बालेन शाह (Balen Shah) काठमांडू महानगर पालिका के मेयर हैं. मेयर पद पर रहते हुए उन्हें मासिक ₹46,000 वेतन मिलता है, लेकिन उनकी असली कमाई इंजीनियरिंग व्यवसाय और संगीत (रैप) से होती है. राजनीति में कदम रखने से पहले ही उन्होंने युवाओं के बीच एक प्रेरणादायक कलाकार और पेशेवर इंजीनियर के रूप में अपनी पहचान बना ली थी.
वे Balen Consulting & Construction Pvt. Ltd. के प्रबंध निदेशक (Managing Director) हैं. इसके अलावा, उन्होंने Padma Group of Companies में डिप्टी जनरल मैनेजर और अन्य इंजीनियरिंग से संबंधित भूमिकाओं में भी कार्य किया है. निर्माण और परामर्श सेवाओं के माध्यम से उन्हें एक स्थिर और अच्छी खासी आय प्राप्त होती है.
संगीत के क्षेत्र में भी बालेन शाह का नाम काफी प्रसिद्ध है. वे एक मशहूर रैपर और संगीतकार हैं जिन्होंने कई टीवी शो, रैप बैटल्स और म्यूजिक वीडियो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. गीत लेखन (songwriting), म्यूजिक प्रोडक्शन और स्टेज परफॉर्मेंस उनके अतिरिक्त आय के स्रोत हैं. इसके अलावा, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी उन्हें अच्छी कमाई होती है.
साल 2023 में TIME Magazine ने उन्हें अपनी प्रतिष्ठित '100 Emerging Leaders - Time 100 Next' सूची में शामिल किया था. यह उपलब्धि उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और दूरदर्शी नेतृत्व का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है.
सुशीला कार्की ने शुक्रवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. अब तक नेपाल में सुशीला कार्की की छवि बेदाग रही और उनके लिए कहा जाता है कि वो उस दौर में भी सरकार के सामने नहीं झुकीं, जब सारे तंत्र पर उस वक्त की सरकारों का नियंत्रण होता था. वहीं, काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने Gen-Z युवाओं के लिए इमोशनल पोस्ट लिखा है.
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता जारी है. नौ सितंबर को पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया. अभी नेपाल में कोई वैध सरकार नहीं है. संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति सुप्रीम कमांडर हैं. पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम नेता बनाने की मांग को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
नेपाल में Gen Z आंदोलन के बाद तख्तापलट हो गया है, जिसके सूत्रधार सुदन गुरुम, बालेंद्र शाह, रवि लमीछाने और सुशीला कार्की बताए जा रहे हैं. आंदोलन के दौरान काठमांडू में सिंह दरबार समेत कई सरकारी इमारतों में आगजनी हुई, जिसमें 30 लोगों की मौत हुई और 1033 लोग घायल हुए. सेना ने देश की कमान संभाल ली है और सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन पर अनिश्चितता है.
नेपाल में प्रधानमंत्री पद की तलाश और नई सरकार के गठन को लेकर गहरा मतभेद सामने आया है. युवा पीढ़ी, जिसे जेन ज़ी कहा जा रहा है, अपने पसंदीदा नेता को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने के लिए आपस में भिड़ गई है. सोशल मीडिया पर नए प्रधानमंत्री के लिए कराए जा रहे पोल्स में विदेशी दखल की आशंका सामने आई है. पड़ताल में चीन, अमेरिका और पाकिस्तान जैसे देशों के हैकर्स द्वारा इन पोल्स को प्रभावित करने की संभावना का पता चला है, जिससे नेपाल का राजनीतिक भविष्य अनिश्चितता की ओर जा सकता है.
नेपाल में नई सरकार के गठन को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं. पिछली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवा गुट अब आपस में भिड़ गए हैं. काठमांडू के सेना मुख्यालय में नए प्रधानमंत्री के नाम को लेकर मारपीट हुई. युवाओं का हर गुट अपने मनपसंद नेता को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाना चाहता है. दावेदारों में काठमांडू के मेयर बालेन शाह, सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की और 'लाइट मैन' कुलमान घीसिंग शामिल हैं.
नेपाल में अगले प्रधानमंत्री को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है और भारत की भी इस पर नजर है. भारतीय मीडिया में काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह के नाम की चर्चा है, जबकि नेपाली मीडिया पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रबल दावेदार बता रहा है. हिंसक आंदोलन के बाद हुई एक वर्चुअल मीटिंग में 5000 से अधिक युवाओं ने बहुमत से सुशीला कार्की को अगला प्रधानमंत्री बनाने का फैसला किया. यह निर्णय तब लिया गया जब युवाओं के प्रतिनिधियों ने बालेंद्र शाह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी थीं. कार्की का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों और राजनीतिक विवादों से भरा हुआ है.
नेपाल में हुए Gen-Z आंदोलन के बाद अब सत्ता कौन संभालेगा, इस पर फिलहाल सस्पेंस है, लेकिन काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने सुशीला कार्की को अपना पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर इसका ऐलान किया है. इसके साथ ही नेपाल की खुद कमान नहीं लेने की वजह भी बताई है.
नेपाल के जेन-जी आंदोलन के दौरान चर्चा में आए बालेन शाह भारत को लेकर आलोचक रहे हैं. दो साल पहले शाह ने अपने ऑफिस में 'ग्रेटर नेपाल' का विवादित मैप लगाया था. मैप में भारत के कई राज्यों को 'ग्रेटर नेपाल' का हिस्सा दिखाया गया था.
बालेन शाह की लोकप्रियता के पीछे उनका सत्ता-विरोधी रुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई रही है. काठमांडू जैसे शहर में मेयर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनकी जीत ने राजनीति के जमे-जमाये दिग्गजों को चौंका दिया. मेयर बनकर बालेन शाह अपने आप को साबित करने के लिए कई चुनौतीपूर्ण काम किए.
नेपाल में सरकार-विरोधी प्रदर्शन के बीच काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह लाखों युवाओं के हीरो की तरह उभरे. माना जा रहा है कि वे देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. सिविल इंजीनियर से रैपर और फिर लीडर बने बालेंद्र कई बार भारत विरोधी बयान दे चुके. हालांकि वे चीन का भी विरोध करते हैं, लेकिन दबी जबान में.
नेपाल में लगातार बिगड़ रहे हालात आर्मी चीफ नेकी शांति की अपील नेपाल में जेन जी आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है आलम ये है कि प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा है युवा सड़कों पर हैं और जमकर बवाल मचा रहे हैंइस बीच नेपाल के थल सेनाध्यक्ष अशोक राज सिगडेल ने सभी पक्षों से बातचीत की अपील की है
नेपाल पिछले 24 घंटे से सुलग रहा है और सड़कों पर आवाम का आक्रोश साफ देखा जा सकता है. राजधानी काठमांडू में राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो चुका है. Gen-Z प्रोटेस्टर्स की सभी मांगें भी मान ली गई हैं, बावजूद इसके गुस्सा थम नहीं रहा है. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है?
नेपाल में जेन जी प्रदर्शन को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीच चुका है और इस एक दिन के भीतर काठमांडू में काफी कुछ बदल गया है.नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा हो चुका है और सोशल मीडिया पर लागू बैन हट चुका है..लेकिन प्रदर्शनकारी अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं..ऐसे में सवाल उठता है कि अब क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
महेंद्र शाह, जो दो साल पहले 2022 में काठमांडू के मेयर बने थे, युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं. उनका जन्म 1990 में काठमांडू में हुआ था और वे मैथिली मूल के हैं. राजनीति से उनका सीधा संबंध नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के सहारे चुनाव लड़ा और अवैध ढांचों के खिलाफ अभियान चलाया. टाइम मैगज़ीन ने उन्हें 100 शख्सियतों में शामिल किया था। नेपाल में एक आंदोलन चल रहा है, जिसके पीछे यह माना जा रहा है कि युवा पुराने नेताओं और शासन प्रणाली से थक चुके हैं.
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है. प्रदर्शनकारी इसे अपनी जीत बता रहे हैं. नेपाल के राष्ट्रपति ने भी थोड़ी देर पहले इस्तीफा दिया है. इस बीच काठमांडू के मेयर बलेंद्र शाह को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की जा रही है. बलेंद्र शाह ने लोगों से संयमित रहने की अपील की है.
नेपाल इन दिनों एक बार फिर से भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है..इस पूरे घटना क्रम में बालेंद्र शाह का नाम सामने आया है, जिन्हें लोग बालेन शाह भी कहते हैं.बालेन शाह को सत्ता सौंपे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं..ऐसे में सवाल उठता है कि कितने अमीर हैं बालेन शाह?
नेपाल में प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भी हिंसा का दौर जारी है. काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग तेज हो गई है. युवाओं का आंदोलन हिंसक हो गया है, जिसमें प्रधानमंत्री के निजी आवास समेत कई मंत्रियों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है. संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और सिंह दरबार जैसे सरकारी भवनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया है.