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छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार कल... तीन नए मंत्री लेंगे शपथ, इन नामों की है चर्चा

यह मंत्रिमंडल विस्तार बीजेपी के लिए एक शक्ति प्रदर्शन है, लेकिन बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व देना और पुराने नेताओं की अनदेखी पार्टी के लिए जोखिम भरा हो सकता है.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय. (File Photo: PTI)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय. (File Photo: PTI)

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार बुधवार को होने जा रहा है. राजभवन में सुबह 10:30 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में तीन नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, जिसके बाद मंत्रिमंडल की कुल संख्या 14 हो जाएगी. यह विस्तार हरियाणा मॉडल पर आधारित है और इसमें क्षेत्रीय व जातीय संतुलन को प्राथमिकता दी गई है. हालांकि, बस्तर संभाग को कम प्रतिनिधित्व देने पर विवाद की आशंका बढ़ रही है. 

मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरे  

गजेंद्र यादव (दुर्ग शहर, ओबीसी- यादव समुदाय): कांग्रेस के अरुण वोरा को 48,697 वोटों के बड़े अंतर से हराया. 95.8% विधायी उपस्थिति के साथ सक्रिय विधायक. एम.ए. डिग्री धारक, 4 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति.

गुरु खुशवंत साहेब (आरंग, एससी- सतनामी समुदाय): 1989 में जन्मे, सबसे युवा संभावित मंत्री. 2023 चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. कांग्रेस के शिवकुमार डहरिया को 16,500 से अधिक वोटों से हराया.

राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर, वैश्य/अग्रवाल समुदाय): पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव को मात्र 94 वोटों से हराकर सनसनीखेज जीत हासिल की. 2018 में कांग्रेस से बीजेपी में आए. व्यवसायी पृष्ठभूमि, 10वीं तक शिक्षा.

अमर अग्रवाल (बिलासपुर, वैश्य/अग्रवाल समुदाय): दो दशक से अधिक समय से सक्रिय बीजेपी नेता. पूर्व में स्वास्थ्य, वित्त और शहरी प्रशासन जैसे अहम मंत्रालय संभाले. अनुभव के साथ मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को संतुलन प्रदान करेंगे.

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क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व: सरगुजा बनाम बस्तर

इस विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में सरगुजा संभाग से 5, बिलासपुर से 3, दुर्ग से 3, रायपुर से 2 और बस्तर से केवल 1 मंत्री होगा. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में सरगुजा की सभी 14 सीटें जीती थीं. इसलिए इस क्षेत्र को सरकार में मजबूत प्रतिनिधित्व मिल रहा है. लेकिन नक्सल प्रभावित और आदिवासी विकास की चुनौतियों से जूझ रहे बस्तर संभाग को केवल एक मंत्री मिलने पर राजनीतिक विश्लेषकों ने क्षेत्रीय असंतुलन की आलोचना की है. बीजेपी ने बस्तर रीजन की 12 में से 8 सीटें जीती थीं. वर्तमान सरकार में बस्तर से सिर्फ एक मंत्री है और बीजेपी पर इस क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लग रहा है.

जातीय संतुलन और बालोदाबाजार विवाद

मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण भी अहम हैं. गुरु खुशवंत साहेब का शामिल होना सतनामी समुदाय को साधने की बीजेपी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. जून 2024 में बालोदाबाजार में सतनामी समुदाय के पवित्र जटखाम के कथित अपमान के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय में आगजनी हुई और करीब 50 लोग घायल हुए. बीजेपी गुरु खुशवंत साहेब को मंत्रिमंडल में शामिल करके सतनामी समुदाय का पार्टी के प्रति बढ़ता असंतोष शांत करने की कोशिश कर सकती है.

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यह मंत्रिमंडल विस्तार बीजेपी के लिए एक शक्ति प्रदर्शन है, लेकिन बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व देना और पुराने नेताओं की अनदेखी पार्टी के लिए जोखिम भरा हो सकता है. कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर दावा किया कि मंत्रियों की सूची रायपुर के बजाय अहमदाबाद में तैयार की जा रही हैं, जिसे उन्होंने छत्तीसगढ़ का अपमान बताया. 

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