में यह सम्मेलन होगा, जिसमें देशभर के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक हिस्सा लेंगे.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने वालों में 21 महिलाएं और तीन नाबालिग भी शामिल हैं. इनमें 17 साल का एक लड़का, 16 और 17 साल की दो लड़कियां हैं. इसे सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है.
अगस्त 2024 में नक्सलियों के खिलाफ आखिरी अभियान की घोषणा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब मजबूत रणनीति और निर्मम दृष्टिकोण पर काम करते हुए नक्सलियों का सफाया करने की जरूरत है. इसके बाद सुरक्षाबलों ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान शुरू किया.
बस्तर शांति समिति ने INDIA गठबंधन के VP उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी का विरोध किया, आरोप लगाया कि उनके फैसले से नक्सलवाद बढ़ा और निर्दोष मारे गए.
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सलियों की बर्बरता जारी है. यहां 15 अगस्त को माड़ इलाके के बिनागुंडा गांव में युवाओं और बच्चों ने नक्सलियों के स्मारक पर तिरंगा फहराया. इसके बाद खौफनाक कांड सामने आया. तिरंगा फहराने के अगले दिन नक्सलियों ने गांव में हमला कर मनेश नरेटी नाम के युवक की हत्या कर दी.
यह मंत्रिमंडल विस्तार बीजेपी के लिए एक शक्ति प्रदर्शन है, लेकिन बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व देना और पुराने नेताओं की अनदेखी पार्टी के लिए जोखिम भरा हो सकता है.
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में सट्टा संचालक को पकड़ने के लिए पुलिस को खास रणनीति अपनानी पड़ी. आरोपी प्रेम परिहार गिरफ्तारी से बचने के लिए हर बार अपने घर में पाले गए चार खतरनाक कुत्तों को पुलिस पर छोड़ देता था. इस बार पुलिस ने डॉग वेलफेयर-रेस्क्यू टीम के साथ मिलकर दबिश दी. इस दौरान पुलिस ने लाखों की सट्टा पर्चियों और कैश के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में कुख्यात सट्टा संचालक प्रेम परिहार को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने घर में चार खतरनाक कुत्तों को पाल रखा था. वह पुलिस को आता देखकर कुत्ते छोड़ देता था.
बस्तर, जो कभी नक्सल हिंसा के लिए कुख्यात था, अब विकास, शिक्षा और शांति की नई पहचान बन रहा है. सरकार की मजबूत नीति, महिला नक्सलियों का आत्मसमर्पण और जनता की सहभागिता ने इसे बदला है. अब बस्तर में डर नहीं, उत्सव, स्कूलों की घंटी और उम्मीद की रौशनी गूंजती है – यह बदलाव का जीता-जागता उदाहरण है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया गया है. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) ने बस्तर जिले को वामपंथी उग्रवाद (LWE– Left Wing Extremism) से प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है. बता दें कि सरकारी प्रयासों, सुरक्षा बलों की सक्रियता और पुनर्वास नीतियों के चलते पिछले एक दशक में 8000 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 33 नक्सलियों ने पुलिस और CRPF के सामने सरेंडर किया. इनमें 24 इनामी नक्सली थे जिन पर कुल 91 लाख रुपये का इनाम था. सरेंडर की वजह माओवादी विचारधारा से निराशा, आदिवासियों पर अत्याचार और सरकार की पुनर्वास योजनाएं बताई गई. अकेले 2024 में बस्तर में अब तक 792 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
बच्चों की आंखों में अब डर नहीं, सपनों की चमक है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की पढ़ाई शुरू होने से लेकर हिंदी में मेडिकल शिक्षा तक... ये पहलें बस्तर के युवाओं को सीधे भविष्य की ओर ले जा रही हैं. जगदलपुर का नवीनीकृत अस्पताल, केशकाल घाट का चौड़ीकरण और नए रेल मार्ग... ये सब बस्तर को भारत की मुख्य धारा से मजबूती से जोड़ रहे हैं.