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डोजर अभियान, टेक्स्टबुक फ्री फ्राइडे और MP के घर रेड... बालेन शाह के वो काम जिसने Gen-Z का हीरो बना दिया

बालेन शाह की लोकप्रियता के पीछे उनका सत्ता-विरोधी रुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई रही है. काठमांडू जैसे शहर में मेयर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनकी जीत ने राजनीति के जमे-जमाये दिग्गजों को चौंका दिया. मेयर बनकर बालेन शाह अपने आप को साबित करने के लिए कई चुनौतीपूर्ण काम किए.

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बालेन शाह का (दाएं से दूसरे) कई बार पूर्व PM ओली से टकराव हुआ है. (Photo: Reuters)
बालेन शाह का (दाएं से दूसरे) कई बार पूर्व PM ओली से टकराव हुआ है. (Photo: Reuters)

काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने ऐसा कौन सा काम किया है कि देश के युवा अब उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाह रहे हैं. बालेन शाह की लोकप्रियता के पीछे उनके काम करने का तरीका है. रैपर से मेयर तक का सफर तय करने वाले बालेन शाह नेपाल के अंडरग्राउंड हिप-हॉप सीन में 'बलिदान' जैसे गानों से प्रसिद्धि हासिल की. इसे यूट्यूब पर 70 लाख से अधिक बार देखा गया. उनके गीत भ्रष्टाचार, असमानता, गरीबी और राजनीतिक अक्षमता जैसे मुद्दों पर केंद्रित थे जो युवाओं की निराशा को व्यक्त करते थे. 

27 अप्रैल 1990 को काठमांडू में जन्मे बालेन शाह ने भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. 2022 में बालेन ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काठमांडू के मेयर का चुनाव लड़ा और नेपाली कांग्रेस (सिर्जना सिंह) और सीपीएन-यूएमएल (केशव स्थापित) जैसे बड़े दलों के उम्मीदवारों को 61,767 वोटों के साथ 23,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया. 

मेयर बनकर लाए बड़े बदलाव

मई 2022 से मेयर बनने के बाद बालेन ने काठमांडू की पुरानी शहरी समस्याओं को हल करने के लिए कई सुधार शुरू किए. हालांकि काठमांडू जैसे शहर में मेयर का बजट सीमित था और शक्तियां भी लिमिटिडे थी लेकिन उन्होंने अपने मंसूबों पर कभी प्रश्न खड़ा नहीं होने दिया. इसलिए युवाओं के बीच उनकी पॉजिटिव छवि बनी. 

डोजर अभियान की कामयाबी

बतौर काठमांडू मेयर बालेन शाह ने अवैध निर्माणों को हटाने के लिए 'डोजर अभियान' शुरू किया. इसके तहत सार्वजनिक भूमि पर बने ढांचों को ध्वस्त किया गया. फुटपाथ पर बने पुलिस सब-स्टेशन और त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पड़े निर्माण सामग्री हटाए गए. इस दौरान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के साथ उनका टकराव हुआ. 

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 2022 में मेयर बनने के बाद बालेन ने काठमांडू की अनियोजित शहरीकरण और अतिक्रमण की समस्या को टारगेट किया. इस अभियान के तहत उन्होंने सार्वजनिक भूमि पर बने अवैध ढांचों, जैसे दुकानों, पुलिस सब-स्टेशनों और निजी संपत्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त करवाया. इसे स्थानीय मीडिया में डोजर अभियान नाम दिया गया. 

इसका उद्देश्य शहर के फुटपाथ सड़कें और नदियों के किनारों को अतिक्रमण से मुक्त कराना था. उदाहरण के लिए, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्माण सामग्री और फुटपाथ पर बने पुलिस चौकियों को हटाया गया. 

हालांकि पाटन हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश ने इसे रोक दिया. इस अभियान ने बालेन की साहसी छवि बनाई, लेकिन इसे आलोचना भी मिली. ह्यूमन राइट्स वॉच ने स्ट्रीट वेंडर्स के खिलाफ कथित अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की. फिर भी युवाओं में यह अभियान प्रेरणादायक रहा, क्योंकि इसने भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कार्रवाई का संदेश दिया.

तुकुचा नदी को जीवनदान

बालेन शाह ने तुकुचा नदी के ऊपर बने निजी निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया ताकि नदी की रवानगी लौटाई जा सके और सौंदर्यीकरण अभियान को पूरा किया जा सके. इस अभियान में उन्हें कोर्ट के साथ भिड़ना पड़ा. लेकिन काठमांडू की जनता ने उनकी मंशा की सराहना की.

72 का पीएम वर्सेज 35 का मेयर 

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बतौर काठमांडू मेयर बालेन शाह कई बार अलग अलग मुद्दों पर तत्कालीन पीएम 72 साल के केपी शर्मा ओली से टकरा गए. ओली-बालेन विवाद तब भड़क उठा जब काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) ने नगरपालिका के नियमों का उल्लंघन करने वाली अवैध रूप से निर्मित इमारतों और व्यावसायिक विज्ञापनों को हटाना शुरू कर दिया. परंपरागत रूप से दबंग अपने राजनीतिक संबंधों के भरोसे केएमसी आधिकारिक नोटिसों की अनदेखी करते थे. लेकिन बालेन अलग थे. जब समझाने-बुझाने का कोई उपाय नहीं सूझा तो उन्होंने अनधिकृत ढांचों को गिराने के लिए नगरपालिका बल भेजा.

पहले हाई-प्रोफाइल विध्वंस में CPN-UML (Communist Party of Nepal Unified Marxist–Leninist) से जुड़ा एक व्यक्ति शामिल था. कुछ ही दिनों के भीतर यूएमएल केंद्रीय समिति के सदस्य महेश बसनेत ने सार्वजनिक रूप से बालेन को धमकी दी कि अगर उन्होंने "अपने तौर-तरीके नहीं बदले" तो उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाया जाएगा. 

तनाव तब और बढ़ गया जब बालेन ने सार्वजनिक भूमि खासकर नदी के किनारों पर बसे अवैध निवासियों को बेदखल करने का कदम उठाया. इन कदमों से बालेन शाह की लोकप्रियता बढ़ी. लेकिन उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा.

सांसदों के घर से छुड़ा ले आए बाल मजदूर

बालेन शाह साहसिक और कभी-कभी विवादास्पद कार्रवाइयों से भी पीछे नहीं हटे. बालेन शाह एक बार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी से जुड़े एक सांसद के घर से बाल मजदूरों को छुड़ा ले आए. उनके फैसले की प्रशंसा और आलोचना दोनों हुई. इस घटना ने राजनीतिक विरोध के बावजूद, न्याय के प्रति उनके कमिटमेंट को दर्शाया. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ उनके सार्वजनिक टकराव ने एक निडर नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मज़बूत किया जो सत्ता प्रतिष्ठान से लोहा लेने को तैयार रहते हैं.

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काठमांडू का कूड़ा प्रबंधन

काठमांडू महापौर के रूप में बालेन के सामने सबसे गंभीर मुद्दों में से एक कचरा प्रबंधन है. काठमांडू का कचरा संकट गहराता जा रहा था. जो राजनीतिक लालफीताशाही और नौकरशाही की अक्षमता के कारण और भी गंभीर हो गया था. 

बालेन ने इसे दूर करने के लिए आक्रामक कदम उठाए. उन्होंने 6 जून 2022 को शहरी विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया और 7 जुलाई से कचरा संग्रह फिर से शुरू किया. 18 अगस्त 2022 को उन्होंने निजी कंपनियों को जमा कचरे को संभालने का निर्देश दिया. हालांकि संग्रह में कुछ रुकावटें आईं. लेकिन उनकी कोशिशों ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया.

टेक्स्टबुक-फ्री फ्राइडे

काठमांडू का मेयर बनकर बालेन शाह अभिनव प्रयोग करते रहे. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के बोझ को आनंददायक बनाने के लिए उन्होंने स्कूलों में टेक्स्टबुक-फ्री फ्राइडे का विचार शुरू किया. 

इसका उद्देश्य बच्चों को सप्ताह के एक दिन किताबों से बाहर निकालकर टेक्नोलॉजी, स्किल्स और प्रैक्टिकल लर्निंग से जोड़ना है. इस प्रोग्राम में शुक्रवार को छात्रों को पारंपरिक पाठ्यपुस्तकों की जगह रचनात्मक गतिविधियां, डिजिटल शिक्षा और जीवन कौशल सिखाए जाते हैं, जिससे उनका समग्र विकास हो सके. बालेन शाह ने इसे शिक्षा व्यवस्था में नवाचार और बच्चों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक कदम बताया है. 

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पारदर्शिता और जनसंपर्क

आज के जमाने की जरूरत के मुताबिक बालेन शाह ने बालेन ने सार्वजनिक बैठकों का लाइव प्रसारण शुरू किया ताकि पारदर्शिता बनी रहे और नागरिकों को मेयर कार्यालय तक सीधी पहुंच मिले. फेसबुक और X पर उनकी सक्रियता ने शासन को सुलभ बनाया. वे लोगों की समस्याओं से सीधे जुड़े. 

राजनीतिक दलों से दूरी

बालेन शाह की एक बड़ी खासियत रही राजनीतिक दलों से समान दूरी. उनके इस कदम ने उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बनाया. वैसे युवा जो 60-70 साल के नेताओं और उनकी भ्रष्ट राजनीति से तंग आ चुके थे. उनकी जीत ने नेपाल में स्वतंत्र उम्मीदवारों की लहर शुरू की. 

35 साल की उम्र में बालेन को Gen Z और मिलेनियल्स अपने जैसा मानते हैं. उनका पहनावा आधुनिक है. नजरिया वैश्विक है. काला ब्लेजर, जींस, और स्क्वायर चश्मा तथा टिकटॉक, X और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उनकी सक्रियता ने उन्हें युवाओं के करीब लाया. उनकी रैप संस्कृति और “डिस कल्चर” ने उन्हें साहसी और सत्ता-विरोधी छवि दी. 

टाइम मैगजीन ने उन्हें 2023 में 'टॉप 100 इमर्जिंग लीडर्स” में शामिल किया और द न्यूयॉर्क टाइम्स ने उनकी कवरेज की. इससे उनकी वैश्विक छवि को मजबूती मिली. 
 

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